Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मथुराSpecial Mangala Aarti at Banke Bihari Temple on Krishna Janmashtami

बांकेबिहारी मंदिर में मध्यरात्रि हुईं मंगला आरती

वृंदावन, हिन्दुस्तान संवाद बांकेबिहारी मंदिर में मध्यरात्रि हुईं मंगला आरतीबांकेबिहारी मंदिर में मध्यरात्रि हुईं मंगला आरतीबांकेबिहारी मंदिर में मध्यर

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराWed, 28 Aug 2024 01:00 AM
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विश्व विख्यात ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंगलवार को मनायी गई। वर्ष भर में मात्र एक ही दिन होने वाली विशेष मंगला आरती मध्य रात्रि 1:55 बजे पर सम्पन्न हुईं। जिसमें प्रशासनिक आदेश के चलते सीमित संख्या में ही लोग सम्मिलित हुए। मंगलवार सुबह से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आराध्य बांकेबिहारी महाराज के दर्शनों के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ने लगा। सुबह से लेकर देर रात तक ठाकुरजी के दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से आए भक्तों का तांता लगा रहा। प्रशासनिक आदेश के अनुसार मंगलवार सुबह मंदिर के पट 7:45 से 12 बजे तक खुले। श्रृंगार आरती सुबह 7:55 बजे और राजभोग आरती दोपहर 12 बजे हो गई। शाम को 5:30 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक दर्शन हुए और शयनभोग आरती के दर्शन हुए। दिनभर मंदिर परिसर में लल्ला के जनम का हल्ला सुनाई देता रहा। परस्पर एक-दूसरे को बधाई तथा उपहार देते हुये समस्त समुदाय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानों सभी को सुपुत्र स्वरूप सांवरे सलोने की प्राप्ति हुई हो। पूरा दिन मंदिर परिसर ठाकुर बांकेबिहारी लाल की जैजैकार और नंद घर आनंद भये जै कन्हैया लाल की, हाथी दीने, घोड़ा दीने और दीनी पालकी की सुमधुर ध्वनियों से गुंजित होता रहा। मंदिर में दोनों ही समय भारी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचे। मंगल आरती दर्शन के वक्त भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा लेकिन मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालु रहे।

मंदिर सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि जन्माष्टमी की रात्रि में 12 बजे मंदिर गर्भगृह के अंदर ही सेवायतों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, शक़्कर, इत्र, यमुनाजल, केवड़ा व अन्य पदार्थों से बांकेबिहारी महाराज का दिव्य महाभिषेक कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। मंदिर की परम्परानुसार इसके दर्शन भक्त परिकर को नहीं हुए। श्रीकृष्ण जन्म के इसी समय मंदिर चबूतरे पर भक्तों को श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण करायी गयी। इसके उपरांत रात 1:55 बजे साल में मात्र इसी दिन होने वाली विशेष मंगला आरती उतारी गई। प्रशासनिक आदेश का पालन करते हुए गत वर्ष की तर्ज पर इस बार भी मंगलआरती के दौरान सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश मिला। इससे सभी व्यवस्थायें दुरुस्त रहीं, हालांकि कुछ लोग इससे असंतुष्ट भी नजर आये।

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