काशी टोल पर फर्जी आइकार्ड के शक में युवक से बदसलूकी
परतापुर स्थित काशी टोल पर एक एमबीबीएस छात्र को फर्जी आइकार्ड के संदेह में टोलकर्मियों ने पुलिस को सौंप दिया। जांच में पता चला कि युवक वास्तव में छात्र है, जिसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। टोलकर्मियों...
परतापुर स्थित टोल पर मंगलवार शाम फर्जी आइकार्ड के शक में टोलकर्मियों ने एक एमबीबीएस के छात्र से अभद्रता कर दी और उसे पुलिस को सौंप दिया। छानबीन में जब खुलासा हुआ कि युवक वास्तव में एमबीबीएस का छात्र है तो पुलिस ने बिना देरी किए उसे छोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि शक के आधार पर छात्र को पकड़ा गया था लेकिन छानबीन में सबकुछ ठीक पाया गया। मामला काशी टोल का है। मंगलवार को यहां तैनात टोलकर्मियों ने शक के आधार पर एक कार को रोका। कार में मौजूद शख्स ने जेब से एक आइकार्ड निकाला और टोलकर्मी को थमा दिया। टोलकर्मी ने वह अपने अफसरों का दिखाया तो उन्हें कुछ शक हुआ। वह आइकार्ड को फर्जी बताने लगे। इस पर युवक से उनकी नोकझोंक हो गयी। टोलकर्मियों ने युवक को दबोच लिया और परतापुर पुलिस को बुलाकर उनकी सुपुर्दगी में थाने भेज दिया। परतापुर पुलिस भी बिना जांच पड़ताल किये युवक को थाने लेकर आ गयी। युवक कहता रहा कि वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। गाजियाबाद का रहने वाला है और अप-डाउन करता है। बाद में इंस्पेक्टर परतापुर जितेंद्र सिंह ने उसका आइकार्ड देखा और संस्थान में भी पूछताछ की। युवक का आइकार्ड वैध था और वह वास्तव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद परतापुर पुलिस ने युवक को छोड़ दिया।
इनका कहना है :
- युवक के पास जो आइकार्ड मिला था, वह पुलिस का नहीं था। उसके पास अपना डाक्टरी का आइकार्ड था। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। मामले में टोल से कोई तहरीर नहीं मिली, जिस कारण युवक को छोड़ दिया गया। - जितेंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक, परतापुर।
- युवक ने जो आइकार्ड दिखाया था, वह उसका डाक्टरी का आइकार्ड था। अस्पष्ट होने के कारण उस पर शक हुआ था। इसीलिए पुलिस को बुलाकर थाने भेज दिया गया। अभद्रता की बात गलत है। - सुमित सिंह, सीनियर मैनेजर, काशी टोल।
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