Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मऊSpice and Oil Prices Surge in Mau Consumers and Retailers Struggle

तेल-मसालों की कीमतों पर नहीं लग रही लगाम

मऊ में पिछले छह महीनों में तेल और मसालों के दामों में कई गुना वृद्धि हुई है। फुटकर मसाला विक्रेता दस से बीस रुपये तेजी के साथ थोक व्यापारियों से ले रहे हैं। ग्राहकों और व्यापारियों को इस वृद्धि से...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊThu, 15 Aug 2024 12:11 AM
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मऊ। सब्जियों के संग तेल-मसालों के दामों में भी उछाल दिख रहा है। पिछले छह महीने की तुलना में इस बार कई गुना वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। सूखी मिर्च, हल्दी, धनिया का स्टाक मसाला मंडी में उपलब्ध है। फुटकर मसाला विक्रेता दस से बीस रुपये तेजी के साथ थोक व्यापारियों से ले रहे हैं। ऐसे में महंगाई के दौर में ग्राहकों की अपनी जेबें ढीली करनी पड़ रही है। सामान्य मसालों के साथ मुख्य मसालों की कीमते छह महीने में कई गुना बढ़ गई हैं। ग्राहकों के साथ व्यापारी भी इस वृद्धि से हैरान हैं। छह महीने के अंदर फुटकर रेट में तीस रुपये प्रतिकिलो तक भाव में वृद्धि हुई है। व्यापारी बताते हैं कि छह महीने पहले जीरा 415 था जो अब 450 का है। वहीं, मेथी 90 रुपये थी जो अब 120 रुपये है। इसी तरह काली मिर्च 840 रुपये प्रतिकिलो थी जो अब 880 रुपये हो गई है। अजवाइन 380 रुपये थी जो अब 440 रुपये हो गई है। छोटी इलायची 2800 रुपये से बढ़कर 3000 रुपये हो गई है। खुले शुद्ध सरसों तेल के रेट ने भी पैक्ड ब्रांड तेलों के दाम कुछ महंगे कर रखे हैं। रसोई में तेल-मसालों की उपलब्धता सीमित मात्रा में रहने से गृहिणियों को अपना स्टाक मेंनटेन करने में दुश्वारी आ रही है। एक महीने की एडवांस व्यवस्था की कटौती कर रही महिलाएं तेल-मसालों के लगातार बढ़ रहे दामों से परेशान हैं। दोहरीघाट के किराना व्यापारी विवेक कुमार बताते हैं कि तेल-मसाला हर हफ्ते बदलते दामों के साथ बिक रहा है। हालांकि, जुलाई के आखिर में कुछ हल्के रहे, लेकिन इस महीने फिर बढ़ गए। महंगाई का दौर चल रहा। पहाड़ी और दक्षिण भारत से मसालों की आवक ही महंगी पड़ रही, तो यहां के रेट बढ़े ही चले जा रहे हैं।

बिगड़ रहा भोजन का स्वाद

मऊ। गृहिणी सीमा शुक्ला बताती है, बाजार में तेल-मसालों के दाम पिछले कई महिनों से बढ़े चल रहे है, हालांकि तेल के रेट कुछ थमें है। मसालों के बिना घर की रसोई का स्वाद फीकापन में रहता है। रेस्टोरेंट संचालक विजय जायसवाल बताते हैं मसाले बहुत महंगे हो गए हैं, जो मसाला सौ ग्राम इस्तेमाल होता था, उसे अब 80 ग्राम इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि क्वालिटी मेनटेन करनी पड़ती है।

भाव रुपये/प्रति किलो में

सरसों का तेल--130-135

डालडा--120

रिफांइड--115

पामआयल--90-105

जीरा--450

मेथी--120

सूखामिर्च--260

कालीमिर्च--880

आजवाइन--440

छोटी इलाइची--3000

लौंग--1200

बड़ी इलाइची--2200

हींग--1300

जायफल--700

दालचीनी--600

सूखीधनिया--100

हल्दी--190

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