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डीपीआरओ के साथ ब्लॉक प्रमुख द्वारा जमीन खरीदने पर उठे सवाल

Mathura News - मथुरा की डीपीआरओ किरण चौधरी को रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। उनके द्वारा नौहझील ब्लॉक प्रमुख सुमन चौधरी के साथ मिलकर पानीगांव में जमीन खरीदने के मामले में सवाल उठने लगे हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराSat, 22 Feb 2025 03:50 AM
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डीपीआरओ के साथ ब्लॉक प्रमुख द्वारा जमीन खरीदने पर उठे सवाल

मथुरा। रिश्वत के आरोप में विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार डीपीआरओ किरण चौधरी के बैनामे सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। नौहझील ब्लॉक प्रमुख सुमन चौधरी और किरण चौधरी द्वारा मिलकर पानीगांव क्षेत्र में जमीन खरीदी गई है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी डीपीआरओ किरण चौधरी के साथ नौहझील ब्लॉक प्रमुख द्वारा जमीन खरीदे जाने से सवाल खड़े होने लगे हैं। विदित हो कि झुड़ावई के ग्राम प्रधान पप्पू से 70 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में डीपीआरओ किरण चौधरी और उनका रिटायर्ड ड्राइवर बिजेन्द्र सिंह को विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके बाद से डीपीआरओ से जुड़े तमाम प्रकरण निकलकर सामने आ रहे हैं। आगरा की विजिलेंस टीम भी लगातार मथुरा आकर मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है। विजिलेंस टीम कई बार डीपीआरओ कार्यालय में आ चुकी है। अब इसी मामले में डीपीआरओ किरण चौधरी और नौहझील की ब्लॉक प्रमुख सुमन चौधरी द्वारा संयुक्त रुप से खरीदी गई जमीन के कागजात भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह जमीन पानीगांव में खरीदी गई है। इसे लेकर लोगों में नेता और अधिकारी के गठजोड़ की चर्चा होने लगी हैं।

ब्लॉक प्रमुख बोलीं कुछ गलत नहीं किया

इधर बैनामे वायरल होने पर नौहझील ब्लॉक प्रमुख सुमन चौधरी ने कहा है कि जिस जमीन खरीद के सम्बन्ध में बैनामे सोशल मीडिया पर वायरल किये जा रहे हैं, वह जमीन कृषि भूमि है। वहां ना ही कोई सडक मार्ग पर है, ना हीं कॉमर्शियल प्रयोग की है। वह दूर जंगल में विशुद्ध रूप से खेती की जमीन है, उस पर आज भी खेती हो रही है। एक जमीन का टुकड़ा 3 विशे है। जिसकी मालीयत 407000 एवं दूसरी 5.82 विशे है, जिसकी मालीयत 778800 है। उक्त दोनों जमीनों में उनका हिस्सा 4.41 विशे है, जिसकी कीमत मात्र लगभग 5.92 लाख रुपये है। उनका इसमें एक बीघे का पांचवा हिस्सा है। सुमन चौधरी ने कहा है कि एक निश्चित सीमा से जमीन का रकवा कम होता है तो उसका बैनामा वर्गगज में होता है। बैनामा कराने पर रशीद शुल्क रजिस्ट्री ऑफिस में काटी जाती है। रशीद शुल्क का खर्चा कम कराने के लिए उक्त जमीनों का बैनामा उन्होंने सम्मिलित रुप से कराया था। इसमें किसी प्रकार की कोई अनियमितता उन्होंने नहीं की है और ना ही उक्त जमीन बहुत कीमती एवं महत्वपूर्ण है। सुमन चौधरी ने कहा है कि जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी पूर्व में वर्ष 2006 से 2017 तक लगभग 11 साल सेठ बीएन पोद्दार कॉलेज मथुरा में लेक्चरर थीं। उस वक्त वह उनकी कॉलोनी में ही रहती थीं। इसलिए उनका किरण चौधरी से पड़ोसी के नाते संबंध था। नौहझील ब्लॉक प्रमुख ने कहा है कि उनके राजनैतिक विरोधी इस मामले में राजनीति कर रहे हैं।

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