दहेज हत्या में पति और सास को 10-10 वर्ष की कैद
दहेज की खातिर विषाक्त देकर विवाहिता की हत्या करने वाले पति और सास को एडीजे/एफटीसी प्रथम जहेन्द्रपाल सिंह ने 10-10 वर्ष और 5-5 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। ननद को अदालत ने साक्ष्य न होने के...
दहेज की खातिर विषाक्त देकर विवाहिता की हत्या करने वाले पति और सास को एडीजे/एफटीसी प्रथम जहेन्द्रपाल सिंह ने 10-10 वर्ष और 5-5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। ननद को अदालत ने साक्ष्य न होने के अभाव में बरी कर दिया। शासन की ओर से इस मामले की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता भगत सिंह आर्य द्वारा की गई।
सुल्तानपुरी, नई दिल्ली निवासी महेन्द्र ने अपनी बहन गीता का विवाह 4 फरवरी 2012 को 32, सिविल लाइन थाना सदर बाजार निवासी रवि नेगी उर्फ रविन्द्र पुत्र नारायन सिंह के साथ किया था। शादी के बाद से ही पति रवि, सास मीना देवी व ननद ज्योति विवाहिता से अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे थे। दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर 1 जून 2012 को ससुराल वालों ने गीता को जहर खिला दिया था। इलाज के दौरान निजी चिकित्सालय में गीता की मौत हो गई थी। भाई महेन्द्र ने पति रवि, सास मीना देवी व ननद ज्योति के खिलाफ दहेज की खातिर बहन की हत्या करने की रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद पति, सास व ननद के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। मामले की सुनवाई एडीजे/एफटीसी प्रथम जहेन्द्रपाल सिंह की अदालत में हुई। दोनों ओर से कुल 8 गवाह अदालत में पेश हुए। अदालत ने पति रवि व सास मीना देवी को दहेज की खातिर गीता देवी को हत्या का दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के कारावास और 5-5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा का निर्णय सुनाया। निर्णय सुनाए जाने के बाद पति और सास को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। सहायक शासकीय अधिवक्ता भगत सिंह आर्य ने बताया कि पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर अदालत ने ननद ज्योति को बरी कर दिया।
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