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नियम न कानून, मुसीबत बने ई-रिक्शा

Mau News - मऊ में ई-रिक्शा चालकों के लिए न तो कोई नियम है और न ही कानून। नाबालिग चालक तेज रफ्तार से सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे जाम और हादसों का खतरा बढ़ता है। रूट प्लान बनाकर भी उसका पालन नहीं हो रहा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊSat, 18 Jan 2025 12:57 AM
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मऊ। ई-रिक्शा चालकों के लिए न तो कोई नियम है और न ही कानून। शहर में नियम-कायदों को ताक पर रखकर ई-रिक्शा दौड़ाए जा रहे हैं। यही नहीं लालचवश ई-रिक्शा की कमान नाबालिगों के हाथ में पहुंच गई है। साथ ही एक-दूसरे से आगे निकलने और सवारियां भरने की होड़ में इन वाहनों के चालक तेज रफ्तार से सड़क पर चलते हैं और कहीं भी अचानक ब्रेक लगाकर खड़े हो जाते हैं। वहीं, पूर्व में ई-रिक्शा को रूट प्लान के हिसाब के संचालन की योजना भी बनाई थी, लेकिन वह भी विफल हो गई। इससे सड़क पर अन्य वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिले में संभागीय परिवहन विभाग के अनुसार चार हजार से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, जबकि यह आंकड़ा इससे कई गुना अधिक है। इनमें से करीब दो हजार ई-रिक्शा शहर में संचालित होते हैं। संभागीय परिवहन नियमों के मुताबिक ई-रिक्शा, ऑटो, टैक्सी समेत किसी भी वाहन का बिना रजिस्ट्रेशन संचालन नहीं किया जा सकता है, लेकिन शहर में तकरीबन पांच सौ से अधिक ई-रिक्शा का संचालन बिना रजिस्ट्रेशन के हो रहा है। बिना नंबर के ई-रिक्शा से अपराध होने पर उसे पकड़ना आसान नहीं होगा। साथ ही इन सभी ई-रिक्शा संचालकों को रूट प्लान के हिसाब के संचालन की योजना बनाई गई थी, जो विफल हो गई है। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी का आलम ये है कि शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहा और सड़कों पर ई-रिक्शा का ही कब्जा है। शहर के बाल निकेतन, भीटी, रोडवेज, मुंशीपुरा, गाजीपुर तिराहा, फातिमा चौराहा, आजमगढ़ मोड़, कलक्ट्रेट समेत अन्य प्रमुख बाजारों और चौराहों पर ई-रिक्शा की भरमार और चालकों के मनमानी के कारण आए दिन शहरवासी जाम के झाम से जूझ रहे हैं। शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाकों में खतरनाक तरीके से ई-रिक्शा चलाए जा रहे हैं। सवारियां इनमें क्षमता से अधिक बैठाई जा रही हैं। कभी-कभी तो देखने में भी डर लगता है कि सवारियां बैठाने के चक्कर में चालक बड़े ही गलत ढंग से अपने वाहन को चलाता है। इतना सब कुछ होने के बाद भी न तो परिवहन निगम के अफसर गंभीर हैं और न ही ट्रैफिक पुलिस। सिविल पुलिस की तो बात ही छोड़िए। जिस तरह से ई-रिक्शा जगह-जगह खड़ाकर सवारियां भरी जा रही हैं, उससे शहर में जाम लग रहा है। चाहें यह प्रमुख स्थान हों या फिर छोटे रास्ते, जाम में फंसकर लोगों को भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चेकिंग के नाम पर पुलिस खानापूरी करती है, जिससे ई-रिक्शा चालकों के हौसले बढ़े हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि हर चौराहे पर यातायात पुलिस का पहरा होने के बाद भी ई-रिक्शा चालकों की मनमानी जारी है।

तय किए गए थे रूट प्लान

मऊ। शहर में काफी संख्या में ई-रिक्शा का संचालन होने से दूर-दूर तक दोनों ओर ई-रिक्शा ही नजर आते हैं। इसी परेशानी को देखते हुए बीते दिनों यातायात पुलिस ने लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए रूट प्लान तैयार किया। जिसके बाद तय हुआ कि ई-रिक्शा का संचालन रुट के हिसाब से किया जाएगा। संभागीय परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने ई-रिक्शा की जानकारी जुटाई थी, जिसके बाद ई-रिक्शा का संचालन रूट के हिसाब से करने के आदेश दिए थे। सभी ई-रिक्शा संचालकों को रूट नंबर भी दिए गए थे, लेकिन एक सप्ताह भी इस प्लान का पालन नहीं हो पाया था। अब तो स्थिति और खराब हो गई है।

ई-रिक्शा के लिए ये बनाया गया था रूट प्लान

एक:-बलिया मोड़ से भीटी, गाजीपुर तिराहा, कचहरी मोड़

दो:-बलिया मोड़ से भीटी, अंधा मोड़, बाल निकेतन, रोडवेज, रेलवे स्टेशन

तीन:-भीटी से मुसरदह, सरवा, रणवीरपुर

चार:-बढुवा गोदाम से गाजीपुर तिराहा, आजमगढ़ मोड़, रोडवेज, रेलवे स्टेशन

पांच:-रेलवे स्टेशन से रोडवेज, बाल निकेतन, सदर चौक, रौजा, मिर्जाहादीपुरा, मतलूपुर

छह:-आजमगढ़ मोड़ से मुंशीपुरा ओवरब्रिज, सलहाबाद मोड़, मिर्जाहादीपुरा, मतलूपुर

नाबालिग चालक बन रहे हादसों की वजह

मऊ। शहर में ई-रिक्शा लोगों के लिए दिन प्रतिदिन समस्या बनते जा रहे हैं। कई ई-रिक्शाओं को नाबालिग बच्चे चला रहे हैं। इनके पास न तो वाहन चलाने का अनुभव है और न ही लाइसेंस। इनकी लापरवाही के कारण सड़क पर हादसों का खतरा बढ़ गया है। लापरवाही के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके अलावा ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक माल और यात्री बैठाकर चलते हैं।

ई-रिक्शा स्टैंड की कमी से भी परेशानी

मऊ। शहर में ई-रिक्शा के लिए कोई निर्धारित स्टैंड नहीं बनाया गया है। चालक सड़क किनारे ही अपने वाहन खड़े कर देते हैं, जिसकी वजह से यातायात बाधित होता है और जाम की स्थिति बन जाती है। हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। जाम और हादसों को रोकने के लिए शहर में ई-रिक्शा स्टैंड बनाया जाना आवश्यक है, जिससे की जाम और हादसों को कम किया जा सके।

शहर में नहीं है चार्जिंग प्वाइंट

मऊ। शहर में हर महीने ई-रिक्शा की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इन्हें चार्ज करने के लिए कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं है। ऐसे में चालक घरेलू बिजली से ही इसे चार्ज कर रहे हैं, जबकि नियमानुसार यह गलत है। इलेक्ट्रिक वाहनों को 11-एस विधा के बिजली कनेक्शन पर ही चार्ज किया जा सकता है।

शिकायतें

- ई-रिक्शा अक्सर अचानक खड़े हो जाते हैं और सड़क जाम हो जाती है।

- ई-रिक्शा चालक क्षमता से ज्यादा सवारी ढोते हैं।

- कुछ ई-रिक्शा चालक यात्रियों के साथ-साथ माल भी ढोते हैं।

- कई ई-रिक्शा चालकों के पास लाइसेंस और नंम्बर प्लेट नहीं होता।

- ई-रिक्शा चार्ज करने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

सुझाव

- शहर में दो स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाए।

- सत्यापन के बाद ही ई-रिक्शा चलाने की अनुमति मिले।

- चार से अधिक सवारी पर रोक लगनी चाहिए।

- केवल नंबर वाले ई-रिक्शा का ही संचालन होना चाहिए।

- स्थाई ई-रिक्शा स्टैंड बनाए जाएं, जिससे सभी को सहूलियत मिलेगी।

बोले लोग

शहर में कम दूरी जाने के लिए ई-रिक्शा के अलावा कोई विकल्प नहीं है। विवशता में इसका सहारा लेना पड़ता है। सुरक्षा के लिहाज से अधिक सवारी बैठाना गलत है।

- कन्हैया सोनकर।

शहर में तेजी से ई-रिक्शा बढ़ रहे हैं। यह ठीक है, लेकिन इनकी मनमानी भी बढ़ रही है। रिक्शा वाले चार से अधिक सवारी लाते हैं, जिससे हादसे का खतरा रहता है।

- प्रकाश जायसवाल।

दुकानों के बाहर सड़क पर लंबी-लंबी लाइन में ई-रिक्शा खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे ग्राहक दुकान में आने में परेशान हो जाता है। विभाग को ठोस कदम उठाना चाहिए।

- राजनाथ।

ई-रिक्शा सामान ले जाने को ठीक रहता है, लेकिन यह जाम और परेशानी का भी कारण बनते हैं। इनका संचालन नंबर के हिसाब से होना चाहिए।

- बृजेश मिश्र।

शहर में एक ई-रिक्शा के अड्डे बनने चाहिए। इन अड्डों से ही ई-रिक्शा संचालन किया जाए। इससे शहर के लोगों के साथ ही चालकों की परेशानी बचेगी।

- बृजेश भारती।

संकरी सड़कों पर इतने ई-रिक्शा दौड़ने से कारों और बाइकों से रेंगते हुए लोगों को अपने कार्यालयों और जरूरी कार्यों के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे समय अधिक लगता है। ई-रिक्शा का नियम के अनुरूप संचालन किया जाए।

- अभिषेक चौहान।

अभियान चलाया जाएगा

ई-रिक्शा चालकों को लेकर लगातार अभियान चलाया जाता है। इनके चालान भी किए जाते हैं। शहर में ई-रिक्शा के संचालन के लिए छह रूट बनाए गए हैं। जिसके अनुरूप संचालन कराया जा रहा है। अगर कहीं तय रूट से अलग ई-रिक्शा का संचालन मिला तो कार्रवाई भी होगी, इसके लिए एक बार फिर अभियान चलाया जाएगा।

- श्याम शंकर पांडेय, यातायात निरीक्षक, मऊ।

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