कार्तिक पूर्णिमा स्नान आज, सरयू के घाटों पर जुटे श्रद्धालु
दोहरीघाट में कार्तिक पूर्णिमा मेले के बटोर के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सरयू नदी में स्नान के लिए भक्तों का आना शुरू हो गया है। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। रामघाट पर महिलाओं...
दोहरीघाट। कार्तिक पूर्णिमा मेला के बटोर के दिन गुरुवार को कस्बे में स्नानार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। सरयू में डुबकी लगाने के लिए गुरुवार को दिन में बारह बजे से ही स्नानार्थियों का आना शुरू हो गया था। स्नानार्थी मंदिरों और धर्मशालाओं में शरण लिए। शुक्रवार सुबह यानि आज कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम रामघाट पर उमड़ेगा। प्रशासन ने मेला क्षेत्र जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। वहीं, बटोर के दिन सुबह से ही कस्बे के रामघाट पर सरयू माई को कराही चढ़ाने और पूरी हलुवा चढ़ाने के लिए महिलाओं का रेला लगा रहा। मनोकामना पूरी होने पर लोग नावों का माथ पूजन कर नदी में सपरिवार सवार होकर सेहरा बीच नदी में जाकर चढ़ाये तथा पूजन-अर्चन किए।
कस्बे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाले ऐतिहासिक मेले को भव्य बनाने में नगर पंचायत ने तैयारी पूरी कर ली है। घाटों पर सफाई का कार्य पूरा कर आकर्षक रूप से सजाया गया है। जबकि इस बार सिर्फ रामघाट और पुल के पास मातेश्वरी घाट पर ही स्नान होगा। गौरीशंकर घाट और राम जानकी घाट की सीढ़ियां पूरी तरह से नदी की धारा में विलीन होने से सील कर दिया गया है। गुरुवार को ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया। गैर जनपदों से आए दुकानदारों ने अपना स्टॉल लगाने में जुटे नजर आए। मुक्तिधाम का रंग रोगन नए कलेवर में किया गया है। पार्कों में देशी विदेशी फूल अपनी छटा बिखेर रहे हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इस बार मेला के एक दिन पूर्व आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने को लेकर उनकी व्यवस्था कर रहे हैं। गुरुवार शाम तक नगर के सभी घाट, मंदिर, धर्मशाला और मुक्तिधाम स्नानार्थियों से पट गये थे। मेले को लेकर नगर पंचायत के ईओ मनोज यादव ने बताया कि इस बार कस्बे के सिर्फ रामघाट और मातेश्वरी धाम घाट पर ही श्रद्धालु स्नान कर पाएंगे। क्योंकि सरयू की कटान से जानकी घाट, गौरीशंकर घाट सहित अन्य घाटों पर खाई होने के कारण स्नान करने से रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं के स्नान से रोकने के लिए प्रतिबन्ध का चेतावनी बोर्ड लगा दिया गया है। उधर, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात होकर सुरक्षा की कमान संभाल ली है। लाहौरी माता मन्दिर से रामघाट जाने वाली सड़क पर सुरक्षा के खासा इंतजाम किए गए है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों को अंदर जाने से पहले ही चौक पर रोक दिया जा रहा है। बटोर के दिन ही हजारों स्नानार्थियों का रेला देर रात तक रामघाट की ओर जाता रहा। कार्तिक पूर्णिमा मेला को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए नगर प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा सारे बन्दोबस्त किए गए है।
रामघाट पर दिख रहा लोक संस्कृति का संगम
दोहरीघाट। कार्तिक पूर्णिमा के ऐतिहासिक स्नान मेले में लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। जहां लोक नर्तक अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को लुभा रहे हैं। वहीं लोक संस्कृति की अनुपम छठा बिखेर रहे हैं। विलुप्त हो रहे लोक संस्कृति को रामघाट पर नई संजीवनी मिल रही है। मान्यता है कि सुहागिनों के आंचल पर अपना पैर रखकर नृत्य करने से उनका सुहाग अचल हो जाता है। साथ ही साथ बच्चों की भी नजर उतारते है। इस लोक संस्कृति को जहां धोबीयाहु, कहरहूं, मृदंग के साथ विलुप्त हो रहे लोक संस्कृति को जीवंत होते देखा जा रहा है।
20 जोड़ी स्पेशल बसें चलाईं जाएंगी
दोहरीघाट। कार्तिक पूर्णिमा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दोहरीघाट डिपो रोडवेज की 20 बसों को विभिन्न रूटों पर भोर से दौड़ने लगेगी। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एके मिश्रा ने बताया रोडवेज बसें मऊ रुट, मधुबन रूट, लाटघाट रूट, अमिला-लाटघाट सहित अन्य रूटों पर चलेंगी। इनमें पांच-पांच बसे कोपागंज, मधुबन, घोसी और आजमगढ़ जनपद के जीयनपुर से बसे चलाई जाएंगी। ये बसें कार्तिक पूर्णिमा मेला स्पेशल होंगी।
मुक्तिधाम पार्क सजधज कर तैयार
दोहरीघाट। कार्तिक पूर्णिमा मेले आने वाले पर्यटकों को लुभाने के लिए मुक्तिधाम को सजाया जा रहा है। मुक्तिधाम सेवा संस्थान के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन गुलाबचंद गुप्ता ने बताया कि संस्थान की तरफ से मुक्तिधाम परिसर एवं गौरीशंकर घाट का रंगाई-पोताई कर नए रूप में संवारा गया है। पार्कों में नए देशी-विदेश आर्कषक पेड़ पौधों सहित फूल अपनी आभा बिखेर रहे हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए मुक्तिधाम सेवा संस्थान ने अपनी पूरी तैयारी पूरी कर ली है। पर्यटकों की सुविधाओं के लिए जगह जगह संकेतक लगाए गए हैं, जिससे की पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। पूरे मुक्तिधाम परिसर को अंदर और बाहर से दुल्हन की तरह सजाया गया है, जिसकी छंटा देखते ही बन रही है।
रामघाट-मातेश्वरी धाम मंदिर के रूप में बंटा क्षेत्र
दोहरीघाट। कार्तिक पूर्णिमा मेला को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में बांट कर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किया जा रहा है। वहीं मेला और स्नान के लिए रामघाट और मातेश्वरी धाम मन्दिर के रूप में बांटा गया है। थानाध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मेला को सकुशल संपन्न कराने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल और यातायात पुलिस को लगाया गया है। साथ ही नदी में नावों पर गोताखोरों को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि अराजकतत्वों पर नजर रखने के लिए मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन कैमरे से भी की जाएगी। नदी में नावों पर भी पुलिसकर्मी लाइफ जैकेट के साथ तैनात रहेंगे।
आस्था और विश्वास का अनूठा संगम है कार्तिक मेला
दोहरीघाट। कस्बे के रामघाट पर कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला ऐतिहासिक मेला धीरे-धीरे अपने रंग में रंगता जा रहा है। मेले के लिए दुकानें सजने लगी है। तो वहीं कस्बेवासी व नगर पंचायत द्वारा श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो पूरी तैयारी करने में जुट गए हैं। 15 नवंबर को सरयू नदी की रेती पर आस्था का सैलाब उमड़ता नजर आएगा। स्नान के दिन रामघाट का दृश्य देखते ही बनता है। कोई सरयू की धार में अठखेलियां तो कोई रेत में मस्ती करते नजर आता है। कार्तिक पूर्णिमा मेला आस्था और विश्वास का अनूठा संगम है। प्रात:काल में श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य समर्पित कर पवित्र सरयू मैया में स्नान करते हैं और भगवान की पूजा अर्चना में जुट जाते हैं। बुजुर्ग, पुरुष और महिलाएं अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए मन्नत मांगती हैं।
बस स्टेशन पर रही कड़ी चौकसी
दोहरीघाट। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय बस स्टेशन और प्राइवेट टैक्सी स्टैंडों पर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा-व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए पुलिस टीम ने मेला क्षेत्र सहित बस स्टेशन के चप्पे-चप्पे का निरीक्षण किया। इसके अलावा बसों से आने वाले स्नानार्थियों को उतरने और बाहर निकलने में पुलिस रोडवेज कर्मियों संग टीम के साथ सहयोग करते रहे।
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