गणेश चतुर्थी: पुत्र की दीर्घायु के लिए रखा व्रत
Mau News - गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन माताओं ने अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा। मंदिरों में भारी भीड़ रही और पूजा-अर्चना की गई। बाजारों में चहल-पहल बनी रही, जहां लोग पूजा की सामग्री...
मऊ। सुबह से ही सर्द हवा के साथ हाड़ कंपा देने वाली ठंड के कारण लोग ठिठुरे रहे थे, लेकिन माताओं के चेहरे पर कहीं कोई शिकन नहीं दिख रही थी। बेटे के दीर्घायु के लिए व्रत को लेकर उत्साह के भाव दिख रहे थे। मौका था मंगलमूर्ति की आराधना का विशेष दिन गणेश चतुर्थी का था। जिले भर में शुक्रवार को भक्तिभाव से मनाया गया। माताओं ने अपने बच्चों की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा। देर शाम चंद्र दर्शन कर अर्घ्य दिया। ततपश्चात पूजन-अर्चन और भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया। अनेक नामों से जाने जाने वाली यह चतुर्थी अत्यंत शुभदायक मानी जाती है। चतुर्थी का शुभ पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में आने वाले समस्त प्रकार के कष्टों को दूर करने में मदद मिलती है। चौथ का व्रत जीवन में सुख समृद्धि लाता है। इस व्रत को संतान के लिए श्रेष्ठ माना गया है। वहीं, नगर क्षेत्र के पावर हाउस मंदिर, शीतला माता मंदिर, आजमगढ़ मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर, रोडवेज स्थित दुर्गा, फातिमा मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में महिलाओं की भारी भीड़ दर्शन को उमड़ पड़ी तो घर-घर में एक दंत दयावंत चार भुजाधारी की स्तुति की गई। माताओं द्वारा रखा जाने वाला यह व्रत बच्चों की शिक्षा में आने वाली बाधा को भी दूर करने वाला माना गया है। संतान पर भगवान गणेश की कृपा और आशीष बना रहता है। इस क्रम में संकट चौथ पर माताओं ने अपने बच्चों के लिए व्रत रखा। दूसरी तरफ भविष्यपुराण में ऐसा कहा गया है कि मनुष्य जब-जब भारी संकट में हो और खुद को संकटों और मुसीबतों से घिरा महसूस करे या निकट भविष्य में किसी अनिष्ट की आशंका हो तो उसे संकष्टी चतुर्थी का व्रत करना चाहिये। इससे इस लोक और परलोक में सुख मिलता है। इस व्रत को करने से व्रती के समस्त कष्ट दूर हो जाते है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से विद्यार्थी को विद्या और रोगी को आरोग्यता की प्राप्ति भी होती है। संकट चौथ पर मिट्टी से भगवान गणेश की मूर्ति बनाकर पूजा किया गया। गणेश जी को पीला वस्त्र पहनाया गया और शाम को चंद्रमा को जल देकर व्रत सम्पन्न किया। व्रतियों ने भगवान गणेश को तिल, गुड़, गन्ना, फल आदि का भोग लगाकर परिवारीजनों में प्रसाद वितरित किया।
बाजारों में बनी रही चहल-पहल
मऊ। गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत को लेकर शुक्रवार को बाजार में भीड़भाड़ बनी रही। महिलाएं खरीदारी करती नजर आई। शहर के सहादतपुरा, भीटी, गाजीपुर तिराहा सहित दोहरीघाट, मधुबन, अमिला, घोसी आदि बाजार में पूजा को लेकर दुकानें सजायी गई थी। जहां लोगों ने पूजा से संबंधित सामग्री की खरीदारी की। बाजारों में जगह-जगह तिल, लाई से बने लड्डू बिकते रहे, जहां पूजा करने वालों की भीड़ लगी रही। तिल से बने पकवानों से घरों में महिलाएं पूजन सामग्री बनाने में मशगूल रहीं। वहीं, रात को अर्घ्य देने से पहले थाली में पूजा सामग्री को सजाकर पूजन के लिए पहुंचीं। जहां अर्घ्य देने के साथ ही परिवार के सुख-शांति समृद्धि और लंबी आयु की कामना की गई। त्योहार को लेकर सुबह से शाम तक बाजार में चहल-पहल बनी रही।
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