निजी कॉलेजों के लिए चुनौती बनेगी दूरस्थ शिक्षा
चौधरी चरण सिंह विवि ने मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) की शुरुआत की है, जो मेरठ मंडल के निजी कॉलेजों के लिए चुनौती बन सकती है। ओडीएल के तहत कम फीस और समान मूल्यांकन प्रक्रिया के कारण छात्र प्राइवेट...
चौधरी चरण सिंह विवि में पहली बार शुरू होने जा रही मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग) यानी ओडीएल मेरठ मंडल के सात सौ से अधिक निजी कॉलेजों के लिए चुनौती बन सकती है। रेगुलर डिग्री के समकक्ष, सेमेस्टर सिस्टम, मूल्यांकन की समान प्रक्रिया और रेगुलर से कम फीस छात्रों को प्राइवेट मोड से ओडीएल की ओर ले जाएगी। ओडीएल में कोर्स की फीस सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की तुलना में बहुत कम होगी। ऐसे में छात्र ओडीएल को प्राथमिकता देंगे। प्राइवेट मोड में डिग्री की वैधता के बार-बार उठते सवालों के बीच भी ओडीएल छात्रों के लिए बेहतर विकल्प बनेगा। इन सभी कारणों से निजी कॉलेजों को छात्रों के ओडीएल में शिफ्ट होने की चिंता सता रही है।
सेल्फ पाऊाइनेंस कॉलेज फेडरेशन के अध्यक्ष एडवोकेट नितिन यादव ने पूरे मामले में कॉलेजों के समक्ष मौजूद खतरे को बिंदुवार प्रस्तुत करते हुए विवि को भेजा है। नितिन यादव के अनुसार ओडीएल से सर्वाधिक नुकसान निजी कॉलेजों का होगा। छात्र बार-बार परीक्षाओं के जंजाल से बचेगा एवं कम फीस में डिग्री पूरी हो जाएगी। पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे कॉलेज इससे और घाटे में आ जाएंगे। जिन कॉलेजो में केवल आर्ट्स और कॉमर्स विषय चल रहे है वहां संकट ज्यादा होगा। मजबूरीवश कॉलेजों को शिक्षक-कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ेगी। विवि की ओडीएल की पहल अच्छी है, लेकिन नीति इस तरह से बनाई जाए कि निजी कॉलेज खत्म ना हों। विवि निजी कॉलेजों को भी ओडीएल का केंद्र बनाए।
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