छाता चीनी मिल शुरू होने की जगी उम्मीद
Mathura News - -छाता शुगर मिल के लिए बजट में 50 करोड़ का है प्रावधान -लॉजिस्टिक हब और
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योगी सरकार ने छाता शुगर मिल के लिए 2000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल एवं लॉजिस्टिक हब वेयर हाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान करके संजीवनी प्रदान की है। वर्ष 2009 में तत्कालीन सरकार की नीतियों से बंद हुई छाता शुगर मिल की पुनर्स्थापना की घोषणा के बाद यहां पहले से काम चल रहा है, जिसे अब रफ्तार मिलने की उम्मीद है। बताते चलें कि छाता शुगर मिल वर्ष 1975 में बनकर तैयार हुई थी। मिल की शुरुआत वर्ष 1978 में क्षेत्रीय विधायक बाबू तेजपाल ने कराई थी। यह मिल आगरा मंडल की इकलौती मिल थी जिसकी कुल क्षमता 1250 टीसीडी थी। करीब 46 हजार किसान शुगर मिल को गन्ने की आपूर्ति करते थे। वर्ष 2009-2010 में गन्ना मिल को घाटे में दिखाकर बंद कर दिया गया था। इसके बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने गन्ना मिल को बेचने की तैयारियां कर ली। छाता किसान संघर्ष समिति हाईकोर्ट से स्टे ले आई। वर्ष 2012 में सपा सरकार आई तो छाता शुगर मिल चालू होने की उम्मीद जागी। किसानों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर शुगर मिल को चालू कराने की मांग की। पूर्व विधायक ठाकुर तेजपाल सिंह ने भी मामले को विधानसभा में उठाया था। इसके बाद भी हालात जस के तस रहे। इसके बाद भाजपा की सरकार आई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छाता शुगर मिल को चालू करने की घोषणा के बाद शासन ने छाता शुगर मिल की जमीन के बाजार मूल्य की जानकारी प्रशासन से मांगी थी।
तत्कालीन डीएम मलप्पा बंगारी को शुगर मिल के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव मिश्रा ने रिपोर्ट सौंपी थी। इसे शासन को भेज दिया गया। रिपोर्ट में जानकारी दी गई थी कि मिल 100 एकड़ में फैली हुई थी। इसमें से 17 एकड़ जमीन हाइवे के चौड़ीकरण में चली गई। जमीन के एक हिस्से में फैक्ट्री, कुछ हिस्से में फार्म और कुछ हिस्से में कर्मियों के क्वार्टर और झाड़ियां हैं। इस बंद पड़ी मिल की करीब 225 करोड़ रुपए से पुनर्स्थापना के कार्य को योगी सरकार पहले ही हरी झंडी दे चुकी है। इसका कार्य एक से डेढ़ वर्ष में पूरा करा करने का लक्ष्य रखा गया है।
योगी सरकार ने बजट में छाता शुगर मिल के लिये 50 करोड़ रुपये एवं गन्ना भुगतान के लिये 475 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे मथुरा में गन्ना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। छाता, कोसी आदि क्षेत्र में गन्ना का पुनः उत्पादन बढ़ेगा। यह शुगर मिल दो दशक से बंद पड़ी हुई है, जिसकी पुर्नस्थापना का कार्य चल रहा है।
अवतार सिंह, किसान
जनपद के गन्ना उत्पादक किसानों को समय से भुगतान न मिलने एवं छाता शुगर मिल बंद होने से बहुत से किसान गन्ना उत्पादन छोड़ चुके हैं। अब बजट में गन्ना भुगतान व मिल के लिए प्रावधान होने से किसान फिर से गन्ना उत्पादन से जुड़ेगा। योगी सरकार का यह प्राविधान गन्ना किसानों के हित में है, जिससे गन्ना किसानों की उम्मीदें बढ़ी हैं।
राम कुमार एडवोकेट, संयुक्त सचिव-मथुरा टैक्स बार
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