कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा के ख़िलाफ अविश्वास प्रस्ताव
Meerut News - बुधवार को कैंट बोर्ड की राजनीति में भारी उठापटक हो गया। चार साल से कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष रहीं बीना वाधवा के खिलाफ भाजपा के छह सदस्यों और निर्दलीय बुशरा कमाल ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया।...
बुधवार को कैंट बोर्ड की राजनीति में भारी उठापटक हो गया। चार साल से कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष रहीं बीना वाधवा के खिलाफ भाजपा के छह सदस्यों और निर्दलीय बुशरा कमाल ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मिलते ही कमांडर ने सीईओ को आज शाम को विशेष बोर्ड बैठक बुलाने का निर्देश दिया। शाम में बैठक की सूचना जारी कर दी गई। उधर, भाजपा ने विपिन सोढ़ी को उपाध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
इससे पूर्व बुधवार को दिन भर कैंट बोर्ड के सात सदस्यों की अलग-अलग गोपनीय बैठक होती रही। बाद में भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल के साथ सभी सात सदस्य कैंट बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनमोल सूद से मिलने पहुंचे। उन्हें कैंट बोर्ड के सात सदस्य विपिन सोढ़ी, अनिल जैन, नीरज राठौर, धर्मेन्द्र सोनकर, रिनी जैन, मंजू गोयल और बुशरा कमाल के हस्ताक्षर से उपाध्यक्ष बीना वाधवा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। साथ ही जल्द से जल्द अविश्वास प्रस्ताव पर विचार के लिए विशेष बैठक बुलाने का आग्रह किया। कमांडर ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर विचार के लिए कैंट बोर्ड सीईओ को विशेष बैठक बुलाने का निर्देश दिया। सीईओ ने सूचना जारी कर गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर विचार के लिए बैठक की सूचना जारी कर दी। इसी बैठक में नये उपाध्यक्ष का चुनाव होगा।
कैंट बोर्ड का यह है समीकरण
केंट बोर्ड के बदले समीकरणों के हिसाब से आठ में से छह सदस्य वर्तमान में भाजपा के हैं। बुशरा कमाल निर्दलीय हैं। वर्तमान कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा बसपा की मानी जाती हैं। उनके पति सुनील कुमार वाधवा भी कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे हैं। 2015 में उपाध्यक्ष के चुनाव के समय भाजपा समर्थित रिनी जैन आदि ने ही बीना वाधवा को वोट देकर जीत दिलाई थी। केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही बदलाव की बयार चल रही थी। भाजपा नेता लगातार कैंट में उपाध्यक्ष बनाने की तैयारी में जुटे थे। अब उन्हें सफलता मिलता दिख रहा है। वार्ड-2 की सदस्य बुशरा कमाल के भाजपा सदस्यों के साथ आने से उपाध्यक्ष बीना वाधवा फिलहाल अकेली पड़ती दिख रही हैं, लेकिन उनके पति सुनील वाधवा को कैंट की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। सुनील वाधवा कई दशक से कैंट की राजनीति में हैं। अंतिम समय तक उनकी तरफ से पद बचाने के लिए प्रयास करने की प्रबल संभावना है ।
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दलगत राजनीति से उपर उठकर किया है काम
मेरे द्वारा दलगलत राजनीति से उपर उठकर क्षेत्र की जनता के हित के काम कराया गया। कैंट के सभी क्षेत्रों की आवाज उठाने का काम किया। जनहित के लिए मैं हमेशा लड़ती रहूंगी
- बीना वाधवा, उपाध्यक्ष, कैंट बोर्ड।
विश्वास खो चुकीं बीना वाधवा
कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा सदस्यों का विश्वास खो चुकी हैं। गुरुवार को कैंट बोर्ड की विशेष बैठक में सब फैसला हो जाएगा। पार्टी की ओर से सदस्यों को नोटिस जारी कर दिया गया है। कैंट बोर्ड में भाजपा का बहुमत है तो भाजपा का ही उपाध्यक्ष होगा
- मुकेश सिंघल, महानगर अध्यक्ष, भाजपा
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