Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मथुराNandotsav Celebration in Gokul Joy Dance and Devotion Mark the Occasion

गोकुल में गूंजा, नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन मंगलवार को भक्तों का रेला गोकुल की ओर बढ़ चला। अंधेरा छंटने से पहले ही यहां भक्तों की भीड़ पहुंच गई। यहां हर धूमधाम स

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराWed, 28 Aug 2024 01:01 AM
share Share

अजन्मे के जन्मोत्सव की उमंग खत्म भी नहीं हुई थी कि मंगलवार की सुबह नंदोत्सव का नया उल्लास लेकर लौटी। गोकुल के नंदभवन से उठी नंद घर आनंद भयै जय कन्हैया लाल की स्वर ब्रज की गलियों तक पहुंचे। कहीं उपहार लुटाए गए तो कहीं खिलौनों की बरसात हुई। खुशी से महिला-पुरुष वृद्ध और बच्चे तक घंटों थिरकते रहे। गोकुल का नंदचौक आकर्षण का केन्द्र बना रहा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर हुए जन्मोत्सव के बाद पौराणिक मान्यता के अनुरूप अंधेरी रात में कान्हा गोकुल में नंदबाबा के घर पहुंचे तो समूचे गोकुलवासी उल्लास में डूब गए। गोकुल के घरों से लेकर गलियों तक तोरण से सजाए गए। सुबह होते ही नंदभवन नंदकिले से शहनाई और ढोल-नगाड़ों की गूंज ने हर किसी को उल्लासित कर दिया। श्रद्धालुओं का अथाह समुद्र इस छोटे से कस्बे में उमड़ पड़ा। चप्पे-चप्पे पर श्रद्धालु अटे नजर आए। गोकुल की गलियों में भी पांव रखने तक की जगह नहीं बची। जगह-जगह भक्तों के समूह कान्हा के जन्म की खुशी में झूमते रहे। सुबह 11 बजे से नंदभवन नंदकिले से लाला की पालकी (शोभायात्रा) निकाली गयी तो श्रद्धालुओं का समूह साथ हो लिया। पालकी में विराजमान ठाकुरजी और कृष्ण-बलराम के स्वरूपों पर पुष्प वर्षा होती रही। बजरिया होते हुए यह पालकी नंदचौक (रास चबूतरा) पहुंची तो हर कोई खुशी से झूम उठा। रास चबूतरा पर भीड़ समा नहीं पा रही थी। खुशी इस कदर थी कि श्रद्धालुओं को न तो धक्का-मुक्की की परवाह थी और न ही किसी अव्यवस्था की।

गोकुल के ग्वाल-बालों के साथ भक्त समूह घंटों तक थिरकता रहा। दही मिश्रित हल्दी की हांडियां लेकर गोपियां और ग्वाले पहुंचे तो उल्लास और चरम पर पहुंच गया। खुदा बख्श बाबूलाल शहनाई पार्टी ने नंदोत्सव की बधाईयों की तान छेड़ी तो हर कोई झूम उठा। भक्त समूह पर हल्दी मिश्रित दही की बरसात होने लगी। हर कोई हल्दी और दही के रंग में सराबोर हो गया। तत्पश्चात, पालके में विराजमान ठाकुरजी को पुजारियों ने झुलाया और फल-मेवा, बतासे के साथ खिलौने लुटाए। इस प्रसाद को लूटने की भक्तों में होड़ मची रही। प्रसाद लूटने के लिए लालायित भक्त एक-दूसरे पर चढ़ गए। कोई गिरा तो कोई संभला। उत्साह और उल्लास यहां हर किसी के चेहरे पर नजर आया। गोकुल की गोपिका और गोप समूह के नृत्य ने हर किसी को थिरकने पर मजबूर कर दिया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें