शरद पूर्णिमा पर सहयोग संस्था ने कराया सुंदरकांड का पाठ
शरद पूर्णिमा पर सहयोग सामाजिक संस्था ने ब्रह्मपुरी इंद्रानगर में सुंदर कांड का पाठ किया। डॉ. प्रेम कुमार शर्मा ने इस दिन के महत्व को बताया, जिसमें चंद्रमा की सोलह कलाओं का पूर्ण होना और मां लक्ष्मी का...
शरद पूर्णिमा पर गुरुवार को सहयोग सामाजिक संस्था ने ब्रह्मपुरी इंद्रानगर में सुंदर कांड का पाठ कराया। शुभारंभ रीता चौधरी और अर्पित चौधरी ने किया। डॉ. प्रेम कुमार शर्मा ने शरद पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी किरणों से अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा का एक नाम कोजागिरी पूर्णिमा भी है। कोजागिरी का अर्थ है कौन जाग रहा है। इस दिन कोजागर यानी रात भर व्रत रखा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती हैं और धर्म पूर्वक जीवन यापन करने वालों को प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करतीं है। दिनेश कुमार शांडिल्य ने बताया कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन के निधि वन में गोपियों संग महारास किया था, जिसे देखने के लिए भगवान शिव भी अपने को नहीं रोक पाए और बिना माता पार्वती को बताए ही महारास देखने वृंदावन में अकेले गए थे। इस रात्रि को मोह रात्रि भी कहते हैं। इस दिन कृष्ण भक्त मीरा बाई की जयंती भी मनाई जाती है। पंडित विजय शर्मा ने शरद पूर्णिमा के दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती भी मनाई जाती है। पंडित सत्यपाल दत्त ने सुंदरकाण्ड का सस्वर पाठ किया। मोनिका चौधरी, शशि वर्मा, पूनम बादली, सुमन बादली, प्रीत चौधरी ने भजनों का गुणगान किया।
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