मझवारा बाजार के सब्जी कारोबारियों को मंडी की दरकार
Mau News - मऊ के मझवारा में लगभग 15 वर्ष पहले सब्जी व्यापारियों के लिए नई मंडी का निर्माण किया गया था, लेकिन आज तक इसका संचालन नहीं हो सका है। इससे व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने...

मऊ। घोसी तहसील क्षेत्र अंतर्गत मझवारा में लगभग डेढ़ दशक पूर्व सब्जी व्यापारियों के लिए लाखों रुपये खर्च कर नवीन मंडी का निर्माण हुआ, लेकिन शासन-प्रशासन की उपेक्षा के चलते स्थानीय सब्जी कारोबारियों को इसका लाभ अबतक नहीं मिल पाया है। नतीजा अब भी सब्जी कारोबारियों को मंडी की दरकार है। हाल ये है कि निर्मित नवीन मंडी पशुआश्रय स्थल के रूप में तब्दील हो गई है, जिससे सब्जी व्यापारी मझवारा बाजार में प्रतिदिन शाम को सड़क किनारे अपनी दुकान लगाने के लिए विवश हैं। स्थानीय व्यापारियों ने इस बाबत कई बार जनप्रतिनिधियों से लगाए उच्चाधिकारियों से नवीन मंडी को चालू कराए जाने की मांग भी कर चुके हैं, लेकिन इस ओर किसी प्रकार की कवायद नहीं हो पाई है।
घोसी के मझवारा बाजार स्थित पेट्रोल पंप के पास करीब 15 साल पहले मंडी के लिये लाखों की लागत से नवीन मंडी का निर्माण कराया गया था, लेकिन मंडी तक जाने के लिए रास्ते के अभाव में यह मंडी समिति को हैंडओवर नहीं हो सका। क्षेत्र के बाजार में मंडी के लिये स्थान न होने और घोसी-मझवारा मार्ग पर नवीन मंडी बनने के बावजूद यहां आवागमन की असुविधा के कारण यहां का बाजार रोड की पटरियों पर लगता है, जिससे सब्जी बेचने वाले व्यापारियों से लेकर ग्राहकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो दूसरी ओर सड़क पर इस दौरान जाम की स्थिति बनी रहती है। व्यापारियों की शिकायतों के बाद भी न ही सरकारी तंत्र और न ही जनप्रतिनिधियों ने इसे चालू कराने का प्रयास करने की जहमत उठाई। जिसके बाद बनी इस मंडी की इमारत में झाड़-झंखाड़ ने पांव पसार लिया। यह परिसर अराजकतत्वों का अड्डा बन गई, जबकि इस बीच किसानों को छुट्टा पशुओं से राहत दिलाने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को आवारा पशुओं को आश्रय स्थल में पहुंचाने का आदेश दिया तो क्षेत्र के छुट्टा पशुओं को इस नवीन मंडी को आवारा पशुआश्रय स्थल में तब्दील कर दिया गया, जिसके बाद क्षेत्र के व्यापारियों की आस टूट गई। अपने सपनों पर पानी फिरता देख उनके चेहरे पर मायूसी छा गई।
पशुआश्रय स्थल कहीं अन्यत्र स्थापित करने की मांग
मऊ। घोसी तहसील क्षेत्र अंतर्गत मझवारा में लगभग डेढ़ दशक पूर्व लाखों की लागत से बने नवीन मंडी का लाभ यहां के व्यापारियों को नहीं मिलने से काफी रोष व्याप्त है। व्यापारियों ने जनप्रतिनिधियों और उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए व्यापारियों के हित में नवीन मंडी में चल रहे पशुआश्रय स्थल को कहीं अन्यत्र स्थापित करने की मांग किया है। साथ ही मंडी में जाने के लिए रास्ते का निर्माण कराने के साथ ही व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं को दूर कर बनाई गई पक्की दुकानों को व्यापारियों को एलाट कर मंडी का संचालन करने की मांग की है।
मझवारा बाजार में पेयजल की नहीं है समुचित व्यवस्था
मऊ। घोसी तहसील क्षेत्र के मझवारा बाजार के व्यापारियों ने बताया कि इस बाजार में आस-पास के सेमरीजमालपुर, लुदुहीं, पतिला, मुंगेसर, केरमा, दरियाबाद, पवनी, खैरामुहम्मदपुर और मानिक समेत लगभग 18 गांवों के से लोगों का आवागमन होता है, लेकिन बाजार में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर गर्मी के दिनों में यह समस्या और विकराल हो जाती है। इस बाबत भी कई बार शिकायत के बाद भी जनप्रतिनिधि और उच्चाधिकारी संवेदनहीन बने हुए हैं। व्यापारियों ने आने वाले गर्मी में पेयजल की किल्लत दूर करने के लिए मझवारा बाजार में एक उच्च क्षमता का वाटर कूलर लगाने की मांग की है।
बारिश के मौसम में झेलनी पड़ती है सांसत
मऊ। घोसी तहसील क्षेत्र के मझवारा बाजार में प्रतिदिन शाम को सजने वाली सब्जी मंडी के व्यापारियों की अनेकों समस्याएं हैं। इनमें से एक बारिश के मौसम में दुकान लगाने में होने वाली परेशारी भी शामिल हैं। व्यापारियों ने बताया कि मंडी के अभाव में हम लोग खुले आसमान के नीचे अपनी दुकान लगाते हैं। ऐसे में बारिश के दिनों में हमारा व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है। बारिश के समय दुकान लगाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शिकायतें
- सड़क किनारे सब्जी की दुकान लगने से प्रतिदिन जाम से होती है परेशानी।
- बड़े वाहनों के निकलने से दुर्घटना की बनी रहती है आशंका।
- पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से होती है परेशानी।
- पक्की दुकानें नहीं होने से बारिश के मौसम में कारोबार होता है प्रभावित।
- नवीन मंडी का निर्माण होने के बाद भी व्यापारियों को नहीं मिल रहा लाभ।
सुझाव
- जाम से बचने के लिए नवीन मंडी का संचालन शुरू किया जाए।
- मझवारा बाजार में शाम को दुकान लगने के समय बड़े वाहनों का प्रवेश बंद हो।
- पेयजल के लिए उच्च क्षमता का वाटर कूलर लगाया जाए।
- नवीन मंडी में संचालित पशुआश्रय स्थल को कहीं अन्यत्र स्थापित किया जाए।
- निर्मित नवीन मंडी की दुर्व्यवस्था दूर कर पक्की दुकानों को व्यापारियों को किया जाए एलाट।
बोले व्यापारी
नवीन मंडी का यदि संचालन हो जाता तो किसानों को अन्य सुविधाएं भी मिलने लगती। पक्की दुकान मिलने से सब्जियों को सुरक्षित रख पाते। साथ ही सामुदायिक शौचालय और पेयजल की भी सुविधा मिलती।
- उपेन्द्र प्रजापति
सब्जी की दुकान लगाने के लिये उचित स्थान न होने के कारण रोड के किनारे शाम का बाजार लगता है, जिससे आम लोगों को भी काफी परेशानी होती है और जाम की स्थिति बनी रहती है।
- प्रफुल्ल राय
मण्डी की सुविधा न होने के कारण ठंडी, गर्मी और बरसात के दिनों में खुले आसमान के नीचे दुकान लगाना पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। नवीन मंडी चालू हो तो राहत मिले।
- चन्द्रपाल मद्धेशिया
नवीन मंडी का निर्माण हुआ तो आस जगी की अब सड़क पर दुकान लगाने से मुक्ति मिलेगी, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद मायूसी ही हाथ लगी है। सड़क पर दुकान लगाना विवशता है।
- रितिक गुप्ता
15 साल पहले नवीन मंडी का निर्माण कराए जाने के बावजूद वहां तक पहुंचने के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं कराया जा सका। रास्ते के अभाव में किसान और व्यापारी सड़क की पटरियों पर दुकान लगाने के लिए विवश हो गए।
- विमल कुमार मौर्या
नवीन मंडी को अगर चालू करा दिया जाता तो मझवारा बाजार को जाम की समस्या से मुक्ति मिल जाती और व्यापार में भी बढ़ोतरी होती। व्यापारियों को पक्की दुकानें एलाट होने से काफी राहत मिल जाएगी।
- अरविंद राय
मंडी को चालू कराने की मांग
मझवारा में बाजार लगाने के लिए निर्मित नवीन मंडी को चालू कराने को लेकर जनप्रतिनिधियों और उच्चाधिकारियों से कई बार मांग की गई है। पुन: प्रशासन को पत्र भेजकर इसे चालू कराने का प्रयास किया जाएगा, जिससे व्यापारियों की समस्या का समाधान कराया जा सके।
रामायन वर्मा, उपाध्यक्ष, व्यापार मण्डल
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