मौसम का बदला मिजाज, दिन भर रुक-रुक होती रही बूंदाबांदी
मऊ । संवाददाता मौसम का मिजाज सोमवार की भोर से ही बदला-बदला रहा। सोमवार की
मऊ । संवाददाता
मौसम का मिजाज सोमवार की भोर से ही बदला-बदला रहा। सोमवार की भोर से ही शुरु हुई बंदाबांदी पूरे दिन रुक-रुक कर होता रहा। पूरे दिन रुक-रुक बारिश की हल्की फुहारों के कारण लोगों को भीषण गर्मी व उमस से काफी राहत मिल गया और मौसम काफी सुहाना हो गया। हालांकि हल्की बारिश की फुहारों के कारण विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर जल जमाव के कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके मौसम खुशगवार होने से किसानों के भी चेहरे काफी खिल उठे हैं। किसानों का कहना है कि मौसम परिवर्तन के कारण हुई यह बारिश मक्का व सब्जी की खेती के लिए संजीवनी साबित होगा।
नगर समेत ग्रामीण अंचलों में हल्की बारिश की फुहारों के कारण मौसम काफी सुहाना रहा। सोमवार की अल सुबह से ही तेज हवा के साथ हल्की बारिश शुरु हो गया था। मौसम का मिजाज अचानक बदलने से उमस व गर्मी से लोगों को काफी राहत मिल गया और लोग काफी खुश नजर आए। उधर हल्की बारिश से जहां लोगों को गर्मी से निजात मिल गया वहीं दूसरी तरफ किसानों के भी चेहरे खिले हुए नजर आए। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पूरे दिन रुक-रुक कर हुई हल्की बारिश की फुहारों से धान की बोआई व रोपाई के साथ ही जुताई करने के लिए भी काफी लाभकारी होगा। हल्की बारिश से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है। रतनपुरा क्षेत्र के किसान राम सिंह यादव ने बताया कि आज की बारिश से मक्का की फसल अच्छी होगी। साथ ही साथ बताया कि सब्जी की फसल के लिए बारिश संजीवनी साबित होगा। किसान राजेश कुमार राजभर ने बताया कि संडा धान की रोपाई के लिए डाली गई धान की नर्सरी तेज धूप के कारण खराब हो रही थी, लेकिन अब सुधर जाएगी। कोपागंज निवासी किसान जयप्रकाश ने बताया कि मौसम के करवट लेने के कारण हुई बारिश से खेत की जोताई हो जाएगी और धान की नर्सरी डालने के लिए खेत तैयार हो जाएगा। उधर पहसा संवाद सूत्र के अनुसार रात्रि लगभग तीन बजे शुरु हुई बूंदा-बांदी सुबह होते होते हल्की बारिश में बदल गई जो रुक-रुक कर दिन भर चलती रही। इस बरसात से तापमान में कमी आई। जिससे गर्मी से परेशान लोगों को काफी राहत मिली।
सर्दी, खांसी से बचें लोग: डॉ. राहुल राय
मऊ। राहुल हास्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राहुल राय ने सलाह देते हुए बताया कि बारिश में भीगने से लोग बचें। क्योंकि भीगने से सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार होने के साथ सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। कोरोना काल में तो और भी बारिश में भीगने से बचना चाहिए। डॉ. राहुल राय ने कहा कि बदले हुए मौसम के दौरान और अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है।
धान की नर्सरी के लिए बरसात बनी संजीवनी
पहसा। हल्की बरसात से एक तरफ जहां आम जन को भीषण तपन एवं उमस से राहत मिली, वहीं खेतों में पड़ी धान की नर्सरी को भी जैसे इन वर्षा की बूंदों ने संजीवनी प्रदान किया। विगत 1 सप्ताह से किसानों ने धान की नर्सरी डालना शुरू किया। किंतु अचानक मौसम में तपिश बढ़ी जिससे किसान चिंतित हो गए थे। उनका मानना था कि तपिश से धान की नर्सरी को नुकसान होगा ।किंतु आज हुई हल्की बरसात एवं उससे तापमान में आई गिरावट ने किसानों एवं उनकी धान की नर्सरी को काफी राहत प्रदान किया।
जमा पानी से राहगीरों को परेशानी
कोईिरयापार। क्षेत्र स्थित कोईिरयापार-खुरहट सम्पर्क मार्ग पर कोईिरयापार बाजार के पास पहली हल्की बारिश में ही सड़क पर कीचड़युक्त जल जमाव से प्रशासन की पोल खुल गयी है। वही दूसरी तरफ हल्की बारिश से सड़क के बीचोबीच बने बड़े बड़े गड्ढों की वजह से कीचड़युक्त जल जमाव बना हुआ है। जिसमे फंसकर राहगीर चोटिल हो रहे है। इस सम्पर्क मार्ग के गोदाम घाट पर पुल निर्माण कार्य सम्पन्न होने से आवागमन तेज हो गया है।
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