मातृ मृत्यु दर कम करने पर डॉक्टरों ने किया मंथन
भारत में मातृ मृत्यु दर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसे कम करने के लिए मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में एक कांफ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों ने व्याख्यान दिए और शोधपत्र प्रस्तुत किए।...
भारत में मातृ मृत्यु दर आज भी एक बड़ा स्वास्थ्य मुद्दा है। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में एक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें देश-प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने व्याख्यान दिया। कई शोधपत्र भी पेश किए गए। सेमिनार का आयोजन नौ और दस नवंबर को हुआ। सेमिनार की आयोजन समिति की सदस्य और एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग डॉ. रचना चौधरी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के 42 दिनों के अंदर महिला की मौत को मातृ मृत्यु दर कहते हैं। इसे कम करना बहुत जरूरी है। मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रसूति देखभाल प्रणाली में सुधार और तकनीक में प्रगति पर सेमिनार में डॉक्टरों ने मंथन किया। कार्यक्रम में पूरे देश से करीब 250 डॉक्टरों ने भाग लिया। मेरठ मेडिकल कॉलेज से डॉ. रचना के साथ ही डॉ. वंदना, डॉ. अरुणा वर्मा, डॉ. शकुन, डॉ. अनुपम ने व्याख्यान दिया। इसके अलावा एलएलआरएम की छह पीजी डॉक्टरों ने अपना शोधपत्र भी पेश किया।
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