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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मऊNotorious criminal Pankaj Yadav surrenders with STF in Mathura walks in the footsteps of Mukhtar Ansari

मुख्तार की सह पर पंकज जरायम की दुनिया में रखा था कदम

पंकज यादव ने एसटीएफ के साथ मथुरा में मुठभेड़ में ढेर किया, जरायम की दुनिया में मुख्तार अंसारी की सह पर कदम रखा। 2007 में गाजीपुर के कासिमाबाद थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया था।

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊWed, 7 Aug 2024 05:26 PM
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मऊ। मथुरा में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर पूर्वांचल का कुख्यात अपराधी पंकज यादव जरायम की दुनिया में मुख्तार अंसारी की सह पर कदम रखा था। पंकज यादव पर पहला मुकदमा वर्ष 2007 में गाजीपुर के कासिमाबाद थाने में दर्ज किया था। जरायम की दुनिया में कदम रखने वाला पंकज इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और खुलेआम ठेके पर हत्या, रंगदारी और लूट की घटना को अंजाम देता था। पंकज ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह रामसिंह और आरक्षी सतीश सिंह की सरेआम हत्या में भी शामिल था। आरक्षी सतीश की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी की सह पर पंकज का जरायम की दुनिया में सुखियों में छा गया। मऊ जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र के ताहिरपुर निवासी पंकज यादव मुख्तार अंसारी की सह पर जरायम की दुनिया में कदम रखा था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार पंकज यादव के खिलाफ वर्ष 2007 में पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। पंकज यादव पहली बार गाजीपुर जिले के कासिमाबाद थाने में चोरी के मामले में गिरफ्तार हुआ था और उसके खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन जेल से लौटने के बाद पंकज फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। पंकज मुख्तार अंसारी की सह पर एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा था। वह 17 साल तक एकक्षत्र अपराध की दुनिया में राज किया।

पुलिस रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2008 में उसके खिलाफ आजमगढ़ के मेंहनगर और फिर मऊ के रानीपुर थाने में एनडीपीएस एक्ट, आजमगढ़ मेंहनगर आम्र्स एक्ट, जान से मारने का प्रयास, मऊ के हलधरपुर लूट का मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं वर्ष 2009 में रानीपुर में हत्या, घोसी में लूट का मुकदमा दर्ज किया गया था। पंकज यादव, मन्ना सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह रामसिंह मौर्य एवं उनके गनर सिपाही सतीश की 19 मार्च 2010 को आरटीओ कार्यालय के पास सरेआम गोली मारकर हुई हत्या में भी शामिल था। ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह रामसिंह और आरक्षी सतीश की सरेआम हत्या के बाद पंकज यादव अपराध की दुनियां में सुर्खियों में छा गया था। अपराध की दुनियां में सुर्खियों में छाने के बाद पंकज यादव पीछे मुड़कर नहीं देखा और मुख्तार अंसारी की सह पर लगातार एक से बढ़कर एक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में जुट गया था।

जब गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा गया था जिला

मऊ, संवाददाता।

29 अगस्त 2009 को जिले के ए ग्रेड के ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह की घर से निकलते ही गाजीपुर तिराहे के पास सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दिया गया था। इसके उपरांत मन्ना सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह रामसिंह मौर्य एवं उनके गनर सिपाही सतीश की 19 मार्च 2010 को आरटीओ कार्यालय के पास सरेआम गोली मारकर हुई हत्या के दौरान गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा जिला थर्रा उठा था। मामले में मुख्तार अंसारी के साथ पंकज यादव को भी आरोपित बनाया गया था। रामसिंह और सिपाही सतीश की हत्या के बाद पंकज यादव खुलेआम आपराधिक घटनाओं को देने में जुट गया था और पुलिस की आंखों में धूल झोंकर वह फरार भी हो गया था। फरार चल रहे पंकज यादव की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी एडीजी ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

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