Hindi NewsUttar-pradesh NewsMeerut NewsAthletes Struggle for Facilities in Meerut Stadiums in Poor Condition

बोले मेरठ : गड्ढों वाले मैदान पर कैसे करें अभ्यास

Meerut News - मेरठ में एथलीट्स बिना सुविधाओं के कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम और विक्टोरिया पार्क की खराब स्थिति ने खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ दिया है। निर्माण कार्य धीमी गति से चल...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSat, 22 Feb 2025 01:26 PM
share Share
Follow Us on
बोले मेरठ : गड्ढों वाले मैदान पर कैसे करें अभ्यास

मेरठ। देश और शहर का गौरव तब और ऊंचा होता है, जब हमारे एथलीट अंतरराष्ट्रीय मंच पर तिरंगा लहराते हैं। इन एथलीटों की मेहनत और संघर्ष की असली कहानी अक्सर अनदेखी रह जाती है। ऐसी ही एक दर्दभरी हकीकत उन खिलाड़ियों की है, जो आजकल बिना सुविधाओं के देश के लिए पदक जीतने का सपना देख रहे हैं। उम्मीदें और उन पर खरा उतरना वो भी बिना सही प्लेटफॉर्म के आसान नहीं होता। मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में निर्माण कार्य और विक्टोरिया पार्क के मैदान में गड्ढे खिलाड़ियों व मेडल के बीच गहरी खाई का निर्माण कर रहे हैं।

एथलीट कर रहे मेहनत, सुविधाएं नहीं होने से टूट रहा मनोबल

शहर में हजारों युवा एथलीट दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जब उन्हें सही सुविधाएं ही न मिलें तो उनकी हताशा स्वाभाविक है। कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जो देश का नाम रोशन कर सकते हैं, वे उचित अभ्यास मैदान के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें मजबूरन ऐसे स्थानों पर अभ्यास करना पड़ रहा है, जहां की स्थिति खराब है। शहर में स्थित स्टेडियम में निर्माण कार्य चल रहा है। स्टेडियम पूरी तरह खुदा पड़ा है। खिलाड़ियों को बताया जाता है कि जल्द ही सुविधाएं उपलब्ध होंगी, लेकिन यह 'जल्द' कब आएगा, कोई नहीं जानता। इस धीमी गति ने कई खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है।

बहुत से खिलाड़ी तो ऐसे भी हैं जो टूटी-फूटी जमीन, गड्ढों और कीचड़ के बीच प्रैक्टिस करने को मजबूर हैं। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम और विक्टोरिया पार्क इसके जीते-जागते उदाहरण हैं। जहां एथलीट गड्ढों से बचते हुए दौड़ लगा रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने की उम्मीद रखने वाले इन एथलीटों की पुकार को शायद अभी तक किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। यदि इन खिलाड़ियों को समय पर सही प्लेटफॉर्म न मिला तो देश कई होनहार एथलीटों को खो सकता है।

------------------------------

कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम का हाल बेहाल

जूनियर लेवल पर नेशनल खेलने वाले एथलीट्स समीर अब्बासी और सवरित भड़ाना का कहना है कि कैलाश प्रकाश स्टेडियम खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए बड़ा ग्राउंड है लेकिन स्टेडियम में निर्माण कार्य के कारण हालात बद से बदतर हो गए हैं। पूरा स्टेडियम खुदा पड़ा है और इसमें निर्माण कार्य कछुवे की चाल से भी धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में देश के लिए मेडल जीतने की मंशा रखने वाले खिलाड़ी सही ढंग से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।

-------------------------------

टूटे-फूटे ग्राउंड पर दौड़ने को मजबूर

राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर में सौ मीटर रेस के लिए भागीदारी कर चुके एथलीट हरिअंत पिंडवाल का कहना है कि बिना प्रैक्टिस ग्राउंड के मेडल जीतना बहुत कठिन है। यहां रोज बड़ी संख्या में एथलीट प्रैक्टिस करते हैं, लेकिन बिना ग्राउंड के यह सब जीरो है। ट्रैक में गड्ढे हुए पड़े हैं। उन पर दौड़ना काफी कठिन होता है। जबकि खिलाड़ी को वार्मअप के लिए दौड़ना पहली शर्त होती है। भले ही वो लंबी कूद हो या ऊंची कूद या फिर दौड़, सभी के लिए दौड़ने का ट्रैक बहुत आवश्यक है। लेकिन यहां पूरे ट्रैक में गड्ढे हुए पड़े हैं और प्रैक्टिस हो नहीं पा रही।

--------------------------

परफॉर्मेंस होती है बेकार

हाई जंप में नेशनल खेल चुकीं मानसी तोमर कहती हैं कि वे इंटर स्टेट नेशनल और ओपन नेशनल में दो कांस्य मेडल जीत चुकी हैं। अब आने वाले एशियन गेम्स में क्वालिफाइंग के लिए तैयारी कर रही हैं लेकिन पूरा स्टेडियम खुदा पड़ा है। ऐसा कोई दूसरा मैदान भी नहीं है जहां हम तैयारी कर सकें। वहीं, हाई जंप में गोल्ड मेडल लाने वाली रीत राठौर का कहना है कि ग्राउंड की कमी के कारण पूरा परफॉर्मेंस खराब हो जाता है। हाल ही में वे नेशनल गेम में गोल्ड लेकर आईं हैं, लेकिन उसके लिए कितने पापड़ बेलने पड़े हमें ही पता हैं। अब एशियन गेम्स में क्वालिफाइंग के लिए तैयारी चल रही है, बिना ग्राउंड के छोटे से मैदान में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

-----------------------------

कैसे जीतें मेडल

400 मीटर बाधा दौड़ में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी सीनियर नेशनल गेम में भागीदारी करने वालीं दीपा तोमर का कहना है कि यहां प्रैक्टिस के लिए कोई ग्राउंड नहीं है। पूरा स्टेडियम खुदा पड़ा हुआ है, ऐसे में प्रैक्टिस कहां करें और मेडल की उम्मीद कैसे की जा सकती है। इसके बावजूद हम लोग जी-जान से लगे हैं कि देश के लिए जीतना है। यहां लंबी कूद वाले खिलाड़ियों ने अपने पैसों से रेत डलवाया और फिर प्रैक्टिस कर रहे हैं। वहीं हाई जंप वाले खिलाड़ी क्रॉस बार भी खुद के पैसों से खरीदकर लाए हैं।

--------------------------

आने-जाने में थक जाते हैं खिलाड़ी

कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में एथलीट्स का कहना है कि 10 दिसंबर 2024 में जूनियन नेशनल गेम्स उड़ीसा में हुए थे। जहां प्रैक्टिस सही न होने के कारण परफॉर्म ही नहीं कर पाए, क्योंकि स्टेडियम ट्रैक निर्माण के चलते खुदा पड़ा है। प्रैक्टिस के लिए दिल्ली आया-जाया करते थे या फिर यूनिवर्सिटी में जाते थे। पूरा समय आने-जाने में ही निकल जाता था। ऊपर से थक जाते थे, पूरा ऑल इंडिया कंपटीशन ही खराब हो गया। स्टेडियम में जिस तरह से काम चल रहा है उसको ठीक होने में वर्षों लग जाएंगे। खिलाड़ियों की मांग है कि जल्द ही इस काम को पूर्ण किया जाए।

-------------------------------------

मेरठ महोत्सव के बाद खराब हो गया मैदान

कैलाश प्रकाश स्टेडियम के साथ ही विक्टोरिया पार्क भी एथलीट्स के लिए तैयारी का काफी अच्छा मैदान था लेकिन मेरठ महोत्सव में इस पार्क की हालत खराब हो गई। मैदान अपनी बदहाली पर रो रहा है। मैदान में चारों और गड्ढे खिलाड़ियों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। विक्टोरिया पार्क या कहिए भामाशाह पार्क में कई दिनों तक मेरठ महोत्सव चला। महोत्सव तो खत्म हो गया लेकिन अपने पीछे इस पार्क की बदहाली छोड़ गया।

--------------------------

बदहाली में दौड़ते खिलाड़ी

मेडल जीतने की तैयारी में लगे खिलाड़ी आज इस मैदान की बदहाली से परेशान हैं। 400 मीटर के ट्रैक वाले इस मैदान के बीच सैकड़ों गड्ढे हैं। पूरा मैदान खुदा पड़ा है। आए दिन उसमें पानी भरा रहता है। जिससे खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस भी नहीं कर पाते। इस मैदान पर शॉटपुट, जेवलिन थ्रो, डिस्क और रेसिंग के लिए बड़ी संख्या में खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं। दौड़ की प्रैक्टिस कराने वाले कोच अरुण चौहान का कहना है कि इस मैदान पर खिलाड़ी मेडल के लिए प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन हालात ये है कि मैदान के गड्ढों में बच्चे दौड़ ही नहीं पाते।

--------------------

खुद भरे गड्ढे

यहां प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि लंबी कूद के लिए बनया गया फील्ड पूरी तरह खराब हो गया है। ना शॉटपुट वाले प्रैक्टिस कर पा रहे हैं और ना ही जेवलिन थ्रो वाले। इस मैदान को खुद ही खिलाड़ी किसी तरह ठीक कर रहे हैं। इसके सैकड़ों गड्ढों को खुद ही भरा गया है। यहां प्रैक्टिस करके खिलाड़ियों ने स्टेट और नेशनल तक भागीदारी की है। जल्द ही इसको सही कराया जाए ताकि खिलाड़ी अपनी प्रैक्टिस जारी रख सकें और देश के लिए मेडल ला सकें।

-----------------------------------

समस्या

- कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रैक्टिस ग्राउंड नहीं है

- स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक निर्माण अधूरा है

- खुदा पड़ा है पूरा स्टेडियम, नहीं हो रही प्रैक्टिस

- भामाशाह पार्क में मेरठ महोत्सव के बाद हो गए गड्ढे

- खिलाड़ियों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा

सुझाव

- प्रैक्टिस के लिए खिलाड़ियों को ग्राउंड उपलब्ध कराया जाए

- कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक निर्माण जल्द पूरा हो

- स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए जल्द सुविधा प्रदान की जाए

- भामाशाह पार्क में मेरठ महोत्सव के बाद हुए गड्ढों को भरा जाए

- संबंधित अधिकारी व प्रशासन मिलकर समस्या का समाधान करें

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें