पाकिस्तानी हिन्दुओं और सिखों के अस्थि कलश लेकर मोदीपुरम पहुंची अस्थि कलश यात्रा
Meerut News - पाकिस्तान के कराची शहर से 400 हिंदुओं और सिखों के अस्थि कलश भारत भेजे गए हैं। श्री देव उत्थान सेवा समिति ने इन्हें मोदीपुरम में रोका और फिर हरिद्वार के लिए रवाना किया। कल इनका विसर्जन गंगा में किया...
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मोदीपुरम। पाकिस्तान के कराची शहर से 400 हिंदुओं और सिखों के अस्थि कलश भारत भेजे गए हैं। दिल्ली की श्री देव उत्थान सेवा समिति इन अस्थि कलशों को लेकर शुक्रवार को मोदीपुरम स्थित अक्षरधाम कॉलोनी पहुंची। यहां पर दो घंटे रुकने के बाद यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हो गई। कल दोपहर एक बजे सभी अस्थि कलशों को गंगा में विसर्जित किया जाएगा। श्री देवस्थान सेवा समिति के प्रदेश सह प्रभारी ठाकुर प्रवीण चौहान ने बताया कि समिति द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष में पाकिस्तान से हिंदुओं और सिखों की अस्थियों को भारत लाकर हरिद्वार स्थित गंगा में विसर्जित किया जाता है। 2011 में पहली बार 135 लोगों के अस्थि कलश समझौता एक्सप्रेस से भारत आए गए थे। तब मोदीपुरम स्थित अक्षरधाम कॉलोनी में यह सेवादल रुका था। उसके बाद हरिद्वार जाकर गंगा में इन अस्थि कलशों को विसर्जित किया गया था। उसके बाद 2016 में 160 अस्थि कलशों को गंगा में विसर्जित किया गया। कोरोना के चलते 2021 में सेवा को रद्द कर दिया गया था। अब नौ साल बाद 400 अस्थि कलश पाकिस्तान के कराची शहर से भारत भेजे गए हैं। शुक्रवार को दिल्ली से रथ यात्रा द्वारा इन सभी कलशों को लेकर समिति के लोग हरिद्वार के लिए रवाना हुए। इन 400 अस्थि कलश में 52 अस्थि कलश सिखों के बाकी 348 कलश सनातनी लोगों के हैं। कराची के सोल्जर बाजार स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ जी महाराज विधि विधान के साथ गंगा घाट पर इन अस्थियों का विसर्जन करेंगे।
2003 से कर रहे अस्थि कलश का विसर्जन
श्री देवस्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विजय शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था ने 2003 में सबसे पहले विभिन्न देशों में रहने वाले हिंदू और सिख समाज के लोगों के अस्थियों के विसर्जन की मुहिम शुरू की थी। यह उनकी 24वीं अस्थि विसर्जन यात्रा है। समिति द्वारा अब तक विभिन्न देशों से आए एक लाख 55 हज़ार 289 लोगों का अस्थि विसर्जन कराया गया है। पाकिस्तान की सरकार द्वारा पांच साल में एक बार अस्थि कलश को भारत भेजा जाता है। इसलिए समिति अभी तक पाकिस्तान के 695 लोगों का ही अस्थि विसर्जन कर सकी है। दल में पाकिस्तान से आए अन्य लोग भी शामिल हैं, लेकिन वह सीधे हरिद्वार पहुंचे हैं।
मृत आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए चलाई मुहिम
समिति के सदस्य गोपाल ने बताया कि विदेश में रहने वाले बहुत से लोगों की अंतिम इच्छा होती है कि उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया जाए। उनके परिजन अपनी सरकार की मदद से अस्थि कलशों को भारत भिजवाते हैं। समिति द्वारा मृत आत्माओं की शांति और मोक्ष के लिए इन्हें गंगा में विसर्जित किया जाता है। इस कार्य के लिए भारत सरकार और अन्य देशों की सरकारों के आपसी सहयोग की आवश्यकता पड़ती है।
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