Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मेरठCrackdown on Expired Drugs Trade in Sardhana Authorities Seize Narcotic Medicines

मेडिकल स्टोर और झोलाछाप को बेची जाती थीं एक्सपायर दवाएं

सरधना में एक्सपायर दवाओं का अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा था। आरोपी नाजिम ने रात के अंधेरे में दवाओं को लाकर उनकी एक्सपायरी डेट बदलकर बेचा। हाल ही में, दस पेटी नशे की दवाएं बरामद की गईं, जिनकी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठWed, 6 Nov 2024 01:30 AM
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सरधना में एक्सपायर दवाओं का कारोबार लंबे समय से चल रहा था। रात के अंधेरे में गाड़ी में भरकर दवाएं लाई जाती थीं। फिर तारीख बदलकर उसे बाजार में बेच दिया जाता था। क्षेत्र में इस अवैध कारोबार की चर्चा भी थी लेकिन औषधि विभाग इससे पूरी तरह बेखबर रहा। आसपास के लोगों का कहना है कि लंबे समय से ये अवैध कारोबार चल रहा था। रात के अंधेरे में गाड़ी में भरकर माल लाया जाता था। दवाओं की एक्सपायरी डेट को केमिकल से साफ करके उस पर नई डेट लिखी जाती थी। बाद में दवाइयों को मेडिकल स्टोर और छोलाछाप डॉक्टरों को बेच दिया जाता था। लोगों के अनुसार आरोपी नाजिम आसपास के कई मेडिकल स्टोर्स के जरिए यह कारोबार करता था। उसे अक्सर मेडिकल स्टोर्स पर बैठे हुए देखा गया है।

दस पेटी नशे की दवाएं मिलीं

बताया जा रहा है कि बरामद दवाओं में दस पेटी नशे की दवाएं भी हैं। ये दवाएं खैरनगर स्थित एक फार्मा को सप्लाई होनी थी। इस फार्मा पर पिछले दिनों दिल्ली नारकोटिक्स की टीम ने छापा भी मारा था।

2019, 22 व 23 की दवाइयों का मिला भंडार

मकान के अंदर मिली अधिकतर दवाइयां वर्ष 2019 व 2022, 23 की एक्सपायर थी। दर्जनभर पेटियां मकान में रखी मिलीं। कुछ की तारीख बदली जा चुकी थी, जबकि कुछ की बदली जा रही थी। बरामद दवाओं में एंटीबायोटिक, दिल, गुर्दा, शुगर, बीपी, कफ सीरप, दर्द निवारक व सेक्सवर्धक दवाइयों की मात्रा अधिक है।

मेडिकल स्टोर संचालकों में मचा हड़कंप

एक्सपायर दवाओं का जखीरा पकड़े जाने की सूचना से मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। छापे पड़ते ही आसपास के कई मेडिकल स्टोर संचालक दुकान बंदकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि इनमें से कई ऐसे हैं, जो इन दवाओं की खरीद फरोख्त करते थे।

दो जिलों के औषधि निरीक्षक जांच को पहुंचे

सूचना पर मेरठ से औषधि निरीक्षक गौरव लोधी व पीयूष शर्मा, बागपत के औषधि निरीक्षक मोहित कुमार और मुजफ्फरनगर के औषधि निरीक्षक टीम के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंचे। पीयूष शर्मा ने बताया कि दवाओं की सूची तैयार की जा रही है। लगभग 20 से 25 लाख रुपये का माल मिला है। जांच जारी है।

प्रशासन से मांग है कि सिर्फ आरोपियों को पकड़ कर इतिश्री न की जाए बल्कि जहां से इन लोगों ने सामान खरीदा है और जिन लोगों को बेचा है, उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाए। ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। उनके लाइसेंस कैंसिल किए जाएं, तभी इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।

- रजनीश कौशल, महामंत्री, जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

ड्रग विभाग द्वारा पहले जिन दवाओं के सैंपल लिए गए थे, उनमें से फेल होने पर कितनी कंपनियां पर कार्रवाई की गई। अधिकारी आठ से दस दुकानों की हर दिन जांच कर रहे हैं। फिर भी अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही।

- इंद्रपाल सिंह, अध्यक्ष, होलसेलर और रिटेलर केमिस्ट एसोसिएशन

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