20 फीसदी छात्र संक्रमित, एंट्रेंस से कैसे संभलेंगे हालात
कोरोना संक्रमण के बीच रविवार को हुए बीएड एंट्रेंस और छात्रों में बढ़ते संक्रमण के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। मेरठ में नौ दिनों में 20.34 फीसदी छात्र कोरोना से संक्रमित मिल चुके हैं। इन स्थितियों में...
कोरोना संक्रमण के बीच रविवार को हुए बीएड एंट्रेंस और छात्रों में बढ़ते संक्रमण के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। मेरठ में नौ दिनों में 20.34 फीसदी छात्र कोरोना से संक्रमित मिल चुके हैं। इन स्थितियों में 44 केंद्रों पर बीएड एंट्रेंस एग्जाम के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। केंद्रों के अंदर जिस तरह एक-एक कमरे में 40-60 परीक्षार्थियों को बैठाया गया उसे ड्यूटी देने वाले कक्ष निरीक्षक और पर्यवेक्षक तक हैरान हैं।
नौ दिन में 71 छात्र संक्रमण के शिकार
मेरठ में एक से नौ अगस्त तक कुल 349 संक्रमितों में से 71 केवल छात्र हैं। छात्रों में संक्रमण की यह दर 20.34 फीसदी है। दो अगस्त को सर्वाधिक 27.08 फीसदी छात्र मेरठ में कोरोना संक्रमति मिले थे। बाद के दिनों में संक्रमण दर में गिरावट आई, लेकिन यह दस फीसदी से नीचे नहीं गई। रविवार के दिन ही मेरठ में 18.91 फीसदी छात्र संक्रमित मिले हैं।
बीएड से पहले आएगा कोरोना का रिजल्ट
एंट्रेंस में ड्यूटी देने वाले कक्ष निरीक्षक और पर्यवेक्षकों ने स्थितियों को साझा किया। सूत्रों के अनुसार दिल्ली रोड पर एक केंद्र पर एक-एक कक्ष में 60-60 स्टूडेंट बैठाया गया। दो छात्रों के बीच तय सामाजिक दूरी के पालन का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि छात्र को उठने के लिए आगे या पीछे के छात्र की कुर्सी को खिसकाना पड़ रहा था। मास्क के नियम छात्रों ने नहीं माने। एंट्री के वक्त मास्क लगाया और पेपर शुरू होते ही इसे उतार लिया। पेपर से पहले और बाद में केंद्रों के बाहर सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ी। पर्यवेक्षकों के अनुसार भले ही प्रदेश में एंट्रेंस हो गया हो, लेकिन इसके रिजल्ट से पहले कोरोना का रिजल्ट आना तय है।
16 अगस्त की परीक्षा में और चिंता
16 अगस्त को प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारी का बड़़ा एग्जाम है। बीएड एंट्रेंस में तो जिलेवार केंद्र बने थे, लेकिन प्रस्तावित परीक्षा केवल मंडल स्तर पर है। ऐसे में विभिन्न जिलों से छात्र केंद्रों पर पेपर देने पहुंचेंगे। छात्रों की संख्या भी प्रदेश में पांच लाख से ऊपर है। ऐसे में छात्रों का एक जिले से दूसरे जिले में बड़ी संख्या में आना-जाना होगा। बिना लक्षण वाले मामलों के बढ़ने के बीच एग्जाम में किस स्तर तक खतरा हो सकता है, इसका केवल अंदाजा लगाया जा सकता है।
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