बोले मथुरा: खादर के पानी घाट क्षेत्र में बदहाली का 'हुड़दंग'
Mathura News - दुर्गापुरम और हुड़दंग नगर कॉलोनी के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यमुना खादर क्षेत्र में बसे होने के कारण यहां बिजली, पानी, और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। स्थानीय लोग वर्षों से समस्याओं...

परिक्रमा मार्ग से लगा हुआ यमुना खादर के पानी घाट क्षेत्र में बसी दुर्गापुरम कॉलोनी और हुड़दंग नगर में लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। खादर क्षेत्र होने के कारण अभी तक यहां पर बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 10 से 15 वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। सड़क के नाम पर तो यहां केवल गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। बरसात के दिनों में यह पूरी कॉलोनी एक टापू के रूप में तब्दील हो जाती है। जनप्रतिनिधि चुनाव के समय हमारे वोट बड़े लंबे चौड़े वादे कर करके प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन जो वादे करते हैं वह कभी धरातल पर पूरे होते दिखाई नहीं देते हैं। क्षेत्रीय वाशिंदों का कहना है कि वृंदावन की सबसे बदहाल कॉलोनी यदि कोई है तो वह दुर्गापुरम व हुड़दंग नगर कॉलोनी है।
दुर्गापुरम एवं हुड़दंग नगर कॉलोनी पूरी तरह से यमुना खादर क्षेत्र में बसी हुई है। कॉलोनी में लगभग पांच हजार से अधिक छोटे-बड़े मकान हैं। इन मकानों में लगभग 12 हजार की आबादी निवास करती है। इस आबादी में अधिकांशता आबादी गरीब एवं निम्न आय वर्ग के लोगों की है, वहीं मध्यम वर्गीय परिवार भी एक बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। साथ ही सैंकड़ों संतों के मठ, मंदिर, आश्रम और गोशालाएं स्थापित हैं। बावजूद इसके दुर्गापुरम कॉलोनी और हुड़दंग नगर वर्षों से बिजली, पानी, सड़क और सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव को झेल रहा है। हिन्दुस्तान समाचार-पत्र द्वारा आयोजित संवाद में स्थानीय लोगों ने बताया कि वे वर्षों से यहां नारकीय जीने को मजबूर हैं, लेकिन शासन प्रशासन के साथ-साथ सांसद, विधायक, महापौर, पार्षद कोई भी जनप्रतिनिधि हमारी समस्याओं के समाधान को लेकर जागरूक नहीं है।
सड़क की बात करें तो अधिकांश कॉलोनी के रास्ते पूरी तरह से जर्जर है। आज तक कालोनी के अधिकांश हिस्सा में आईसीसी की रोड तो क्या इंटरलॉकिंग सड़क भी लोगों को देखने को नहीं मिली है, जिसके चलते पूरी कॉलोनी के पहुंच सड़क मार्ग गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। कॉलोनी के कुछ इलाकों में सीवर लाइन डाली गई है, लेकिन वह भी पूरी तरह से चोक हो चुकी है। चोक पड़ी सीवरों का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर इन सड़कों पर बहता रहता है। पानी का निकास न होने के चलते कीचड़ व दलदल जैसी स्थिति रास्तों पर वर्षों से बनी हुई है, वहीं यदि बिजली की बात करें तो कॉलोनी में जगह-जगह बिजली के खंबे लगे हुए हैं, लेकिन इन खंभो पर बिजली के तार झूलते हुए नजर आते हैं।
अधिकांश जगह करंट की स्थिति से बचने के लिए लोगों ने बांस के खंबे बनाकर बिजली के तारों को साध रखा है। झूलते तारों से कोई दुर्घटना घटित नहीं हो जाए। पेयजल के लिए तो यहां लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है। यमुना खादर का क्षेत्र होने के बावजूद भी पेयजल लाइन न होने के चलते कॉलोनी के अधिकांश लोग पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर है रोजमर्रा के कामों के लिए भी लोगों को पानी खरीदना पड़ता है। क्षेत्रीय वाशिंदों का आरोप है कि मानवजीवन में पानी सबसे बड़ी जरूरत है। इसके बावजूद यहां पीने का पानी भी लोगों को नसीब नहीं है। कॉलोनी में विद्युत सप्लाई की स्थिति भी बेहद खराब है। कई कई घंटों की बिजली कटौती यहां के निम्न वर्ग के लोगों को झेलनी पड़ती है।
गंदगी सबसे बड़ी समस्या, सड़कों पर बहता है गंदा पानी
दुर्गापुरम और हुड़दंग नगर कॉलोनी की पहचान गंदगी बन चुकी है। कॉलोनी में प्रवेश करते ही सड़कों पर सीवर का बहता गंदा पानी लोगों के लिए नासूर बन चुका है। सफाई व्यवस्था को लेकर यहां पर कोई कार्य धरातल पर होता हुआ दिखाई नहीं देता। कॉलोनी के अधिकांश हिस्सों में गंदगी और कूड़े करकट के ढेर लगे हुए हैं। गंदे पानी के जलभराव के चलते पूरी कॉलोनी में दुर्गंध उठती रहती है, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। मुख्य मार्ग पर सड़क और नाली न बनने के कारण गंदा पानी हर समय कॉलोनी के पहुंच सड़क मार्गों पर बहता हुआ दिखाई देता है।
स्थानीय लोग का कहना है कि दुर्गापुरम व हुड़दंग नगर के लिए गंदगी तो जी का जंजाल बन चुकी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कॉलोनी में सफाई व्यवस्था की मांग को लेकर नगर निगम के अधिकारियों से और स्थानीय पार्षद से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गुहार सुनकर अधिकारी चुप हो जाते हैं। आज तक उनकी गुहार पर सफाई को लेकर कोई अभियान उनकी कालोनी में नहीं चलाया गया। पूरी कॉलोनी में गंदगी का भयंकर साम्राज्य है।
वर्षों से कॉलोनी में पेयजल की तो बात छोड़िए स्थानीय रोजमर्रा के दैनिक कार्यों के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं है। पानी बाजार से खरीद कर लाना पड़ता है। पेयजल जल के साथ-साथ रोजमर्रा के पानी की सप्लाई की व्यवस्था होनी चाहिए।
-भूरा सिंह
बिजली सप्लाई और प्रकाश की व्यवस्था की बात करें तो कॉलोनी वासी अपने को ठगासा महसूस करते हैं । कॉलोनी के अधिकांश हिस्से शाम होते ही अंधकार में डूब जाते हैं। स्ट्रीट लाइट अधिकांश खराब पड़ी हुई हैं, जिन्हें वर्षों से सही ही नहीं किया गया।
-अभिनव सिंह
मां दुर्गा के नाम पर बनी दुर्गापुरम कॉलोनी में शक्ति का कोई भी रूप दिखाई नहीं देता। कॉलोनी के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। अधिकांश मूलभूत सुविधाओं का अभाव वर्षों से बना हुआ है। लोग आजिज आ चुके हैं, लेकिन कर कुछ नहीं सकते।
-सुनील पुंडरी
कॉलोनी में कहीं पर कोई पक्की सड़क देखने को भी नहीं मिलती है 5000 से अधिक घरों की आबादी के लिए आज के आधुनिक समय में कॉलोनी में सड़क ना होना अपने आप में ताज्जुब की बात है। गड्ढों में सड़क या सड़कों में गड्ढे यहां अनुमान लगाना बेहद कठिन है।
-राजेन्द्र सैनी
दुर्गापुरम और हुड़दंग नगर कॉलोनी में समाज के सभी वर्ग के लोग रहते हैं। अधिकांश निम्न एवं गरीब वर्ग के लोग यहां निवास करते हैं, जो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। ऐसे लोगों का जीवन जन समस्याओं से बुरी तरह से घिरा हुआ है।
-पंचम शर्मा
यमुना खादर में बसे होने के कारण शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधि हमेशा से ही अपेक्षा करते आए हैं, लेकिन हम सभी लोगों ने रजिस्ट्री कराकर यहां पर अपने मकान बने हैं। बिजली पानी आदि की मांग समय-समय पर करते रहते हैं, लेकिन कोई हमारी मदद नहीं करता।
-दिनेश जादौन
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