Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मथुराIf the proposed forest land is rejected then the proposal for golden forest again

प्रस्तावित वनभूमि खारिज होने पर पुन: सुनरख वन का प्रस्ताव

मथुरा। पीडब्ल्यूडी की दो लम्बित सड़क परियोजनाओं के लिए वन भूमि का प्रस्ताव खारिज होने के बाद पुन: सुनरख वन की भूमि को प्रस्तावित किया गया है। वहीं इसके साथ ही अब इन दोनों सड़क परियोजना का फोरलेन के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराSat, 21 Dec 2019 07:45 PM
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पीडब्ल्यूडी की दो लम्बित सड़क परियोजनाओं के लिए वन भूमि का प्रस्ताव खारिज होने के बाद पुन: सुनरख वन की भूमि को प्रस्तावित किया गया है। वहीं इसके साथ ही अब इन दोनों सड़क परियोजना का फोरलेन के स्थान पर 10 मीटर चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाने लगा है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2016 में मथुरा-गोवर्धन-डीग एवं कोसीकलां-गोवर्धन-सौंख-मथुरा मार्ग के फोरलेन किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी। इसके लिए शासन ने मथुरा-डीग के लिए 136 करोड़ एवं कोसी-गोवर्धन-सौंख-मथुरा मार्ग के लिए करीब 338 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए थे। इसका काम भी तेजी से शुरु हुआ, लेकिन इसमें आढ़े आ रहे करीब 16 हजार पेड़ इसमें बाधक बने हैं। इसके लिए विभाग को दस गुने पौधारोपण के लिए करीब 155 हैक्टेअर भूमि वन विभाग को देनी है। जो पहले करीब 400 हैक्टेअर के सुनरख वन में प्रस्तावित थी।

इसकी प्रक्रिया में विलम्ब पर शासन के हस्तक्षेप से फिरोजाबाद और आगरा में वन भूमि चयनित की गई। जिसे सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान निरस्त कर दिया। इसके बाद अब पीडब्ल्यूडी ने पुन: सुनरख वन की भूमि का प्रस्तावित किया है। इसके साथ ही इसमें इसके बाद भी अड़चन आने पर इन दोनों सड़क परियोजनाओं को फोरलेन के स्थान पर 10 मीटर चौड़ा किए जाने का भी प्रस्ताव भी विचाराधीन है। यदि जल्द ही भूमि का प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो पाता है तो इन दोनों सड़कों को 10 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा।

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