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बोले मथुरा: आपने बोला तो हुकूमत ने सुना

Mathura News - हिन्दुस्तान ने 100 दिनों में मथुरा शहर की 100 समस्याओं को उठाया और प्रशासन के सामने रखा। कई समस्याओं का समाधान किया गया, जिससे प्रभावित लोगों ने धन्यवाद दिया। इस अभियान ने समुदायों की आवाज को सुनने का...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराWed, 23 April 2025 03:32 AM
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बोले मथुरा: आपने बोला तो हुकूमत ने सुना

हिन्दुस्तान ने 100 दिनों में शहरभर की 100 समस्याओं को बोले मथुरा के माध्यम से प्रकाशित किया। तीर्थनगरी की तमाम ऐसी समस्याओं को अपनी आवाज बनाकर प्रशासन और संबंधित विभागों के आगे रखा। इनमें से कई समस्याओं का समाधान भी कराया, जिसके लिए प्रभावित लोगों ने आपके अखबार हिन्दुस्तान का धन्यवाद भी दिया। वहीं कई समस्याएं ऐसी भी रही, जिनके समाधान का अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया गया है। बोले मथुरा के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अभियान में हमने लोगों की समस्याओं को न केबल उठाया, बल्कि उनकी समस्या हिन्दुस्तान में लगने के बाद हुकूमत ने उनका समाधान भी किया। हमने जहां विभिन्न गली-मोहल्ले, कॉलोनियों की समस्या को उठाया, वहीं उद्यमियों, छात्र-छात्राओं, खिलाड़ियों, रंग कर्मियों, आकाशवाणी के कंपेयर-एनाउंसरों, शिक्षकों, संविदा कर्मियों, विभिन्न समाज, महिला शिक्षकों की आवाज भी हम बने। बोले के असर का ही परिणाम था कि लोग स्वयं संपर्क कर अपनी आवाज को बोले द्वारा हुकूमत तक पहुंचाने का प्रयास करने लगे। बोले की एक नहीं कई उपलब्धियां रहीं कि लोगों ने कहा धन्यवाद हिन्दुस्तान।

मथुरा बोले ने 100 दिनों में महानगर के तमाम क्षेत्रों में संपर्क किया। यह मथुरा बोले का ही असर था कि रंगकर्मियों को रियायती दर पर पॉच्जन्य ऑडिटोरियम मिलने लगा, स्टेडियम को दो कोच मिल गये। बिजली संविदा कर्मियों को उनके कार्य करने के उपकरण मिल गये, विभिन्न बाजारों से अतिक्रमण हटा दिया गया। गौरानगर में सफाई में लापरवाही बरती जा रही थी, बोले द्वारा इसकी जानकारी मिलने पर नगर आयुक्त ने मुख्य स्वच्छता निरीक्षक को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी।

विद्यार्थियों की समस्या थी लाइब्रेरी की। बोले ने इसे आवाज दी। परिणाम यह हुआ कि बीएसए कॉलेज के प्राचार्य ने प्रयास किये और कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार होगी, जो 2467 होगी। जहां विभिन्न कंपटीशन की तैयारी भी छात्र कर सकेंगे। वृंदावन के कांशीराम कॉलोनी के जर्जर आवासों का मुद्दा जब बोले में लगा तो डीएम सीपी सिंह ने उनकी हालत सुधारने के निर्देश दे दिये। एक और महत्वपूर्ण कार्य बोले ने किया, वह था वर्षों से परेशान सिंधी समाज को अपनी धर्मशाला के आगे से अतिक्रमण से मुक्ति मिल गयी।

मुहिम का लक्ष्य- लोगों से संवाद:

समाज के ऐसे तबके से भी संपर्क और निकटता बनाई जो अमूमन अखबारों की नजर में नहीं रहते, खुद भी लाइम लाइट से दूर हैं। साथ ही, जिन तक अखबारों की आंशिक या एकदम पहुंच नहीं होती लेकिन समस्याओं से घिरे होते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में बदलाव की पहल।

तरह-तरह से संपर्क

चयनित समूहों के प्रमुख लोगों से पहले टेलीफोनिक संपर्क, उन्हें बोले मथुरा का मंतव्य समझाना, चर्चा के लिए स्थान और समय तय करना। उन समूहों की ओर से निर्धारित स्थान पर संवाद शैली में चर्चा। इस दौरान संबंधित वर्ग के गौरवशाली अतीत, दुश्वारियों से घिरे वर्तमान और भवष्यि की संभावनाओं-मांगों पर फोकस।

हिन्दुस्तान ने अपने अभियान में इन कम्युनिटीज पर किया फोकस

मथुरा। हिन्दुस्तान ने अपने बोले मथुरा अभियान के तहत उन सभी वर्गों पर काम किया, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इनमें प्रमुख रूप से आकाशवाणी के केजुअल अनाउंसरों की समस्या, गिलट कारोबार, नाविकों की समस्या, स्वच्छता योद्धा, होली गेट बाजार के कारोबारियों की समस्या, बैंडबाजा कारोबार, पोशाक कारोबार, कुलियों की समस्या, बांके बिहारी मंदिर के पास का बाजार, पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाओं का अभाव, पूर्व सैनिकों के सामने संकट, चार्टर्ड एकाउंटेंट, रेलवे कर्मचारियों की समस्या, सराफा कारोबारियों की परेशानी, कृष्णा नगर का बाजार, कोतवाली रोड के परेशान कारोबारी, सरकारी शिक्षकों की समस्या, अनाज मंडी में फैली अव्यवस्थाएं, तीर्थ पुरोहितों की समस्या, छत्ता बाजार के कारोबारी, गोपीनाथ बाजार के कारोबारी, ईंट भट्टों के कारोबारी और मजदूर, नवनीत नगर कालोनी में सुविधाओं का अभाव, धौलीप्याऊ के कारोबारी और रजक समाज की समस्याओं को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया। इसके अलावा होली के मौके पर बरसाने की लड्डू होली का महत्व भी अपने पाठकों को बोले मथुरा के माध्यम से बताया गया। अभियान के अगले पड़ाव में आपके अखबार हिन्दुस्तान ने शिक्षामित्रों की समस्याएं, महोली रोड के कारोबारी, दिहाड़ी मजदूरों की समस्या, गोवर्धन चौराहा के कारोबारी, रोडवेज कर्मियों की समस्याएं, हरि निकुंज बाजार के कारोबारी, पहलवानों की अनदेखी, डोरी बाजार की समस्याएं, डीडी प्लाजा के कारोबारी, भैंस बहोरा बाजार के कारोबारी, राधापुरम कालोनी के बाशिंदे, ब्यूटी पार्लर का कारोबार, अधिवक्ताओं की समस्या, फार्मासिस्ट की समस्याएं, अभिभावकों समस्या, ढकेल-खोमचा वालों की समस्याएं, गंज वाले बाजार के कारोबारी, -राधिका विहार कालोनी की समस्याएं, भूतेश्वर चौराहा क्षेत्र की समस्याएं, ई-बस चालकों की समस्याएं, आजाद मार्केट के कारोबारी, व्हीकल मैकेनिकों की समस्या, चौबिया पाड़ा क्षेत्र की समस्याएं, सौंख के तेल कारोबारियों की परेशानी, फालैन में होने वाले होलिका दहन का महत्व, गोकुल की छड़ी मार होली, विकास बाजार के बदहाल कारोबारी, प्रेम मंदिर बाजार के कारोबारी, यमुनापार में फैली कूड़े के पहाड़ की समस्या, घीया मंडी के कारोबारी, बल्देव का हुरंगा कराने वाले महंतों से वार्ता, बंदरों के आतंक से परेशान लोगों की पीड़ा, लोई बाजार के कारोबारी, ब्रज के लोक कलाकार, टाउनशिप पर स्थित कांशीराम कालोनी में खौफ में जीने वाले लोगों का दर्द, छात्राओं की सुरक्षा का मुद्दा, महिलाओं के सफर की समस्या, गीता विहार कालोनी की समस्या समेत ट्रांसपोर्ट नगर के कारोबारियों की समस्या को भी प्रशासन और शासन के सामने रखा। इसके अलावा सुखदेव नगर की समस्याएं, दरेसी रोड के कारोबारी, अटेवा: शिक्षक-कर्मचारियों की समस्याएं, बेसिक शिक्षिकाओं की समस्याएं, दुर्गापुरम कालोनी की समस्याएं और माध्यमिक शिक्षकों की समस्याएं प्रकाशित की गईं।

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