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खत्म नहीं हो रही डीएपी की किल्लत, किसान परेशान

जनपद में डीएपी की कमी को लेकर किसान शिकायत कर रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि डीएपी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है, लेकिन किसानों को सहकारी समितियों से सही मात्रा नहीं मिल रही है। मंडलायुक्त ने बैठक...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठMon, 25 Nov 2024 01:51 AM
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जनपद में डीएपी के लिए सहकारी समितियों से लेकर प्राइवेट दुकानों तक खूब मारामारी मची है। जिला प्रशासन का दावा है कि डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। रविवार को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने संयुक्त विकास आयुक्त और संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक सहकारिता व सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, बी-पैक्स के सभी सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दौरान जानकारी मिली कि बागपत में पिछले वर्ष की समान अवधि में डीएपी का 1082 मीट्रिक टन के सापेक्ष 1794 मीट्रिक टन का वितरण हो चुका है। मेरठ जनपद में गत वर्ष के 3000 मीट्रिक टन के सापेक्ष 2516 मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है। पूरे मंडल में गत वर्ष की समान अवधि में कुल 17366 मीट्रिक टन डीएपी के सापेक्ष 17984 मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है जो 618 मीट्रिक टन ज्यादा है। हालांकि, जिला प्रशासन के दावों के उलट किसान डीएपी को लेकर शिकायत कर रहे हैं। चिंदौड़ी निवासी किसान कपिल विहान का कहना है कि लावड़ सहकारी समिति पर किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल रही है। वहीं, भाकियू नेता राजकुमार करनावल का कहना है कि संगठन के पास रोज किसानों के फोन आ रहे हैं कि जमीन की फर्द देखे बिना डीएपी नहीं दी जा रही है।

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