एसडीएम सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अदालत में अर्जी
स्पेशल जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में सोमवार को वकील अहमद ने वर्ष 2014 में तैनात एसडीएम रविश कुमार, 2012 में तैनात तहसीलदार मेरठ व पटवारी...
मेरठ। विधि संवाददाता
स्पेशल जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में सोमवार को वकील अहमद ने वर्ष 2014 में तैनात एसडीएम रविश कुमार, 2012 में तैनात तहसीलदार मेरठ व पटवारी सहित सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। अदालत ने संबंधित थाने से रिपोर्ट तलब की है।
अदालत में वकील अहमद ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि वह किसान है। ग्राम स्याल में कुछ कृषि भूमि है, जिसमें प्रार्थी सहित उसके भाई शकील, जमील, रहीस अहमद चारों भाई बराबर के हिस्सेदार है। वर्ष 2007 में एसडीएम मेरठ के यहां शकील अहमद ने एक कुर्रे का वाद योजित किया था। जिसमें एसडीएम मेरठ में यथास्थिति बनाए रखने का 16 मार्च 2007 को आदेश कर दिया था, परंतु तहसीलदार मेरठ ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद विपक्षी ने एग्रीमेंट की बात कहकर बैनामा कर लिया। तहसीलदार ने भी खरीदार के नाम दाखिल खारिज कर दिया, जबकि उक्त जमीन के विक्रय पर रोक थी। वादी और उसके भाइयों के नाम जमीन दर्ज करने के तीन लाख रुपये मांगे थे।
नकली शराब बनाने वालों को आजीवन कारावास
मेरठ। विधि संवाददाता
न्यायालय अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट मेरठ स्नेहलता सिंह ने नकली शराब बनाने के आरोपी पप्पू और नाटू निवासी हस्तिनापुर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 20-20 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा एसएसआई थाना हस्तिनापुर देवेंद्र सिंह यादव ने चार जुलाई 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह पुलिस बल के साथ हस्तिनापुर क्षेत्र में गश्त पर थे। मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी नाटू के घर के आगे बाग में नकली शराब बना रहे हैं। मौके पर दोनों आरोपीयों को नकली शराब बनाते हुए पकड़ा गया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 20-20 हजार के अर्थदंड से दंडित किया।
कचहरी में न्यायिक कार्य को लेकर प्रस्ताव पारित
मेरठ। विधि संवाददाता
कोविड 19 वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण मेरठ बार एसोसिएशन व जिला बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक पंडित नानकचंद सभागार में हुई। अध्यक्षता महावीर सिंह त्यागी व वीके शर्मा एवं संचालन महामंत्री सचिन चौधरी व मुकेश त्यागी ने किया। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि कोरोना वायरस के दोबारा बढ़ने के कारण उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय इलाहाबाद को बंद कर दिया गया है और वहां केवल जरूरी कार्य हो रहे हैं। भारत सरकार द्वारा बचाव के लिए दोबारा दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसके चलते सभी अधिवक्तागण कचहरी में 12 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक अति आवश्यक कार्यों (जमानत और स्टे वादों) को छोड़कर समस्त न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे।
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