अश्वमेघ महायज्ञ : कलश शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब
Mau News - दोहरीघाट में अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम के छठवें अश्वमेघ महायज्ञ की कलश शोभायात्रा में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। 10 किलोमीटर की यात्रा में देवी-देवताओं की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। सुरक्षा के...
दोहरीघाट। सरयू तट पर स्थित अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम के छठवें अश्वमेघ महायज्ञ के कलश शोभायात्रा में शुक्रवार को दो हरियों की मिलन स्थली दोहरीघाट कस्बे में आस्था का कुम्भ उमड़ पड़ा। यात्रा में गाजे-बाजे, हाथी-घोड़े के साथ सजी यात्रा को जिसने भी देखा अपलक निहारते ही रह गया। शोभायात्रा में देवी-देवताओं की झांकियां सभी का मन मोह रही थीं। अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी माध्यम से मातृभक्तों का जनसैलाब दोहरीघाट नगर भ्रमण करते हुए सरयू पुल से होकर समीपवर्ती गोरखपुर जनपद के बड़हलगंज में कस्बे का भ्रमण कर मुक्तिपथ बड़हलगंज से मातृभक्तों द्वारा कलश में जल भरकर वापस अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम पहुंची। कलश शोभायात्रा 10 किलोमीटर की दूरी तय कर अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम के प्रांगण में आकर संपन्न हुई जहां पर सभी मातृभक्तों ने अपने हवन कुंड के पास कलश स्थापित कर सद्गुरु के निर्देशानुसार छठवें अश्वमेघ महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। 10 किलोमीटर लंबे चले कलश शोभायात्रा से पूरे दिन भर दो जनपदों के दोहरीघाट और गोरखपुर बड़हलगंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों की लंबी-लंबी कतार कई किलोमीटर दिखाई देने लगी। शोभायात्रा में दर्जनों झांकियों में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम जानकी, शिव तांडव कलाकारों द्वारा उनका सजीव मंचन देख लोग भावविभोर हो गए। अपलक नेत्रों से झांकियों को लोग निहारते देखे गए। कलाकारों के प्रतिभाओं को देखकर लोग अचंभित रह गए। अंतर्राष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम के संस्थापक सदगुरु महाराज ने कहा कि आज के परिवेश में मानव अपने धर्म की मूल उद्देश्यों को भूलकर भाई-भाई का दुश्मन बन बैठा है। धर्म की गलत परिभाषा और गलत उद्देश्यों का अपनाने लगा है। जबकि यह सत्य नहीं है कोई भी धर्म भाई को भाई से नफरत नहीं सिखाता। धर्मों का मूल उद्देश्य मानव में आपसी समरसता है।
थानाध्यक्ष मय हमराहियों संग रहे तैनात
दोहरीघाट। अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम की कलश शोभायात्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन अर्लट रहा। महिला और पुलिस सिपाही और पीएसी के जवानों के साथ चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या यातायात जाम को लेकर प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद रहा। कलश यात्रा जैसे ही समाप्त हुई, प्रशासन ने राहत की सांस ली। थानाध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार सिंह मौके पर चक्रमण करते रहे।
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