जलस्तर बढ़ने से नगर में पानी घुसने की आशंका
सरयू नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से दोहरीघाट के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई गांवों में फसलें डूब गई हैं और ग्रामीण भयभीत हैं। ऐतिहासिक धरोहरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। सिंचाई...
दोहरीघाट। नेपाल द्वारा छोड़े गए 3.88 लाख क्यूसेक पानी से सरयू नदी का जलस्तर में वृद्धि जारी है। शुक्रवार शाम चार बजे तक जलस्तर खतरे के निशान से 60 सेमी.ऊपर पहुंचते ही तटवर्ती क्षेत्रों के हालात बिगड़ने लगे हैं। बीते 24 घंटे में 10 सेमी की वृद्धि हुई है। बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे गांवों की तरफ बढ़ने लगा है। अगर ऐसे ही जलस्तर बढ़ता रहा तो शनिवार यानी आज दोहरीघाट कस्बे में पानी घुसने की संभावना बनी हुई है। वहीं बंधों के नीचे और तटवर्ती गांवों के सीवान में सैकड़ों एकड़ किसानों की फसल डूबी हुई है। बाढ़ की संभावना से तटवर्ती गांवों में दहशत का माहौल है। सरयू नदी के जलस्तर पर नजर डाले तो गुरुवार को 70.40 मीटर पर था, जो शुक्रवार को बढ़कर 70.50 मीटर पर पहुंच गया। नदी का पानी जिस रफ्तार से बढ़ रहा है इससे बहादुरपुर, पतनई, बीबीपुर, सरहरा, नईबाजार सहित अन्य गांवों के तरफ बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। पानी गांवों के सीवान तक पहुंचा है, जिससे सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। वहीं, बीबीपुर गांव के सीवान में पानी भर चुका है और पशुओं के चारे की समस्या बढ़ गई है। वहीं संभावना है कि शनिवार रात या रविवार तक गांवों में पानी घुसना शुरू हो जाएगा। जिसको लेकर ग्रामीण परेशान है। दोहरीघाट कस्बे के तीन मोहल्लों में 70.60 मीटर जलस्तर पहुचते ही बाढ़ का पानी नाले के रास्ते से शुरू हो जाएगा। जो सबसे पहले चमरौटी वार्ड, मल्लाह टोला और भगवापुरा वार्ड में पानी घुसता है। पानी घुसने की आशंका को लेकर कस्बे वासी परेशान। उधर, जलस्तर बढ़ने से बीबीपुर-गोधनी रिंग बंधा, महुला-गढ़वल बंधा सहित अन्य बंधों पर दबाव बढ़ गया है। बंधों के नीचे फसलें बाढ़ के पानी में हफ़्तों से डूबी हुई हैं, जिससे गलने की आशंका बनी है। उधर, चिऊटीडांड़ से लेकर रामपुर धनौली तक नदी उफान पर है और सीधे ठोकरो को टक्कर मार रही है। मुक्तिधाम स्थित भारत माता मंदिर, गौरीशंकर स्नान घाट, खाकी बाबा की कुटी, शाही मस्जिद, डीह बाबा मंदिर के पास बैकरोलिंग तेज हो गई है, जिसको देखते हुए सिंचाई विभाग के जेई जेपी यादव बोरियो में मिट्टी, बालू और ईट भरकर जगह जगह डंप करा रहे हैं, जिसे आवश्यकता पड़ने लगाया जाएगा।
गांवों में बढ़ा बाढ़ का खतरा
दोहरीघाट। सरयू नदी के जलस्तर में हो रही भारी वृद्धि से तटवर्ती गांवों के ग्रामीण बाढ़ की आशंका से काफी भयभीत है। क्षेत्र के कादीपुर, गोड़ौली, लामी, तारनपुर, भैसाखरग, नईबाजार, चिऊटीडांड, रामनगर, चकभगवान दास, नवली, हरधौली, सरहरा, मोहम्दाबाद सिपाह, बहादुरपुर, पतनई, बीबीपुर, सरया, गोधनी सहित 50 गांव में बाढ़ का पानी घुस जाता है। बाढ़ में किसानों की फसलें जहां बरबाद होती है। वहीं ग्रामीणों के सामने जीविकोपार्जन का संकट भी खड़ा हो जाता है। बाढ़ बाद यह सुधरने का प्रयास करते ही रहते कि फिर से बाढ़ आकर इनके हौसलों को पस्त कर देती है।
ऐतिहासिक धरोहरों पर खतरा बढ़ा
दोहरीघाट। सरयू नदी में अचानक उफान आने से नगर में खलबली मच गई है। नदी के बढ़ने से नगर की अनेक ऐतिहासिक धरोहरे मुक्तिधाम, दुर्गा मन्दिर, लोक निर्माण विभाग का डाकबंगला, शाही मस्जिद, डीह बाबा का मंदिर, हनुमान मंदिर आदि जहां खतरे में है। वहीं, मुक्तिधाम पर स्थित भारत माता मंदिर और शवदाह स्थल पर खतरा बढ़ गया है। सरयू की प्रलयंकारी लहरे शवदाहघाट और भारत माता मंदिर पर सीधे टक्कर मार रही है, जबकि नदी के बढ़ने से नगर के तीन मोहल्ले भगवानपुरा, मल्लाह टोला और दलित बस्ती में पानी घुसने के डर से लोग दहशत में हैं।
जलस्तर इस समय बढ़ाव पर
दोहरीघाट। अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग मऊ मनोज सिंह ने बताया कि सरयू नदी का जलस्तर इस समय बढ़ाव पर है। नदी के प्रवाह की रफ्तार तेज है। हालांकि, अभी बाढ़ की समस्या कहीं नहीं है। हालात पर बराबर नजर रखी जा रही है। किसी तरह की समस्या से निपटने के लिए सिंचाई विभाग पूरी तरह तैयार है।
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