Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मेरठDengue Awareness Importance of Hydration and Blood Pressure Monitoring

डेंगू में पानी की कमी हर उम्र वालों के लिए हो सकती है जानलेवा

डेंगू के मामलों में अधिकतर मरीज घर पर ठीक हो जाते हैं, लेकिन लापरवाही जानलेवा हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, तरल पदार्थ की कमी और ब्लड प्रेशर की निगरानी जरूरी है। डेंगू में बुखार के लिए पेरासिटामोल...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठMon, 7 Oct 2024 01:45 AM
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डेंगू का नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू का हर मामला गंभीर नहीं होता और इस बीमारी से पीड़ित अधिकतर मरीज घर पर ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. तनुराज सिरोही का कहना है कि डेंगू से पीड़ित होने पर शरीर में तरल पदार्थ की कमी और आराम न करना कम उम्र के लोगों को भी ज्यादा गंभीर बीमार कर सकता है। इसलिए हर उम्र के लोगों को बीमारी के दौरान पानी पीने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। प्लेटलेट्स से ज्यादा बीपी की निगरानी करें

मेडिकल कॉलेज में मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद कहते हैं कि डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से पहले मरीज के ब्लडप्रेशर की निगरानी अधिक महत्वपूर्ण है। प्लेटलेट्स कम होने से व्यक्ति की जान जाने का खतरा जितना है, उससे कहीं अधिक खतरनाक उसकी शिराओं को जोड़ने वाली कैपिलरी के लीक होने से है। व्यक्ति के ब्लड प्रेशर कम होना इसका एक महत्वपूर्ण लक्षण है। उनका कहना है कि तरल पदार्थ की कमी से मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर की ओर जा सकता है। इसलिए बीमारी के दौरान अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए

क्या करें और क्या न करें

● -डेंगू में बुखार आने पर सिर्फ पेरासिटामोल का इस्तेमाल करें

● -डेंगू में आराम करना और तरल पदार्थ लेते रहना बहुत जरूरी है

● -तरल पदार्थ में कोल्ड ड्रिंक और शराब शामिल नहीं है

● -डेंगू में उल्टी होने से शरीर में डिहाइड्रेशन और हालत गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है

● -कुछ ऐसी चीज का सेवन न करें, जिससे उलटी होने का खतरा हो

● -अगर ब्लड प्रेशर कम हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

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तीन जांच पर नजर रखें

डेंगू के दौरान सबसे बड़ी परेशानी कैपिलरी-लीकेज की होती है। कैपिलरी शरीर में बहुत छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जिनकी मदद से खून के जरिए ऑक्सीजन और पोषक तत्व शरीर के ऊतकों तक पहुंचते हैं। कैपिलरी की दीवारें इस बीमारी में अधिक छिद्रदार हो जाती हैं, जिस कारण खून कोशिकाओं से रिसता हुआ शरीर में ही जमा होने लगता है, जो शरीर के किसी काम का नहीं रहता। इस वजह से शरीर में तरल प्लाज्मा की कमी होने लगती है। तरल प्लाज्मा की इसी कमी के कारण ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है और हिमैटोक्रिट में इजाफा होने लगता है।

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