गेहूं दान ले रही भाकियू, किसान आंदोलन में करेगी इस्तेमाल
किसान आंदोलन का खर्च चलाने के लिए भाकियू ने नया तरीका अपनाया है। थ्रेसिंग के समय किसानों से दान के रूप में गेहूं एकत्र करेगी। इस काम की जिम्मेदारी...
किसान आंदोलन का खर्च चलाने के लिए भाकियू ने नया तरीका अपनाया है। थ्रेसिंग के समय किसानों से दान के रूप में गेहूं एकत्र करेगी। इस काम की जिम्मेदारी ब्लॉक अध्यक्षों को दी गई है।
कृषि बिलों के विरोध में भाकियू समेत कई किसान संगठन लंबे समय से यूपी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। काफी किसान दिन-रात यहां रहते हैं। अभी तक उनके खान-पान का खर्च किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं की सहायता से चल रहा था। काफी समय बीतने से अब मुश्किलें सामने आने लगी हैं। फिलहाल भाकियू ने नया तरीका अपनाया है। इसमें गेहूं कटाई के समय को भुनाया है। किसान से घर से गेहूं लेने बजाए खेत से आसानी से ले पाना ठीक समझा है। संगठन ने ग्राम अध्यक्षों को किसानों से खेत मे थ्रेसिंग के समय गेहूं लेकर एकत्र करने की जिम्मेदारी दी है। इस कार्य मे संगठन के अन्य कार्यकर्ता भी सहयोग करेंगे। इस गेहूं का इस्तेमाल धरने पर खान-पान के अलावा गेहूं के धन से अन्य खर्च होंगे। जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि किसान पर गेहूं देने के अलावा वजन मानक का दबाव नहीं होगा। किसान की जितनी मर्जी होगी, उतना ही लिया जाएगा। गांवों से जिला स्तर पर गेहूं एकत्र होने के बाद आंदोलन में प्रयोग के लिए भेजा जाएगा।
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