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75वर्ष की स्मृतियों में गूंजा बचपन, यादों के संग थिरके कदम

Meerut News - मेरठ में सोफिया गर्ल्स स्कूल ने अपनी 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, रॉक बैंड, और वार्षिक एल्युमिनी मीट का आयोजन किया गया। पूर्व छात्राओं को सम्मानित किया गया और स्कूल...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSun, 13 April 2025 04:54 AM
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75वर्ष की स्मृतियों में गूंजा बचपन, यादों के संग थिरके कदम

मेरठ। कुछ लम्हे किताबों के, कुछ बातों की सौगात, फिर से लौट आया है वो सुनहरा साथ, वो स्कूल की गलियां, वो क्लास की बातें, आज फिर से दिल में है वही मीठी सौगातें। कुछ इसी तरह के भाव शनिवार को सोफिया गर्ल्स स्कूल में देखने को मिले, जहां पर सोफिया ओल्ड गर्ल्स एसोसिएशन (सोगम) की ओर से स्कूल की स्थापना के 75वर्ष पूरे होने के जश्न की शुरुआत हुई और वार्षिक एल्युमिनी मीट का आयोजन हुआ। जिसके अंतर्गत स्कूल को पूरा सजाया गया था और रॉक बैंड, स्कूल बैंड, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ स्कूल में शानदार फेयर भी लगा, जिसमें विभिन्न प्रकार के स्टाल रहे। इस अवसर पर स्कूल अपनी प्लेटिनम जुबली के अंतर्गत 75वर्ष के समारोह की शुरुआत हुई, जोकि पूरे साल विभिन्न तिथियों में कई तरह के आयोजनों के बीच मनाया जाएगा। साथ ही गोल्डन, सिल्वर बैच के पुरातन छात्राओं को सम्मानित किया गया। आयोजन में सोगम की पत्रिका राइज एंड शाइन-75वर्षों की सोफियन विरासत का विमोचन भी हुआ। आयोजन में मुख्य अतिथि जीओसी मेजर जनरल सुमित राणा व उनकी पत्नी एक्स सोफियन रेनू राणा रही। मौके पर बुके भेंट कर अतिथि का स्वागत हुआ। प्रधानाचार्या सिस्टर मीणा ने अपने विचारों व आयोजन की सफलता के लिए सभी को शुभकामनाएं दी। वहीं सोगम की अध्यक्ष डॉ. श्रुति सहगल ने आयोजन की सफलता के बारे में बताया। उन्होंने पूरी सोगम टीम के बारे में बताते हुए कहा कि इस आयोजन के लिए कई माह से दिन रात मेहनत लग रही थी। साथ ही आयोजन में दूर दराज से लोग पहुंचे व बालिका सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण भी सामने आया है। इसी क्रम में मुख्य अतिथि जीओसी मेजर जनरल सुमित राणा ने कहा कि स्कूल परिसर में इस तरह के आयोजन आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं। 75वर्ष के सफर को स्कूल में एक मंच पर बुलाने में काफी प्रयास किया गया है, जोकि सराहनीय है। स्कूल को ढेर सारी शुभकामनाएं हैं। इस अवसर पर मंच का संचालन सोगम की सदस्याओं ने बारी बारी से किया। मौके पर गोल्डन, सिल्वर व प्लेटिनम बैच को सम्मानित किया। साथ ही सोगम ने अपनी शिक्षिकाओं को भी सम्मानित किया। आयोजन के सहयोग में पायल अग्रवाल, सोमन, अर्चना चड्डा, प्रियंका, एमएसएम, स्कूल की छात्राएं व शिक्षिकाएं आदि रही। इस अवसर पर पुरातन छात्राओं में मदीहा शाह रसूल, गीता सिंह, मोनिका, अफशा अंसारी, कविता पुंडीर, कैलाश आनंद (1950 वर्ष), अंजु गर्ग, रितु जैन आदि रही।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिखी बालिका सशक्तिकरण की झलक

इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसमें बालिका सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया। वहीं छात्राओं ने भव्य नृत्य प्रस्तुत किया। मौके पर बच्चों ने 75वर्ष के सफर को सांस्कृतिक नृत्य के माध्यम से दिखाया। इसके अलावा एनसीसी कैडेट्स ने मुख्य अतिथि को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। साथ ही स्कूल के बैंड ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति से समां बांध दिया।

रॉक बैंड ने किया सभी को झूमने पर मजबूर

दिल्ली से आए रॉक बैंड व सिंगर अभिषेक ने नए पुराने गीतों का ऐसा समां बांधा कि हर कोई परिसर में झूमते हुए दिखाई दिया। शुरुआत में तेरे जैसा यार कहां और छोड़ेंगे नही तेरा साथ ऐसे गीत गाकर कुछ पल भावुक किए, तो बाद में पंजाबी सांग, व बालीवुड फिल्म के कई धमाकेदार गीत गाकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया।

1950 वर्ष के पुरातन छात्र रहे खास

इस दौरान विशेष यह रहा है कि सन 1950 वर्ष में सोफिया स्कूल में लड़के भी पढ़ा करते थे, जिनको आयोजन परिसर में सम्मान के लिए बुलाया भी गया था। इस दौरान तीन से चार पुरातन छात्र स्कूल पहुंचे थे, जिनको सम्मानित किया और उनके विचारों को मंच से सुना गया। उन्होंने उस समय स्कूल कैसा था और कितने कमरों में पढ़ाई होती थी, सभी के बारे में बताया।

फोटो शिवराज

मैं आज छोटा बच्चा बन गया, जब अपने स्कूल आया

वर्ष 58 व 59 के एडवोकेट शिवराज सिंह स्कूल परिसर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सोफिया स्कूल से केजी, नर्सरी, फर्स्ट, सेकेंड की थी। उस समय सिस्टर लिंडा हुआ करती थी। आज स्कूल पहुंचकर बच्चा बन गया हूं। अपनी शिक्षिका मिस लाल भी याद आती हैं। जब वह कान पकड़ कर डांट लगाती थी, तो वह आज याद आया। इसके अलावा सीनियर कभी कभी स्कूल में जंगल जलेबी के पेड़ होते थे, जिन्हें वह तोड़कर खिलाते थे। बाकी नीम का पेड़ आज भी दिख रहा है। स्कूल बदला, भवन बढ़े और उपलब्धियों भी हजारों हो गई हैं।

फोटो डॉ. मोली मदान

सोगम ने जोड़ा सभी को, याद आए पुराने दिन

सोगम की पहली अध्यक्ष 51वर्षीय डॉ. मोली मदान भी पहुंची। उन्होंने कहा कि हमारे समय में बहुत कम संख्या थी, लेकिन अब कारंवा बढ़ रहा है। बाकी उन्होंने बताया कि सोगम की पहली अध्यक्ष 2010 में बनी थी और सोगम खूब ऊंचाईयों पर यह देखकर खुशी हो रही है।

फोटो विजु मेहरा

जाना था जापान पर स्कूल के लिए नही गई

डिजाइनर फैशन क्षेत्र की जानी मानी विजु मेहरा को जापान जाना था, लेकिन उन्होंने बताया कि वह अपने स्कूल के लिए जापान जाना कैंसिल किया और आज साथियों संग खुशी का ठिकाना नही रहा। वह गोल्डन जुबली बैच की हैं।

फौटो ब्रेंडा ढिल्लन

दूर से पहुंचे स्कूल के लिए, याद आ गए खास दिन

गोल्डन बैच की ब्रेंडा ढिल्लन भी आस्ट्रेलिया में आती जाती रहती हैं अपने स्कूल के आयोजन के लिए वह मेरठ में रुकी और पूरे आयोजन में बनी रही। उन्होंने कहा कि स्कूल के दिन बहुत खास रहे, जोकि आज याद आ रहे हैं।

फोटो त्रिलोक आनंद

छोटा सा स्कूल होता था, आज बहुत गढ़ गया परिसर

वर्ष 1950 में स्कूल में पढ़े त्रिलोक आनंद भी अपने परिवार संग स्कूल पहुंचे। उन्होंने स्कूल देखकर कहा कि पहले स्कूल छोटा हुआ करता था, लेकिन आज परिसर बहुत बढ़ गया। स्कूल में हमने राइटिंग, रीडिंग, राइजिंग को सीखा, जोकि जीवन में काम आया।

फोटो निताशा जैन

जयपुर से खास तैयारी के साथ पहुंची स्कूल

जयपुर से आईजीसीएसई इंस्पेक्टर निताश जैन सिल्वर जुबली बैच की है, उन्होंने कहा कि वह इस दिन के लिए बहुत दिनों से इंतजार में थी और आज जयपुर से खास तैयारी के साथ अपनी साथियों से मिलने पहुंची।

फोटो साक्षी जैन

पुराने दिन व क्लास आ रही याद

अमृतसर से साक्षी जैन जोकि ज्वैलरी डिजाइनर हैं, उनका कहना है कि स्कूल में पुराने दिन याद आए और क्लास भी देखी। इसके अलावा अपनी क्लास के दिन भी याद आ गए।

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फोटो 1950

फोटो गोल्डन जुबली

फोटो सिल्वर जुबली

सांस्कृति कार्यक्रम डांस

पत्रिका विमोचन

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फोटो कविता

सोफिया के अनुशासन ने बनाई जिंदगी

कविता ने बताया की 1975 बैच की छात्रा रही हूं, दिल्ली से इस आयोजन में भाग लेने आई हूं। जबसे स्कूल छोड़ा है तबसे आज दोबारा स्कूल में कदम रखा है। सारे पुराने दिन याद आ रहे हैं। अपने बैच में अंग्रेजी की टीचर भटनागर मैम सबसे ज्यादा याद आती हैं।

फोटो पूनम

पचास साल बाद स्कूल में आकर मन हो गया खुश

दिल्ली निवासी पूनम धामी ने बताया कि वह 1975 बैच की छात्रा है और पहली बार स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हो रही है। वह एक बिजनेस वूमेन है। उन्होंने बताया कि स्कूल में आकर बहुत कुछ बदला हुआ देखने को मिला है और यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारा स्कूल कितना आगे बढ़ गया है।

कक्षा में जाकर की पुरानी यादें ताजा

शिफाली गोल्डन जुबली बैच की है। लंबे समय बाद स्कूल पहुंचने पर वह काफी खुश नजर आए और उन्होंने बताया कि सबसे पहले मैंने अपनी कक्षाओं को जाकर देखा। जिन्हें देखकर बहुत खुशी हुई। पुरानी सहेलियों के साथ मिलकर खूब गप्पे भी लड़ाए।

फोटो अफशा

सोफिया में पढ़ी और सेंट मैरी में बनी कोऑर्डिनेटर

सिल्वर बैच की छात्रा अफशा ने कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई सोफिया से की है और वह अब सेंट मैरी में कोऑर्डिनेटर है।

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