सिर्फ एक-एक रुपये में बेचीं सरकारी टाइल्स

मथुरा। कृष्णापुरी-जीआईसी मार्ग के पुर्ननिर्माण के लिए उखाड़ी लाखों रुपये कीमत की इंटरलॉकिंग ब्रिक्स को मात्र एक-एक रुपये में बेचा जा रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराTue, 26 Nov 2019 11:45 PM
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कृष्णापुरी-जीआईसी मार्ग के पुर्ननिर्माण के लिए उखाड़ी लाखों रुपये कीमत की इंटरलॉकिंग ब्रिक्स को मात्र एक-एक रुपये में बेचा जा रहा है। इसका खुलासा होने पर बड़ी संख्या में ब्रिक्स जब्त करते हुए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण करा रही एजेंसी के खिलाफ तहरीर दी है। ऐसे में एजेंसी को दिया गया ठेका भी निरस्त किया जा सकता है।बताते चलें कि विकास प्राधिकरण द्वारा कृष्णापुरी तिराहे से जीआईसी तक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कराया गया था। इस निर्माण पर करीब 80 लाख रुपये व्यय हुए। अब यहां इंटरलॉकिंग ब्रिक्स को हटाकर डामरीकरण किया जा रहा है। हालांकि पूर्व में बनाई गई सड़क का कुछ भी नहीं बिगड़ा था, लेकिन इसके बावजूद इंटरलॉकिंग के स्थान पर डामर की सड़क स्वीकृत कर दी गयी थी। इस सांसद प्रतिनिधि जर्नादन शर्मा ने भी आपत्ति की थी। इसके बाद भी डामरीकरण के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) को जिम्मेदारी सौंपी गयी। सड़क निर्माण का काम जयपुर की रामसहाय मीना एजेंसी को ठेका दिया गया। एजेंसी द्वारा इंटरलॉकिंग इंटों को निकालने का काम कई दिनों से चल रहा है। इनमें बड़ी संख्या में ईंटें पहले नगर निगम परिसर में रखवाई गयीं। उसके बाद यहां सड़क किनारे एकत्र किया गया। परंतु, उक्त इंटरलॉकिंग इंटों को एक-एक रूपये में बेचा जाने लगा। बताते हैं ये इंटें लक्ष्मीनगर स्थित एक स्थान पर लगायी जा रही थीं। सूचना मिलने पर नगर निगम ने उक्त ईंटों को उखड़वा कर जब्त करा लिया। इसकी सूचना तत्काल सीपीडब्लूडी के अधिकारियों को दी गयीं तो उनमें खलबली मच गयी।सीपीडब्लूडी के सहायक अभियंता मुकेश तिवारी ने इस मामले में संबंधित निर्माण एजेंसी के खिलाफ तहरीर दी है। सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार के एक कर्मचारी ने यह कारनामा किया है। यह भी बताया जा रहा है कि नगर निगम परिसर में रखवाई गयी ईंटों को भी बेचा जाने की संभावना है। बहरहाल, कुछ भी लाखों रुपये की इंटरलॉकिंग ब्रिक्स को मात्र एक-एक रुपये में बेच कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है, जबकि उक्त इंटरलॉकिंग ब्रिक्स से मथुरा शहर की कई जर्जर गलियों का निर्माण कराया जा सकता था। नगर निगम के मुख्य अभियंता पीके मित्तल ने बताया कि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद सीपीडब्लूडी के अधिकारियों को सूचना दे दी गयी थी।

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