देशसेवा के लिए सिर्फ सेना की वर्दी जरूरी नहीं : चेतन चीता
सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता ने कहा कि देशसेवा के लिए सिर्फ सेना की वर्दी जरूरी नहीं है। उन्होंने ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने की अपील की। चेतन चीता ने अपने ऑपरेशन का अनुभव साझा किया और नक्सलवाद...
चाहे जो भी काम हो, उसे बस ईमानदारी से करो। देशसेवा के लिए सिर्फ सेना की वर्दी जरूरी नहीं है। इसके बिना भी देशसेवा की जा सकती है। हमें बस हर काम में ईमानदारी और समर्पण दिखाना होगा। हम जो भी काम कर रहे हैं वह राष्ट्रभावना और राष्ट्रप्रेम से प्रेरित होकर करें। वंदे मातरम एवं जय हिन्द से गूंजते चौधरी चरण सिंह विवि ऑडिटोरियम में इनीशिएटिव फॉर मोरल एंड कल्चरल ट्रेनिंग फाउंडेशन के परमवीर वंदनम समारोह में सीआरपीएफ कमांडेंट एवं कीर्ति चक्र से सम्मानित चेतन चीता ने यह अपील की। चेतन चीता ने उस ऑपरेशन को साझा किया जिसमें उन्होंने आंतकियों से सीधा लोहा लिया था। उनके शरीर में नौ गालियां धंस गईं। एक आंख चली गई। बावजूद इसके उन्होंने काउंटर अटैक कर आंतकी को ढेर कर दिया। 45 दिनों से अधिक वह कोमा में रहे और अपनी जिजीविषा से ठीक होकर फिर से देश सेवा में जुट गए। चेतन चीता ने कहा कि सेना का जीवन सामान्य जीवन से अलग होता है। इसमें अनुशासन और जज्बा दोनों जरूरी हैं।
तीन साल में खत्म कर देंगे नक्सलवाद
चेतन चीता ने कहा कि वर्तमान में नक्सल ऑपरेशन बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने कहा कि जब वे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन में जाते हैं तो रास्ते एवं पगडंडी पर नहीं चलते बल्कि जीपीएस के सहारे घने जंगलों में आगे बढ़ते हैं। चेतन चीता ने कहा कि यदि वे रास्ते या पगडंडी पर चलें तो ट्रैप होने का खतरा रहता है। कमांडेंट के अनुसार नक्सली ऑपरेशन में जीपीएस का नया प्रयोग हो रहा है। इससे नुकसान कम हुआ है। उन्होंने दावा किया कि यदि यही स्थिति रही तो अगले दो-तीन साल में नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।
टिकटॉक-यूट्यूब नहीं, टीचर ही फ्यूचर : वत्स
एयर वाइस मार्शल डॉ.देवेश वत्स ने कहा कि पढ़-लिखकर युवा विदेश जाना चाहते हैं। पैसा कमाना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन क्या इसमें देश सेवा है? उन्होंने युवाओं से भारत के बारे में सोचने की अपील की। वत्स ने कहा कि भले ही कम कमाओ, लेकिन देश का गौरव बढ़ाओ। चुटीले अंदाज में वत्स ने कहा कि विवाहित हो या अविवाहित बिना वाइफ (वाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ईमेल) काम नहीं चलता। लेकिन टिकटॉक-यूट्यूब नहीं, टीचर ही आपके फ्यूचर हैं।
गलत को गलत कहना सीखिए: अमित कुमार
सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट एवं शौर्य चक्र से सम्मानित अमित कुमार ने कश्मीर में आपॅरेशन को साझा किया। अमित ने कहा कि यदि छात्र ईमानदारी और मेहनत से काम करें तो कोई भी सफलता से नहीं रोक सकता। अमित कुमार ने गलत को गलत कहने की आदत सीखने पर जोर दिया।
नो योर मैन, नो योर जॉब : नवीन राठी
ग्रुप कमांडर एनसीसी ब्रिगेडियर नवीन राठी ने कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र में आपने नो योर मैन, नो योर जॉब एवं नो योर योरसेल्फ के सिद्धांत को लागू कर लिया तो आप बेहतर लीडर हो सकते हो। राठी ने कहा कि भारतीय सेना दुनिया की एकमात्र सेना है जिसने युद्धक्षेत्र में हजारों मील जमीन जीतने और लाखों युद्धबंदी बनाने के बावजूद वापस कर दिया।
उल्फा आतंकवादी को पहना दी आर्मी ड्रेस : कर्नल त्यागी
कर्नल राजेश त्यागी ने उल्फा कैंप को ध्वस्त करने के ऑपरेशन को सफल बनाने की कहानी साझा की। कहा कि उन्होंने जिस उल्फा आतंकवादी को जीवित पकड़ा था, उसे आर्मी यूनिफॉर्म पहनकर अपने साथ रखा। उन्होंने 37 दिनों तक यह मिशन चलाया। इसमें उल्फा की दों कंपनियों ने सरेंडर कर दिया था।
पानी की कीमत समझो : ग्रुप कैप्टन पंकज जैन
ग्रुप कैप्टन पंकज जैन ने अपनी जैसलमेर पोस्टिंग को साझा किया। कहा कि उन्होंने इस पोस्टिंग से सीखा कि जल ही जीवन है। उन्होंने युवाओं से प्राकृतिक संसाधनों के प्रति संवेदनशील बनने को प्रेरित किया।
सांस्कृतिक-देशभक्ति प्रस्तुतियों में रंगा समारोह
छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक एवं देशभक्ति प्रस्तुतियों से समारोह को जीवंत कर दिया। चेतन चीता के ऑपरेशन को मंच से प्रदर्शित कर दर्शकों में जोश भर दिया। पूरे ऑडिटोरियम ने खड़े होकर तालियों से चेतन चीता का स्वागत किया।
हमारा देश तपस्वियों का देश
पूर्व कुलपति प्रो.एनके तनेजा ने कहा कि हमारा देश तपस्वियों का देश है। तपस्या का सीधा अर्थ है किसी बड़े उद्देश्य के साथ साधना करना। फाउंडेशन के राष्ट्रीय समन्वयक गुणवंत सिंह कोठारी ने कहा कि भारतभूमि योगियों और ऋषियों की धरती है जहां मोक्ष का रास्ता है। कहा कि किसी भी व्यक्ति का माइंडसेट उसके जीवन का निर्धारण करता है। कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने कहा कि भारत में धर्म और राष्ट्र सामाजिक जीवन में एकाकार है। सशक्त राष्ट्र बिना कोई भी सुरक्षित नहीं है। राष्ट्र सेवा करने वालों का भी सम्मान होना चाहिए। समन्वयक प्रो.जयमाला ने कहा कि छात्रों के व्यक्तित्व विकास एवं उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का यह छोटा सा प्रयास है। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे। छात्रों ने सभी परमवीर चक्र विजेताओं को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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