पांच शिक्षा क्षेत्रों में कस्तूरबा विद्यालय ही नहीं
सरकार गरीब और आउट ऑफ स्कूल बच्चियों को शिक्षा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) योजना शामिल है। हालांकि, जिले के दस शिक्षा क्षेत्रों में से...
गरीब और आउट ऑफ स्कूल बच्चियों को शिक्षा दिलाने के लिए सरकार की कई योजनाएं संचालित है। इसमें एक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) योजना भी है। मानक के अनुसार केजीबीवी सभी शिक्षा क्षेत्र यानी नगर और ब्लाक में होना चाहिए। लेकिन जिले के दस शिक्षा क्षेत्रों में पांच ही स्थानों पर केजीबीवी विद्यालय बने हैं। इनमें 500 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहीं है। लेकिन मऊ शहर समेत चार ब्लाकों में अभी तक केजीबीवी विद्यालय नहीं बन सके हैं। जिले में पांच कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। जो मानक के अनुसार केजीबीवी की स्थापना नहीं हैं। पांच शिक्षा क्षेत्र में केजीबीवी की स्थापना आज तक नहीं हुई है। करीब दो दशक से मऊ नगर समेत चार ब्लाकों में केजीबीवी की स्थापना का इंतजार है, मगर इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में कुल 10 शिक्षा क्षेत्र हैं। इनमें मऊ नगर, दोहरीघाट, रतनपुरा, घोसी, फतेहपुर मंडाव, बड़रॉव, मुहम्मदाबाद गोहना, कोपागंज, रानीपुर, परदहां शामिल हैं। मानक और शासनादेश के अनुसार हर शिक्षा क्षेत्र में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय होना चाहिए।लेकिन जिले में पांच शिक्षा क्षेत्र मऊ नगर समेत दोहरीघाट, घोसी, परदहां, फतेहपुर मंडाव में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय नहीं है। वहीं जिले के बड़रॉव, रतनपूरा, कोपागंज, रानीपुर, मुहम्मदाबाद गोहना में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में सौ-सौ कुल 500 छात्राएं पंजीकृत हैं और सभी में सुव्यवस्थित व्यवस्था है। जिला समन्यवक बालिका शिक्षा अनिल चौरसिया ने बताया कि सभी जगह माकूल व्यवस्था है। रहने, खाने और पढ़ाने की बेहतर व्यवस्था है। बालिकाओं के लिए बालिका छात्रावास का भी निर्माण हुआ है। जिसका हाल ही में मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया। अगले सत्र में केजीबीवी से कक्षा आठ पास करने वाली छात्राओं का नामांकन उच्च शिक्षा के लिए कराया जाएगा। सभी शिक्षा क्षेत्रों में केजीबीवी विद्यालय खोलने के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है।
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