हमें परमात्मा से जोड़े वही गुरु : अरविंद ओझा
Meerut News - मेरठ में नागा बाबा ट्रस्ट मंदिर में हनुमंत कथा के दौरान कथावाचक अरविंद भाई ओझा ने माता सीता और हनुमान जी के जीवन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर समाज सेवा का केंद्र होना चाहिए और हनुमान जी का...
मेरठ। सूरजकंड स्थित नागा बाबा ट्रस्ट मंदिर में चल रही हनुमंत कथा में गुरुवार को कथावाचक ने माता सीता और हनुमान जी के जीवन पर प्रकाश डाला। कहा कि हमारे मंदिर समाज सेवा और समाज की जागृति के केंद्र बनने चाहिए। कथावाचक अरविंद भाई ओझा ने कहा कि हनुमान जी के मंदिर के साथ अगर अखाड़ा नही है तो मंदिर अभी अधूरा है। गृहस्थ लोगों की जिम्मेदारी है कि गुरु और पुरोहित के जीवन यापन की व्यवस्था करे। कहा माता सीता का जन्म प्रकृति की कोख से और हनुमान जी का जन्म प्रकृति की गोद में हुआ है। इसलिए माता सीता स्वयं प्रकृति हैं और हनुमान जी उनके रक्षक हैं। हनुमान जी संदेश देते हैं कि जो पशु-पक्षी, जीव-जंतु, कीट-पतंगे, पेड़-पौधे सब में परमात्मा का वास मानकर उनकी सेवा करता है भगवान ऐसे सेवक पर प्रेम और कृपा की वर्षा करते हैं। गुरु की महत्ता बताते हुए कहा कि हमें परमात्मा से जोड़े वही गुरु हो सकता है। कहा कि जीवन एक सरिता है जो सुख और दुख दो किनारों के बीच बहते हुए आगे बढती है। जैसे नदी के दोनों किनारे एक साथ नहीं आ सकते, उसी प्रकार जीवन में सुख दुख एक साथ नहीं आते। इसलिए जीवन में इनको सहते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हनुमान जी ने भगवन के काम के लिए अपने नाम को मिटा दिया। लंका में हनुमान जी का नाम कोई नहीं जानता, केवल रामदूत के नाम से ही सब जानते है। जो परमात्मा के लिए अपने नाम, रूप और यश को त्याग देता है, उसका गुणगान परमात्मा स्वयं अपने मुख से करते हैं।
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