बुलडोजर ऐक्शन पर SC की रोक के बाद मायावती की आई प्रतिक्रिया, बोलीं-इसकी बढ़ती प्रवृत्ति चिंतनीय
बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद मायावती की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने ऐक्स पर पोस्ट कर कहा कि बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं है। इसके बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृत्ति चिन्तनीय है।
बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने बुधवार को ऐक्स पर पोस्ट कर कहा कि बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं है। इसके बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृत्ति चिन्तनीय है। वैसे बुलडोजर व अन्य किसी मामले में जब आम जनता उससे सहमत नहीं होती है तो फिर केन्द्र को आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए, जो नहीं किए जा रहे हैं।
मायावती ने आगे कहा कि वरना बुलडोजर एक्शन के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसमें दख़ल देकर केन्द्र सरकार की ज़िम्मेवारी को खुद नहीं निभाना पड़ता, जो यह ज़रूरी था। केन्द्र व राज्य सरकारें संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर ज़रूर ध्यान दें।
यहीं नहीं इसके पहले अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने कहा है कि बुलडोजर चलवाने वालों के लिए अब पार्किंग का समय आ गया है। अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कहा कि न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोज़र का दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है। सपा प्रमुख ने लिखा, कि आज बुलडोज़र के पहिये खुल गए हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है। ये उनके लिए पहचान का संकट है, जिन्होंने बुलडोज़र को अपना प्रतीक बना लिया था। अब न बुलडोज़र चल पाएगा, न उसको चलवाने वाले। दोनों के लिए ही पार्किंग का समय आ गया है। आज बुलडोज़री सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है। सपा प्रमुख ने सवाल किया कि अब क्या वो बुलडोज़र का भी नाम बदल कर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल, ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है।