हिन्दुस्तान मिशन शक्ति : जैविक खेती कर प्रेरणा स्रोत बनीं मेरठ की उर्मिला
मेरठ/किठौर। हिन्दुस्तान टीम मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती...
मेरठ/किठौर। हिन्दुस्तान टीम
मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। यह पंक्तियां माछरा ब्लाक के गोविंदपुरी निवासी उर्मिला वशिष्ठ पर सटीक साबित होती हैं। जिंदगी के छह दशक सरकारी सेवा में गुजारने के बाद उर्मिला अब गांव में रहकर न सिर्फ खुद जैविक खेती कर रही हैं बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर 23 दिसंबर को किसान सम्मान दिवस पर उर्मिला वशिष्ठ को सम्मानित किया जा चुका है।
उर्मिला ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद उनका मन गांव में रहकर जैविक खेती करने का था। उनका सपना था कि गांव में रहकर नए ढंग से खेती करेंगे ताकि शुद्ध खाद्यान्न पैदा कर सकें। इसी सोच के साथ उर्मिला ने जैविक खेती शुरू की। उर्मिला ने बताया कि वह स्वयं खरीदी हुई एक एकड़ भूमि पर जैविक खेती कर गेहूं, धान, सरसों, मसूर, अरहर, अलसी, लहसुन आदि की खेती करती हैं। अपने परिवार की खपत के मुताबिक रोककर बचे खाद्यान्न को बेच देती हैं। इस खाद्यान्न को मोदीपुरम कृषि विश्वविद्यालय द्वारा खरीद लिया जाता है। अब उनके जैविक खेती के इस प्रयास को देख काफी लोग इस कार्य में जुड़ गए हैं। तमाम लोग उनसे जानकारी भी लेने आते हैं।
प्रोफाइल
नाम: उर्मिला वशिष्ठ
निवासी: गोविन्दपुरी, माछरा
पेशा: जैविक खेती
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