मां बगलामुखी यज्ञ में आहुति देना पुण्य के सामान- चेतनानंद सरस्वती
Meerut News - शास्त्रीनगर सरस्वती शिशु मंदिर में शुक्रवार को पांच दिवसीय मां बगलामुखी यज्ञ का शुभारंभ किया गया। यज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहुति दी। यति चेतनानंद ने बताया कि माँ बगलामुखी की भक्ति और यज्ञ से भक्तजन हर...
शास्त्रीनगर सरस्वती शिशु मंदिर में शुक्रवार को पांच दिवसीय मां बगलामुखी यज्ञ का शुभारंभ किया गया। विधि विधान से मां बगलामुखी यज्ञ कराया गया। यज्ञ में पहुंचे श्रद्धालुओं ने यज्ञ मे आहुति दी। प्रवचन करते हुए यति चेतनानंद सरस्वती ने कहा कि दस महविद्याओं में से अष्टम महाविद्या माँ बगलामुखी हैं जो सात्विक मनोकामना रखने वाले सनातनियों को अजेय कर देती हैं। माँ की भक्ति और यज्ञ करने वाले भक्तजन किसी भी समस्या से विचलित नहीं हो सकते क्योंकि माँ स्वयं उनकी सहायता करती हैं, जो स्वयं को माँ की भक्ति और साधना में समर्पित कर देते हैं। कहा क़ी विजय की देवी माँ बगलामुखी यज्ञ में आहुति देना अक्षय पुण्य के सामान है। माँ का स्वरूप अलौकिक है, माँ की आभा स्वर्ण के सामान है और वह पीताम्बर रूप में समूचे ब्रह्माण्ड में प्रकाशित होती है। माँ को पीले वस्त्र, स्वर्ण आभूषण, पीला भोग, मिष्ठान , पीला शृंगार , पीले पुष्प श्रद्धा भाव से अर्पित किए जाएँ तो माँ अत्यंत प्रसन्न होती हैं इसलिए माँ को पीतांबरा भी कहा जाता है। जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को भी इस जगत के संचालन और संरंक्षण के लिए माँ बगलामुखी का ध्यान करना पड़ता है। माँ की कृपा जिस पर होती है कहा जाता है की वह कृपा ब्रह्मास्त्र शक्ति के समान ही व्यक्ति के जीवन को संचालित करती है। सात्विक रूप से माँ की आराधना करने वाला व्यक्ति सम्पूर्ण जीवन किसी भी स्थिति और परिस्थिति से भयभीत नहीं होता। रंजना वर्मा, सौरव ठाकुर, अलका त्यागी, शोभा कौशिक, सुमन, तेजस्वीनी, पायल अग्रवाल, मिनाक्षी, मानसी आदि का सहयोग रहा।
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