महावन तक नहीं पहुंची विकास की किरण

नगर पंचायत महावन जनपद की सबसे पुरानी नगर पंचायत होने के साथ-साथ तहसील मुख्यालय भी है। इसके बावजूद कस्बे को आज तक पिछड़ेपन से निजात नहीं मिल सकी है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों के बीच चुनाव ने भी...

हिन्दुस्तान टीम मथुराThu, 23 Nov 2017 06:40 PM
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नगर पंचायत महावन जनपद की सबसे पुरानी नगर पंचायत होने के साथ-साथ तहसील मुख्यालय भी है। इसके बावजूद कस्बे को आज तक पिछड़ेपन से निजात नहीं मिल सकी है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों के बीच चुनाव ने भी हलचल मचा रखी है। लोग चाहते हैं कि नगर पंचायत की कमान ऐसे व्यक्ति के हाथ में होनी चाहिए, जो यहां की समस्याओं से भली-भांति परिचित हो। उसमें समस्याएं हल कराने का जज्बा भी होना चाहिए।

हिन्दुस्तान टीम द्वारा कस्बे की समस्याओं पर नजर डाली गई तो हालात बेहद खराब मिले। धार्मिक आस्था का केन्द्र होने के बाद भी यहां के लोगों की शिकायत है कि आज तक किसी ने भी कस्बे के विकास पर ध्यान नहीं दिया। चुनावों में बड़े-बड़े वायदे करने वाले भी चुनाव जीतने के बाद गायब ही हो गए। रोजगार के साधन तक यहां विकसित नहीं किए गए, जिसके चलते युवा बेरोजगारी के शिकार हैं। 13 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र में एक भी उच्च शिक्षा संस्थान या तकनीकि शिक्षा संस्थान नहीं है। स्वास्थ्य. सुविधा के नाम पर भी कुछ नहीं। सिर्फ दो कमरों में स्वास्थ्य सेवाएं चल रही हैं। एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय भी है, जिसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा।

खेलकूद का मैदान न होने की वजह से निठल्ले बैठे युवा नशाखोरी की चपेट में आ रहे हैं। इसके चलते घरों में झगड़े भी बढ़ रहे हैं। सफाई व्यवस्था न होने की वजह से जगह-जगह गंदगी से ढेर लगे हुए हैं। न तो नियमित सफाई ही होती है और न ही कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था है। गंदगी के चलते मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। मुख्य मार्ग व बाजार में अतिक्रमण के चलते वाहन चालक व राहगीरों को निकलना मुश्किल है।

लोग चाहते हैं कि कुछ नहीं तो कम से कम स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए। धार्मिक आस्था के केंद्र होने की वजह से यहां बेहतर सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। तहसील मुख्यालय होने की वजह से क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में यहां आते हैं, लेकिन उनको भी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।

इन समस्याओं का होना चाहिए समाधान

-तीर्थ यात्रियों के लिए आधुनिक रैन बसेरे बनें

-मुख्य मार्गों एवं बाजारों से अतिक्रमण हटवाएं

-आवारा पशुओं और बंदरों का हो इंतजाम

-कस्बे में सीवेज सिस्टम स्थापित किया जाए

-सार्वजनिक स्थलों पर शौचालयों का हो निर्माण

-कस्बे में नियमित सफाई की हो व्यवस्था

-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराएं

-नालियों का निर्माण व सफाई की हो व्यवस्था

-गलियों व बाजारों में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं

मुख्य मार्गों से हटे अतिक्रमण

नगर के मुख्य मार्ग और बाजारों में अतिक्रमण का बोलबाला है। बस स्टैंड, बल्देव गढ़, व्यापारी मोहल्ला, बंदी दरवाजा, चौक बाजार, पनिया ढाल सबसे ज्यादा अतिक्रमण की चपेट में हैं। स्थानीय लोग तो परेशान हो ही रहे हैं। महावन से गुजरने वाले वाहन चालक भी इस समस्या से परेशान है। सड़क मार्ग संकरा होने की वजह से आए दिन जाम के हालात रहते हैं। प्रशासन को अभियान चलाकर इस समस्या से निजात दिलानी चाहिए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी खुलें

तहसील मुख्यालय होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर यहां सिर्फ एक आयुर्वेद अस्पताल है। वह भी मात्र दो कमरों में संचालित हो रहा है। इसके चलते लोगों को छोटी-छोटी बीमारी को मथुरा जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ती है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुलना चाहिए।

डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाए

कस्बे में शिक्षा स्तर बेहद खराब है। इंटर कॉलेज जरूर है, लेकिन एक भी डिग्री कॉलेज नहीं। इसके चलते छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए मथुरा जाना पड़ता है। इतना ही नहीं आज तक यहां तकनीकि शिक्षण संस्थान तक स्थापित नहीं हो सका, जिससे लोग शिक्षा वंचित हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत छात्राओं को उठानी पड़ रही है, वे उच्च शिक्षा से वंचित हैं। डिग्री कॉलेज खोलने की मांग कई बार उठ चुकी है, लेकिन इस पर आज किसी ने कोई प्रयास नहीं किए। लोग चाहते हैं कि यहां जल्द ही एक डिग्री कॉलेज खोला जाए।

मिनी खेल स्टेडियम का निर्माण जरूरी

भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली होने के बावजूद यहां एक भी खेल मैदान न होना युवाओं के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। कस्बे के युवाओं का न तो शारीरिक विकास ही हो पा रहा है और न ही उनकी प्रतिभा में निखार हो रहा है। नगर पंचायत ने भी आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कस्बे में नगर पंचायत की काफी जगह बेकार पड़ी है, जहां खेल मैदान बन सकता है। इस दिशा में शासन को भी मिनी स्टेडियम बनाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि युवाओं की प्रतिभा का निखार हो सके।

पौराणिक महत्व के अनुरूप बने विकास की योजना

महावन। भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली महावन का चौरासी खंभा मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। इस प्राचीन स्थल के दर्शनों को देश-विदेश के भक्त यहां आते रहे हैं। परंतु, यह क्षेत्र आज तक विकास से वंचित है। शासन-प्रशासन ने कस्बे के सुनियोजित विकास को कोई योजना तैयार नहीं की। यही वजह है कि यहां के बाशिंदे पिछड़ेपन के दौर से गुजर रहे हैं।

गोकुल और बलदेव के बीचों बीच महावन का पौराणिक महत्व रहा है। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने बाल लीलाएं कीं। यहीं प्राचीन ब्रह्मांड घाट भी है। इस स्थान पर ही माता यशोदा को भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मुख में ब्रह्मांड के दर्शन कराए थे। पास ही प्राचीन चिंताहरण महादेव का मंदिर है। कहा जाता है कि द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए हिमालय से आए भोलेनाथ इसी स्थान पर धूनी रमा कर बैठे थे। इनके अलावा महावन में खेलनवन व उखल बंधन जैसे प्राचीन स्थल भी हैं। मथुरा-सादाबाद मुख्यमार्ग के दोनों ओर विकसित कस्बा अब तहसील मुख्यालय भी है, परंतु इसके विकास के लिए आज तक कोई योजना नहीं बनी। सुनियोजित प्लान न बनने से कस्बा पिछड़ेपन की दौर से गुजर रहा है।

प्राचीन धार्मिक स्थलों तक न तो बेहतर सड़कें हैं और न ही सफाई व्यवस्था है। प्रकाश के इंतजाम भी नहीं हैं। इसके चलते यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं भी आहत हो रही हैं। स्थानीय निवासी चाहते हैं कि पौराणिक महत्व के इस स्थल का विकास इसके स्वरूप के अनुरूप होना चाहिए, ताकि अपने अस्तित्व को खो रहे इस तीर्थस्थल को बचाया जा सके।

महावन को करें तीर्थ स्थल घोषित

पौराणिक महत्व का स्थान होने की वजह से महावन को तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग लंबे समय से उठती रही है, लेकिन किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यह वह स्थल है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने बाल लीलाएं कीं। ब्राह्मण समाज द्वारा इस मुद्दे को लेकर काफी समय से मांग की जा रही है।

खीरमोहन और खरबूजे भी हैं पहचान

पौराणिकता के साथ-साथ कस्बा महावन की पहचान यहां के खीरमोहन और खरबूजे की खेती भी है। यहां बनने वाले खीरमोहन दूर-दूर तक जाते हैं, जबकि खरबूजे की मिठास भी सबसे ज्यादा है। परंतु, उपेक्षा के चलते यह प्रसिद्ध वस्तुएं भी अपनी पहचान खोती जा रही हैं।

बोले लोग...

वार्ड नंबर चार की गली में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था बिल्कुल नहीं है। कूड़ेदान तक नहीं रखवाए गए हैं। पेयजल आपूर्ति को लगे नल भी खराब पड़े हुए हैं।

-पिंकी कर्दम

वार्ड नंबर छह में चारों तक तरफ गंदगी की भरमार है। मच्छरों का भारी प्रकोप है, जिससे भारी बीमारियां पनप रही हैं। सफाई कोई व्यवस्था नहीं है।

-मुरारीलाल शर्मा

वार्ड नंबर 8 में कस्बे के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए विकास नहीं हुआ है। श्रद्धा और आस्था का केंद्र होने के बावजूद भी महावन बेनूर है।

-अतुल सारस्वत

वार्ड नंबर सात में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। नगर में चारों तरफ गंदगी का आलम है।

-दिनेश स्वामी

कस्बे में बंदरों का भारी आतंक है। बंदरों ने जीना हराम कर रखा है। नगर पंचायत ने आज तक बंदरों को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया।

-घसीटा

कस्बे का वार्ड नंबर एक गंदगी से अटा पड़ा है। नियमित सफाई तक नहीं हो रही है। अतिक्रमण एवं जर्जर विद्युत तारों से आए दिन हादसे का डर बना रहता है।

-अनीश कुमार

कस्बे में प्रकाश व्यवस्था न होने से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। रात्रि में चोर-उचक्कों का भय बना रहता है। गलियां ही नहीं, मुख्य मार्ग भी अंधेरे में है।

-परमानंद धनगर

बलदेव रोड पर मुख्य मार्ग पर ब्रेकर न होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई बार बच्चे तक चुटैल हो चुके हैं। स्थानीय निवासियों की शिकायत पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया है।

-छत्रपाल सिंह

कस्बे के प्रमुख मंदिरों के आसपास भीषण गंदगी है। खासकर चौरासी खंभा मंदिर पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।

-आलोक सारस्वत

मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण का बोलबाला है। तमाम लोगों के राशन कार्ड नहीं बने हैं। इससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस समस्या का समाधान होना चाहिए।

-विष्णु चौधरी

जलभराव की कस्बे में सबसे बड़ी समस्या है। हालत यह है कि बारिश के दिनों में घरों में जलभराव हो जाता है। पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैं।

-सेजू

मुख्य बाजार में आवारा पशुओं का आतंक है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। खंभों पर लगीं विद्युत लाइटें भी लंबे समय से खराब पड़ी हुई हैं।

-सत्यानंद

गली में घर के सामने पानी भर जाता है। सड़क तो ऊंची कर दी गई है, लेकिन पानी की निकासी के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

-भजनलाल माहौर

यहां मुख्य मार्ग पर फुटपाथ तक नहीं बनाए गए हैं, जिससे आए दिन राहगीर व बच्चे वाहनों की चपेट में आकर जख्मी हो रहे हैं। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

-जाकिर

मोहल्ला सोती पाड़े में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही कोई खेल मैदान है, जिसके चलते युवा प्रतिभाएं कुंठित हो रही हैं। नगर पंचायत को खेल मैदान बनवाना चाहिए।

-पवन यादव

क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए मथुरा जाना पड़ता है। इस परेशानी के चलते तमाम बालिकाएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं।

-ओमप्रकाश

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