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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मथुराSindhi Community s Painful Memories of August 14 1947 Partition

अपने ही देश में शरणार्थी होने का दंश झेला था सिंधी समाज ने : किशोर

14 अगस्त 1947 को सिंध को भारत से अलग करके पाकिस्तान बनाया गया, जिससे सिंधी समाज को गहरा दर्द मिला। लेखक किशोर इसरानी ने बताया कि विभाजन ने उन्हें अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया। उन्होंने सरकार से...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराWed, 14 Aug 2024 08:01 AM
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स्वतंत्रता दिवस की खुशी से पहले 14 अगस्त 1947 इतिहास की वह तारीख है, जिसने सिंधी समाज को कभी नहीं भूलने वाला दर्द दिया है। इस दिन भारत से सिंध को अलग करके उसे पाकिस्तान राष्ट्र घोषित कर दिया गया था। यह बंटवारा देश का नहीं, बल्कि दिल, रिश्तों और भावनाओं का भी हुआ था। विभाजन का दंश झेल चुके सिंधी समाज के लेखक विचारक किशोर इसरानी ने कहा कि सिंधी समाज ने अपने ही देश में शरणार्थी होने का दंश झेला था। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि भारत की प्राचीन सभ्यता का सबूत है सिंध, जिसे स्वतंत्रता के बदले विभाजन की भेंट चढ़ा दिया गया। हमारे बुजुर्ग अपने ही देश में बेगाने हो गए। जिनका जन्म अखंड भारत के सिंध में हुआ, उनको अपने ही देश में शरणार्थी का ठप्पा मिला, जबकि सिंधी हिन्दू किसी बाहरी देश से नहीं आये थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के माध्यम से हमारे दर्द को समझा है, बस उनके ऊपर से शरणार्थी का लेबल हटा दिया जाए।

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