नवरात्रों में देवी मंदिरों में गाइडलाइन का पालन कराना होगा बड़ी चुनौती
मथुरा। कोरोनाकाल में जहां लंबे समय तक ब्रज के सभी मंदिर बंद रहे, वहीं अनलॉक के बाद नवरात्र के रूप में मंदिरों के बड़े आयोजन होने वाले हैं। ऐसे में...
कोरोनाकाल में जहां लंबे समय तक ब्रज के सभी मंदिर बंद रहे, वहीं अनलॉक के बाद नवरात्र के रूप में मंदिरों के बड़े आयोजन होने वाले हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मंदिर प्रबंधन और पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी।
आज से शारदीय नवरात्रि के साथ ही शुभ कार्यों के द्वार खुलने जा रहे हैं। इसके लिए देवी मंदिरों में खासी तैयारियां की जा रही हैं। लॉकडाउन में चैत्र नवरात्रों में श्रद्धालु मंदिरों में नहीं पहुंच सके थे। अनलॉक के बाद नवरात्र सबसे बड़े त्योहार है। ऐसे में मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटने की उम्मीद है।
पूजा सामग्री की खूब हुई खरीदारी
नवरात्रि के पूजन की तैयारियों का असर शुक्रवार को बाजार में भी नजर आया। पिछले एक पखवाड़े से खामोशी के दौर से गुजर रहे बाजार में रौनक लौट आई। हालांकि यह रौनक पूजन सामग्री और खाद्य पदार्थों से जुड़ी दुकानों पर ही ज्यादा दिखाई दी। रंगेश्वर मंदिर वाली गली, श्री कृष्ण जन्म स्थान के समीप का बाजार और द्वारकाधीश मंदिर के समीप के बाजार में अधिक भीड़ देखने को मिली। यहां हवन और पूजा सामग्री से लेकर देवी की प्रतिमाएं भी लोगों ने खरीदीं। इसी तरह वृंदावन की कात्यायनी देवी मंदिर के समीप और कोसीकलां के मंदिरों के समीपस्थ बाजारों में भी नवरात्र का पूरा असर दिखाई दिया। बाजारों में खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ रही है। लोगों ने सबसे ज्यादा पूजा सामग्री की खरीद की।
सीमित संख्या में प्रवेश करेंगे श्रद्धालु
नवरात्र को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के सुरक्षात्मक उपायों के साथ मनाने की रणनीति बनाई गई है। एक स्थान पर अधिक भीड़ भाड़ वाली स्थिति से बचा जाएगा। मंदिरों में दर्शन और पूजा अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालु श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा। धीरे-धीरे करके श्रद्धालुओं को मंदिरों के अंदर प्रवेश दिलाया जाएगा। प्रमुख देवी मंदिरों पर व्यवस्थाओं के लिए मजिस्ट्रेट स्तरीय अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
इनसेट
कैंट काली मंदिर में बाहर से करेंगे श्रद्धालु दर्शन
केंट काली मंदिर के सेवायत डॉक्टर रमन टंडन ने बताया कि मंदिर में सभी परंपरागत कार्यक्रम जैसे पूजा अर्चना हवन कीर्तन और फूल बंगला आदि तो लेकिन मंदिर के अंदर श्रद्धालु प्रवेश नहीं करेंगे। श्रद्धालु केवल बाहर से ही मंदिर के दर्शन करेंगे।
10-10 श्रद्धालुओं के प्रवेश पर भी विचार
चर्चा है कि शहर के कुछ देवी मंदिर प्रबंधक अपने यहां 10- 10 की संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि अभी किसी मंदिर ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई घोषणा नहीं की है। दरअसल अभी भी मंदिर प्रबंधक जिला प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।
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