परिजनों का दावा, हत्या के बाद बेटे के फोन से हुए मैसेज
गगन तेवतिया हत्याकांड में परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या सोची-समझी साजिश के तहत की गई। पुलिस पर आरोप है कि वे आरोपियों को बचा रही है। गगन की हत्या के समय भेजे गए मैसेज संदिग्ध हैं और परिवार ने...
गगन तेवतिया हत्याकांड में पुलिस की विवेचना को परिजनों ने कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। उनका आरोप है कि सोची समझी साजिश के तहत उनके बेटे की हत्या की गई है और पुलिस आरोपियों को बचा रही है। उनके पास मौजूद साक्ष्य इस बात की गवाही दे रहे हैं। साईं नगर निवासी देवेंद्र सिंह तेवतिया का कहना है कि उनका बेटा गगन 24 मई की सुबह भोपाल बिहार गढ़ रोड स्थित निजी लाइब्रेरी में पढ़ने गया था। वहीं से आरोपी दोनों युवक योजना के तहत उसे अपने साथ भावनपुर थाना क्षेत्र के राली चौहान गांव स्थित जंगल में ले गये और हत्या कर दी। गगन की मौत की सूचना उसके एक दोस्त ने पौने छह बजे से छह बजे के बीच दी थी, जबकि जिन मोबाइल मैसेज को आधार बनाकर पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है, वह मैसेज मौत के बाद लिखे गए हैं। जो व्यक्ति मर चुका है, वह अपनी मौत के बाद अपने मोबाइल से मैसेज कैसे भेज सकता है? इससे स्पष्ट है कि हत्या को आत्महत्या दर्शाने के लिए पूरी योजना बनाई गई। इस मैसेज में एक युवती के नाम का जिक्र आया है लेकिन पुलिस ने उससे बात नहीं की। एक गलत वीडियो का जिक्र किया गया है लेकिन वह भी सामने नहीं लाई गई। यह तक नहीं देखा गया कि मैसेज कहां और किसके नंबरों पर भेजे गए हैं। बहुत सारे मैसेज डिलीट किए गए। वह डिलीट क्यों हुए, पुलिस के पास इनका कोई जवाब नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि उसी माह कुछ ट्रांजेक्शन उनके बेटे गगन तेवतिया के एकाउंट से की गई थीं। काफी पैसा ऐसा है जो दोनों में से एक आरोपी के खाते में भेजा गया है। इन सभी सवालों के जवाब छह माह से लंबित हैं और पुलिस उनसे कन्नी काट रही है।
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