नेपाल से पानी छोड़े जाने से सरयू में उफान
नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे दोहरीघाट के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। किसानों को नुकसान हो रहा है और ऐतिहासिक धरोहरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।...
दोहरीघाट। नेपाल के गिरजा, शारदा और सरयू बैराज से छोड़े गए 3.41 लाख क्यूसेक पानी से सरयू नदी में उफान तेज हो गया है। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि से तटवर्ती गांवों में दहशत व्याप्त है। सरयू खतरा बिंदु 69.90 मीटर से 45 सेमी ऊपर बहने लगी हैं। अब बाढ़ का पानी खेत खलिहानों और बाग बगीचों में एक बार फिर पहुंचना शुरू हो गया है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से जहां अब कस्बेवासियों को भी बाढ़ की चिंता सताने लगी है। क्योंकि जैसी ही जलस्तर 70.50 मीटर पर पहुंचेगा, कस्बे के मल्लाह टोला चमरौटी वार्ड में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो जाएगा। सरयू नदी के जलस्तर पर नजर डाले तो शनिवार की शाम चार बजे 70.25 मीटर था जो रविवार को बढ़कर 70.35 मीटर हो गया। सरयू के बढ़ते जलस्तर से नई बाजार के समीप नदी में पुल के लिए बनाए गए पीलर से नदी की धारा टकराकर कर भीषण गर्जना कर रही है, जिसको देख लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। नदी का पूरा दबाव इस समय रिंग बन्धों पर आ गया है। बाढ़खंड आजमगढ़ ने चिऊटीडाड़ रिंग बन्धों की निगरानी बढ़ा दिया है। वहीं, सिंचाई विभाग के गोधनी, बीबीपुर रिंग बन्धों की सुरक्षा बढ़ा दी है। रेगूलेटरों पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। जलस्तर में हो रही वृद्धि से दोहरीघाट कस्बा सहित बीबीपुर, बहादुरपुर, कोरौली, पतनई, सरया, गोधनी, पाऊस, ठाकुरगांव, गौरीडीह, नईबाजार, नवली, सरहरा, रामपुर धनौली सहित आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुसने का डर बना हुआ है। वहीं, सुरक्षा में लगे बोल्डर ठोकर और बोल्डर पिचिंग पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जिससे खिसकने का खतरा बढ़ गया है। नगर की ऐतिहासिक धरोहरें मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, लोक निर्माण का डाक बंगला, हनुमान मंदिर, शाही मस्जिद, खाकी बाबा की कुटी सहित ऐतिहासिक धरोहरों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। वहीं, रविवार को सिंचाई विभाग के एक्सईएन मनोज सिंह ने खाकी बाबा कुटी, जानकी घाट और मुक्तिधाम पर बाढ़ का निरीक्षण किया और जेई को जलस्तर पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही सुरक्षा में लगे बोल्डरों की भी निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि इस बार नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर हम पहले से ही अलर्ट हैं। बाढ़ चौकियों पर बेलदारों की तैनाती कर दी गई है। वहीं, रेगुलेटरों पर भी कर्मचारी तैनात किए गए हैं। रामपुर धनौली रिंग बंधों की सुरक्षा के लिए भी कर्मचारी तैनात किए गए हैं जो रिंग बंधों की निगरानी कर रहे हैं।
1998 में रिकार्ड 71:25 पर पहुंचा था जलस्तर
दोहरीघाट। सन् 1998 की बाढ़ में भीषण तबाही मची थी। वहीं सरयू का जलस्तर रिकार्ड 71.27 मीटर पर पहुंच गया था। जिसमें जगह-जगह रिंग बन्धे टूट गए थे। सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था। लोग गांवों से पलायन कर दूसरे जगह सहारा लेने को मजबूर हो गए थे। भीषण जन धन की हानि हुई थी। इस बार भी नदी का जलस्तर तेजी बढ़ रहा है। आगे क्या होगा राम जाने, लेकिन वहीं सिंचाई विभाग के जेई जयप्रकाश यादव ने बताया कि नेपाल द्वारा लगातार पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर अभी और बढ़ेगा जिसको देखते हुए हम अलर्ट हैं। सरयू का जलस्तर तेजी से बढ़ने को लेकर अब कस्बेवासियों की नींद हराम हो गई है। जिस तरह सरयू का जलस्तर बढ़ रहा है उस हिसाब से 24 घंटे में अब कस्बे के चमरौटी वार्ड, मल्लाह टोला, भगवानपुरा में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो जाएगा, जिसको लेकर कस्बेवासियों में दहशत व्याप्त है।
कभी घुस सकता है दोहरीघाट में पानी
दोहरीघाट। सरयू नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो 24 घण्टे में दोहरीघाट नगर के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी घुसने लगेगा। हर साल सरयू में उफान आने पर नगर के तीन मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस जाता है। जिससे लोगों को भारी नुकसान उठान पड़ता है। नगर के बाबा मेला राम, चमरौटी, मल्लाह टोला में तीन से चार फीट तक पानी आ जाता है। पानी आने पर लोग घरों में कैद हो जाते है। जैसे ही सरयू का जलस्तर 70.50 मीटर पर पहुंचेगा, नगर के तीनों मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो जाएगा।
बंधों पर नदी का दबाव बढ़ा दोहरीघाट। सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच बंधों पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। नदी इस समय बंधों से सट कर बह रही है। जिससे बंधों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चिऊटीडांड़ रिंग बंधा, महुला गढ़वल बांध, बीबीपुर बेलौली बंधा, धनौली मुक्तिधाम बंधे पर सरयू की सीधी लहरे टकरा रही है। बीबीपुर-बेलौली बन्धें पर समय सबसे अधिक दबाव आ गया है, जिसके चलते आस-पास के ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है। यदि बंधा कट जाता है तो भयंकर तबाही तटवर्ती इलाको सहित अन्य गांवों में फैलेगी। सिंचाई विभाग द्वारा बन्धो पर बोल्डर गिराकर बन्धे को मजबूत किया जा रहा है।
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