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सरयू के जलस्तर में गिरावट से ग्रामीणों को राहत

सरयू नदी के जलस्तर में 22 सेमी की कमी आई है, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर है। तटवर्ती इलाकों से पानी उतरने लगा है, पर फसलें डूबी हुई हैं। नदी के कटान का खतरा बढ़ गया है और प्रशासन...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊSun, 1 Sep 2024 12:55 AM
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दोहरीघाट, हिन्दुस्तान संवाद। सरयू नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटों में 22 सेमी कमी आई है, लेकिन अभी भी नदी खतरा बिंदु 69.90 मीटर से 10 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं इस समय लहरों में उफान तेज है। धारा के वेग में कोई कमी नहीं आई है। पानी घटने से तटवर्ती इलाकों से बाढ़ का पानी उतरने लगा है। लेकिन अभी भी फसलें डूबी हुई है। जिसको लेकर किसान परेशान है। वहीं घटते जलस्तर के साथ ही कटान का खतरा बढ़ गया है। महुला गढवल बांध, नवली चिऊटीडांड रिंग बांध, बीबीपुर बांध और स्परों पर सरयू का दबाव अभी बना हुआ है।

शनिवार को भी सुबह से ही गौरीशंकर घाट स्थित मीटर गेज पर जलस्तर घटते क्रम में दर्ज किया गया। शुक्रवार को सरयू का जलस्तर 70.22 मीटर था। जो शनिवार को घटकर 70.00 मीटर हो गया। सरयू नदी अब खतरा बिंदु 69.90 मीटर से 10 सेमी ऊपर बह रही है। जलस्तर घटने से तटवर्ती गांवों में घुसा पानी उतरने से ग्रामीण राहत की सांस ले रहे हैं। तो वहीं बाढ़ के पानी में डूबी फसलों को देख अभी भी किसान परेशान है। क्योंकि एक हफ्ते से अधिक दिनों से फसलें डूबी हुई है। अगर जल्द ही पानी नहीं उतरा तो फसलों के गलने की संभावना बनी हुई है। उधर, घटते जलस्तर के साथ ही तटवर्ती क्षेत्रों में कटान को लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है।

वहीं दोहरीघाट नगर की ऐतिहासिक धरोहरें मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, खाकी बाबा की कुटी, दुर्गा मंदिर, लोक निर्माण का डाक बंगला, हनुमान मंदिर, डीह बाबा का स्थान, शाही मस्जिद अभी भी खतरे कि जद में है। नदी की प्रलयंकारी लहरें मुक्तिधाम स्थित भारतमाता मंदिर और शवदाह स्थल पर टक्कर मार रही हैं। शवदाह स्थल के नीचे नदी की लहरें पत्थरों से टकरा रही हैं। जिससे कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है। नई बाजार गांव के सरहरा पुरवे से लेकर परमहंस बाबा कुटी के सामने कटान की संभावना बढ़ गई है। लेकिन प्रशासन की ओर से कटान रोकने की दिशा में अब तक कदम नहीं उठाया जा सका है। उधर, नवली में बने रिंगबांध पर बने निर्माणाधीन ठोकरों व स्परों पर सरयू का दबाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही सरयू के इस रौद्र रूप को देखर तटवर्ती क्षेत्र के लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। जलस्तर को लेकर सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बंधों पर डेरा डाले हुए हैं। दूसरी ओर सुरक्षा में लगे बोल्डरों को बचाने में विभाग जुटा है। नई बाजार के पास फोरलेन पुल से नदी सीधे रामपुर धनौली से लेकर मुक्तिधाम तक टकरा रही है। वहीं बंधों के नीचे की फसलें अब भी पूरी तरह डूबी हुई। अगर पानी ज्यादा दिन तक बना रहा तो फसलों के गलने का खतरा बना हुआ है।

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इनसेट

बैकरोलिंग से मुक्तिधाम के पास बन रही खाई

दोहरीघाट। सरयू नदी का पूरा दबाव मुक्तिधाम पर बना हुआ है। भारत माता मंदिर से लेकर खाकी बाबा कुटी तक नदी तेजी से बैकरोलिंग कर रही है। इससे गहरी खाई बनती जा रही है। गौरीशंकर घाट पर जहां शव यात्री स्नान करते थे, वहां दिन प्रतिदिन खाई गहरी होती जा रही है। इससे घाट की स्थित भयवाह हो गई है। और शवयात्री स्नान करने दूसरे घाट पर जा रहे हैं। वहीं धनौली के समीप नदी की धारा फोरलेन पुल से टकराकर आकर ठोकर मार रही है। जिससे कटान का खतरा बढ़ गया है।

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डूबी फसलों को लेकर किसान परेशान

दोहरीघाट। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। किसानों को धान की फसल का अब काफी नुकसान दिखने लगा है। क्षेत्र के बेलौली सोनबरसा, पतनई, बहादुरपुर, ठिकरहिया, बीबीपुर, उसरा सहित दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है। सिंचाई विभाग के जेई जयप्रकाश यादव ने बताया कि नदी के जलस्तर पर पल पल की नजर रखी जा रही है। बन्धों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है तथा सभी बाढ़ चौकियों पर तैनात बेलदारों को अलर्ट रहने का निर्देश दे दिया गया है। बाढ़ और कटान से निपटने के लिए सिंचाई विभाग पूरी तरह तैयार है।

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