Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मेरठChhath Festival 2023 Celebrations Begin with Nahai Khai on November 5

आज नहाय खाय के साथ शुरू होगा छठ महापर्व, तैयारी जोरों पर

लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार, 5 नवंबर से नहाय खाय के साथ शुरू होगा। दूसरे दिन खरना के बाद 36 घंटे का निर्जल उपवास रहेगा। यह पर्व 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा। इस वर्ष...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठTue, 5 Nov 2024 01:51 AM
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लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो जाएगा। दूसरे दिन बुधवार को खरना होगा। खरना के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जल उपवास प्रारंभ हो जाएगा, जो शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होगा। इस वर्ष छठ महापर्व पांच नवंबर(मंगलवार) से आठ नवंबर(शुक्रवार) तक मनाया जाएगा। छठ पूजा के शुभ अवसर पर व्रती भगवान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं। पूजा से कृपा प्राप्त होती है। छठी मैया को संतानों की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। छठ पूजा के दिन सूर्य उपासना और छठी मैया की पूजा का विशेष महत्व है। मंगलवार को छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय से शुरुआत होगी। इसके लिए सोमवार को भी घरों को शुद्ध करने का कार्य किया जाता रहा। मंगलवार सुबह में व्रती पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य और छठ मैया से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर संकल्प लेंगी। दूसरे दिन छह नवम्बर को खरना पूजा, तीसरे दिन सात नवम्बर गुरुवार को निर्जला व्रत रखकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पूजा के अंतिम दिन आठ नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा। इस तरह छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न होगा।

चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक छठ पूजा का है विधान

हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक छठ पूजा मनाई जाती है। छठ पर्व पर भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना और अर्घ्य देने का विधान है। विवाहित महिलाएं और पुरुष इस व्रत को विधिपूर्वक करते हैं। पुरुष भी जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए भगवान सूर्य देव की उपासना करते हैं। इस व्रत को करने से जातक को सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन खुशहाल होता है।

इस बार ये है शुभ योग

ज्योतिष वैज्ञानिक और विश्व ज्योतिष संघ के अध्यक्ष भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस वर्ष सात नवम्बर को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र व धृति योग में, चन्द्रमा धनु राशि में विचरण कर रहे होंगे। यह विशेष योग पञ्च महायोग, धन योग, हंस योग, बुधादित्य योग व रवि योग भी इस दिन निर्मित होने से यह पर्व शुभतम हो रहा है। इस प्रकार यह ग्रहराज सूर्य की उपासना का महापर्व महा शुभ योग बना रहा है।

गगोल से गंगानगर तक चल रही तैयारी

शहर में छठ महापर्व मनाने के लिए गगोल सरोवर, गंगानगर, पल्लवपुरम, तक्षशिला कालोनी, सोमदत्त सिटी, न्यू मीनाक्षीपुरम समेत शहर के विभिन्न भागों में छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है। छठ पूजा समिति पल्लवपुरम फेज-2 के अध्यक्ष भोगेन्द्र झा ने बताया कि इस बार भी पल्लवपुरम में विशेष आयोजन होगा। अस्थायी कुंड बनाकर डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

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