रैपिड के निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंक्लर तैनात
बढ़ते प्रदूषण से निबटने के लिए एनसीआरटीसी ने की व्यवस्था मेरठ, मुख्य संवाददाता बढ़ते प्रदूषण
बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए अब रैपिड रेल के निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंक्लर तैनात किए गए हैं। साथ ही निर्माण एजेंसियों को प्रदूषण नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन का निर्देश दिया गया है। एनसीआरटीसी ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए विशेष कार्य बल का भी गठन किया है, ताकि सभी साइट पर प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण कार्य के अंतर्गत मेरठ में जहां-जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां प्रदूषण और धूल से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। इसके लिए एंटी स्मॉग गन और जल छिड़काव के लिए वॉटर स्प्रिंक्लिंग लगातार किया जा रहा है। विभागीय निर्देशों को ध्यान में रखकर शहर में सभी निर्माण कार्य बैरिकेडिंग के अंदर किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों के कारण कम से कम प्रदूषण हो तो इसके लिए एनसीआरटीसी ने प्रभावी व्यापक शेड्यूल तैयार किया है, जिसकी निगरानी बढ़ा दी गई है। बेगमपुल, भैंसाली और मेरठ सेंट्रल के अंडरग्राउंड स्टेशनों के आसपास भी लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। कॉरिडोर के साथ लगातार एंटी स्मोग गन चलाई जा रही है।
एनसीआरटीसी का दावा : रैपिड के संचालन से कम होगा प्रदूषण
एनसीआरटीसी का दावा है कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो के संचालन से प्रदूषण काफी कम होगा। पूरे कॉरिडॉर के संचालन के साथ आरआरटीएस पूरे एनसीआर के लिए परिवहन की रीढ़ के रूप में कार्य करेगा। संभावना है दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से एक लाख से अधिक वाहन सड़कों से कम हो जाएंगे। 2.5 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी के साथ वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी। एनसीआरटीसी द्वारा अपनाए जा रहे पर्यावरण सुरक्षा के उपाय न सिर्फ एक बेहतर एवं स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करेंगे।
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