सर्किल रेट : एसडीएम, तहसीलदारों से रिपोर्ट तलब
जिले के सर्किल रेट को लेकर तीनों तहसील के एसडीएम, तहसीलदारों से रिपोर्ट तलब की गई है। नई सड़कों के किनारे बसे आबादी का ब्योरा मांगा गया है। तीन दिनों में रिपोर्ट मिलने के बाद सर्किल रेट का संशोधित...
जिले के सर्किल रेट को लेकर अब तीनों तहसील के एसडीएम, तहसीलदारों से रिपोर्ट तलब की गई है। एसडीएम, तहसीलदारों से नई विकसित सड़कों के किनारे बसी आबादी, कालोनियों का ब्योरा मांगा है। अब इसे भी निबंधन विभाग के प्रस्ताव के साथ शामिल कर सर्किल रेट को संशोधित किया जाएगा। डीएम के निर्देश पर एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी की ओर से शुक्रवार को मेरठ, मवाना और सरधना तहसील के एसडीएम, तहसीलदारों को पत्र जारी कर कहा है कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए सर्किल रेट का निर्धारण किया जाना है। पिछले दो वर्षों में कोई पुनरीक्षण नहीं हुआ है, जबकि तहसीलों में नई विकसित सड़कों के किनारे काफी आबादी विकसित हो गई है। ऐसे में सर्किल रेट के पुनर्निधारण को लेकर आबादी के 200 मीटर की परिधि के सभी गाटा संख्या और ब्योरा उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। ऐसे में तहसील स्तर से आबादी के 200 मीटर परिधि में स्थित गाटा संख्या रिपोर्ट के साथ एआईजी स्टांप को तीन दिन में अर्थात सोमवार तक उपलब्ध कराने को कहा गया है। अब तीनों तहसीलों की रिपोर्ट के बाद एआईजी स्तर पर मूल्यांकन कर सर्किल रेट का संशोधित प्रस्ताव विचार के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। तब जाकर डीएम के स्तर पर बैठक होगी। फिर सर्किल रेट के प्रस्ताव को सुझाव और आपत्ति के लिए जारी किया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि अब कम से कम एक सप्ताह का समय तो लगना तय है।
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