सरहरा और परमहंस बाबा कुटी के सामने कटान शुरू
सरयू नदी का जलस्तर घटने के बावजूद कटान बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में खतरा बढ़ गया है। नईबाजार के पास फोरलेन पुल के पिलर को नदी काट रही है, जिससे पुल पर खतरा मंडरा रहा है। बाढ़ ने धान की फसलें बर्बाद कर...
दोहरीघाट। सरयू नदी का जलस्तर घटने के बाद भी नदी के उग्र रूप धारण करने से तटवर्ती इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ती ही रही हैं। 24 घंटे में नदी के जलस्तर में सात सेमी का घटाव दर्ज किया गया। इस समय नदी खतरा बिंदु 69.90 मीटर से पांच सेमी नीचे बह रही है। जलस्तर खतरा बिंदु से नीचे जाते ही सरहरा और परमहंस बाबा कुटी के सामने धीरे-धीरे कटान शुरू हो गई। वहीं, इस समय लहरें भारत माता मंदिर और शवदाह स्थल से सीधे टकरा रही है। इससे कटान का खतरा बढ़ गया। उधर, नईबाजार के समीप बन रहे फोरलेन पुल के गोरखपुर की सीमा में अंतिम पिलर के पास नदी तेजी से कटान कर रही है। पिलरों के पास की मिट्टी तेजी से बह रही और फोरलेन पुल के पिलर से नदी कटान करती हुई फाउंडेशन तक पहुंच गई है, जिससे पुल पर खतरा मंडरा रहा है।
सरयू नदी के जलस्तर पर नजर डाले तो रविवार को 69.92 मीटर पर थी, जो सोमवार को घटकर 69.85 मीटर पर पहुंच गई। जलस्तर घटने के बाद भी बंधों पर दबाव बना हुआ है। वहीं, जलस्तर जैसे ही खतरा बिंदु के नीचे पहुंचा है तटवर्ती क्षेत्रों में कटान ने रफ्तार पकड़ ली है। नईबाजार के समीप नदी में बन रहे पुल के अंतिम छोर पर गोरखपुर की सीमा में पिलर 25वें और 26वें के बीच मिट्टी को काट रही है। नदी कटान करती हुई तेजी से फाउंडेशन के तरफ बढ़ रही है, जिससे पुल पर खतरा मंडरा रहा है। नईबाजार के सरहरा पूरवे और परमहंस बाबा कुटी के सामने रुकी कटान शुरू हो गई। नदी सरहरा पूरवे के पास कटान करती हुई आबादी की तरफ बढ़ रही है। तो वहीं परमहंस बाबा कुटी के सामने कटान होने से महुला-गढ़वल बंधे पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि नदी और बंधे के बीच 50 मीटर की दूरी ही बची। इस संबंध में सिंचाई विभाग के जेई जयप्रकाश यादव ने बताया कि जिस क्षेत्र में कटान हो रही वह बाढ़ खंड आजमगढ़ के अधीन है। सिंचाई विभाग के क्षेत्र में कहीं भी कटान नहीं हो रही है। जलस्तर घटने और बढ़ने के समय कटान की संभावना रहती है, जिससे निपटने के लिए सारी व्यवस्था कर ली गई है। कटान रोकने के लिए सभी कर्मचारी अलर्ट हैं।
दिसंबर में दूसरी लेन चालू करने की थी योजना
दोहरीघाट। बीते अप्रैल माह में जेपी ग्रुप ने एक लेन पुल बनाकर एनएचएआई को सौंप दिया। तभी से एक लेन पर आवागमन भी चालू हो गया तथा शेष दूसरी लेन का काम चल रहा है। दिसंबर माह चालू करने की योजना थी। इधर, नदी की तेज कटान से परियोजना पर पानी फिरता दिख रहा है। हालात यह है कि कटान रोकने की कोई योजना कारगर नहीं दिख रही है। जब जलस्तर बढ़ा था तो किसी को कटान का अंदेशा नहीं था। जैसे जलस्तर घटा फाउंडेन और दो पिलर के बीच की पाटी गई मिट्टी नदी की धारा में विलीन हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तो मंजर को देखते हुए यही लगता है कि एक बार फिर कही पुल के पिलर को और आगे न बढ़ाना पड़े।
बर्बाद फसलों का मुआवजे की मांग
दोहरीघाट। बाढ़ का पानी गांवों और खेतों से तेजी से निकल रहा है। लेकिन बाढ़ के पानी ने नईबाजार से लेकर सूरजपुर तक सैकड़ों एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर दिया है। दो हफ्ते से अधिक दिनों तक बाढ़ के पानी में धान की फसल डूबी होने से आधे से अधिक गल गई है। जिसे देख किसान चिंतित हैं। किसान अजय कुमार यादव, दीनानाथ, सुमेर, दशरथ, सुभाष आदि ने कहा कि शासन-प्रशासन बर्बाद फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा दे।
शवदाह स्थल की निगरानी बढ़ाई गई
सरयू नदी पर बन रहे फोरलेन पुल के पिलरों और फाउंडेशन के पास हो रही कटान मऊ जनपद में नहीं पड़ता है। वह गोरखपुर जनपद के अधीन है। सिंचाई विभाग अपने कार्यक्षेत्र में अलर्ट है। कस्बे के मुक्तिधाम पर उग्र लहरें टकरा रही हैं। जिसको लेकर भारत माता मंदिर और शवदाह स्थल की निगरानी बढ़ा दी गई है।
- मनोज सिंह, एक्सईएन सिंचाई विभाग-मऊ।
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