अस्पताल ने मंगवाई ऑक्सीजन, 18 घंटे में आया नंबर
मेरठ में ऑक्सीजन संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब छोटे अस्पतालों में भी मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन के सिलेंडर लेकर रीफिलिंग सेंटरों पर...
मेरठ। मुख्य संवाददाता
मेरठ में ऑक्सीजन संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब छोटे अस्पतालों में भी मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन के सिलेंडर लेकर रीफिलिंग सेंटरों पर दौड़ाया जा रहा है।
घंटाघर निवासी परिवार का एक सदस्य आयशा अस्पताल में भर्ती है। मरीज के परिजनों को ऑक्सीजन 18 घंटे बाद मिल सकी। इस दौरान परिवार के सदस्य बारी-बारी से सिलेंडर लेकर लाइन में खड़े रहे।
अधिकारियों का आदेश था कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन सीधे प्लांट से अस्पताल पहुंचेगी। इस दौरान कोई भी अस्पताल मरीजों के परिजनों-तीमारदारों से ऑक्सीजन नहीं मंगवाएगा। इसके बाद भी अस्पतालों की मनमानी जारी है। घंटाघर निवासी यासीन खान ने बताया कि उनके बड़े भाई अब्दुल मतीन बीमार थे। उन्हें तीन दिन पहले ईदगाह के पास आयशा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया कि अस्पताल ने साफ कह दिया कि अस्पताल में उपचार तभी होगा, जब मरीज के लिए ऑक्सीजन आएगी। उन्हें परतापुर की अग्रवाल ऑक्सीजन प्लांट पर भेज दिया गया। यहां वह सिलेंडर लेकर 18 घंटे से इंतजार करते रहे। बाद में अधिकारियों को भी बताया कि मरीज की हालत गंभीर है। अस्पताल का लेटर भी दिखाया। इसके बाद आश्वासन दिया कि ऑक्सीजन सिलेंडर में भरवाई जा रही है। यासीन ने बताया कि वह और परिवार के सदस्य बारी बारी से लाइन में खड़े रहे। कई बार हंगामे की नौबत आई, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। शाम सात बजे ऑक्सीजन मिल सकी।
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