रविंद्रपुरी में घर-घर में संक्रमित, बेरोकटोक आवाजाही
शहर और देहात इलाके में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी तरफ लोगों की लापरवाही भी कम होती नज़र नहीं आ रही है। इसे नासमझी कहें या...
शहर और देहात इलाके में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी तरफ लोगों की लापरवाही भी कम होती नज़र नहीं आ रही है। इसे नासमझी कहें या फिर फितरत, जो भीड़ जुट रही है वह कोरोना संक्रमण को फैलाने का काम कर रही है। सदर का रविन्द्रपुरी नया बाजार इलाका पिछले लॉकडाउन में कई दिनों तक सबसे बड़ा कोरोना केंद्र रहा था। इस बार भी यहां घर-घर में संक्रमित हैं, फिर भी लोगों की आवाजाही आम दिनों की तरह बेरोकटोक जारी है।
पति-पत्नी ने तोड़ दिया था दम
इस इलाके में 30 सदस्यीय परिवार रहता है। पिछले दिनों इस परिवार में शादी समारोह था। शादी के दौरान अचानक इस परिवार की एक महिला की देखते ही देखते मौत हो गई। इस बीच मात्र चार दिनों में महिला के पति की भी मौत हो गई। महिला के शव को अंतिम संस्कार से पहले घर लाया गया जहां बिरादरी के बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए परंतु महिला के पति के शव को कोरोना की आशंका के चलते अस्पताल से सीधे सूरजकुंड ले जाया गया।
पूरा परिवार पॉजिटिव, नहीं बनाया कंटेनमेंट जोन
दो मौत के बाद परिवार के अन्य सदस्यों का कोरोना टेस्ट कराया गया और जैसी उम्मीद थी वैसा ही हुआ। टेस्ट में इस परिवार के छह सदस्य जिनकी उम्र पन्द्रह से अठारह साल के बीच है, सभी पॉजिटिव पाए गए। सरकार की गाइड लाइन के तहत इस इलाके को कंटेनमेंट जोन बनाया जाना चाहिए था। दूसरी तरफ एसओपी के तहत सभी संक्रमित मरीजों को घरों में रहना चाहिए, लेकिन यहां की तस्वीर कुछ अलग ही देखी जा सकती है।
घूम रहे संक्रमित, बैठ रहा दिन
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां के घर घर में संक्रमित हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन किसी भी तरह का एहतियात नहीं बरत रहा है। संक्रमित लोग बेरोकटोक घूम रहे हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन या फिर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई भी देखने सुनने वाला नहीं है।
घर-घर जांच तो हो खुलासा
क्षेत्रवासी कहते हैं कि शहर के पुराने इलाकों में शुमार रविंद्र पुरी इलाके में हजारों की आबादी है। घर-घर में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोग हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम अगर डोर टू डोर जांच करे तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएंगे।
-शक्ति सिंह
प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है, नहीं हो रही सुनवाई
प्रशासन पूरी तरह से आंखें मूंदे बैठा है। लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। जरूरत है सख्ती करते हुए लोगों को वैक्सिनेशन के लिए प्रेरित करते हुए छोटे स्तर पर वैक्सीन की व्यवस्था कर वैक्सिनेशन कराएं।
-सुनील कुमार
नहीं कराया जा रहा सैनिटाइजेशन और फॉगिंग
क्षेत्र पूरी तरह से बदहाली का शिकार है। कैंट बोर्ड सदस्यों से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन सफाई व्यवस्था पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा। सैनिटाइजेशन और फागिंग भी नहीं कराई जा रही है।
-गीता रानी
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